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Prabhat Prakashan, Suggested Books, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Shri Guruji : Prerak Vichar (Hindi)
विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के द्वितीय सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य ‘श्रीगुरुजी’ आध्यात्मिक विभूति थे। सन् 1940 से 1973 तक करीब 33 वर्ष संघ प्रमुख होने के नाते उन्होंने न केवल संघ को वैचारिक आधार प्रदान किया, उसके संविधान का निर्माण कराया, उसका देश भर में विस्तार किया, पूरे देश में संघ की शाखाओं को फैलाया।
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Shri Karni Mata Ka Itihas
श्री करणी माता का इतिहास
प्रस्तुत पुस्तक में करणी माता से जुड़ी राजनीतिक एवं धार्मिक घटनाओं से अधिक उनकी मानवतावादी दृष्टिकोण, गौ रक्षा संस्कृति, मातृभूमि प्रेम, सर्वधर्म समभाव, नारी उत्थान एवं पर्यावरण संरक्षण आदि के क्षेत्र में उनका अतुलनीय योगदान, करणी माता से जुड़ी सभी घटनाओं के साथ-साथ इतिहास के पन्नों में छिपी उनकी शिक्षाओं एवं संदेशों आदि को नए रूप में प्रस्तुत किया। जिसके कारण करणी माता लोक देवी के रूप में प्रतिस्थापित हुई। Shri Karni Mata Itihas
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Shri Karni Mata Ke Chamatkar
-15%Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहासShri Karni Mata Ke Chamatkar
श्री करणी माता के चमत्कार
हिन्दू धर्म की यह मान्यता है कि जब-जब धर्म एवं संस्कृति पर संकट आता है तब तब पृथ्वी पर देवी-देवता का अवतरण होता है। मां पार्वती (सती) के वचनानुसार चारण जाति में प्राचीनकाल से वर्तमान तक अनेक देवियों में अवतार लिये है जिसकी एक विस्तृत श्रृंखला है। Karni Mata Ke Chamatkar
चारण जाति ने अवतरित होने वाली देवियों में also श्री बांकल मां, श्री आवड मां, श्री खोडियार मां, श्री गूली मां, श्री होल मां, श्री आशी (आछी) मां, श्री सेसी (छेछी) मां, श्री रूपली मां, श्री बिरवड़ मां, श्री पीठड मां, श्री अम्बाजी, श्री देवल मां सिढ़ायच, श्री लाल बाई मां, श्री फूल बाई मां, श्री देवल मां मीसण, श्री करणी मां, श्री केसर मां, श्री गैदा मां, श्री सिद्धि मां, श्री गुलाल मां, श्री मोगल मां, श्री सैणल मां, श्री कामेही मां, श्री चापल मां, श्री नागबाई मां, श्री राजल मां, श्री गीगाई मां, श्री चन्दू मां, श्री बहुचरा मां, श्री बूट मां, श्री बलाल मां, श्री हरिया मां, श्री देवनगा मां, श्री इन्द्र मां, श्री सायर मां, श्री लूंग मां, श्री सोनल मां, आदि प्रमुख है।
इन सभी देवियों के प्रति आज भी जन-मानस में गहरी श्रद्धा व आस्था हैं। all in all इनके भव्य मन्दिर बने हुए है जहां लक्खी मेले भरे भरे जाते है। श्री करणी माता जन्म से लेकर ज्योर्तिलीन होने तक के इतिहास का वर्णन किया है। मातेश्वरी श्री करणी माता का ज्योर्तिलीन के बाद का भी बहुत चामत्कारिक इतिहास रहा है।
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Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shri Krishna Code 872
भगवान् श्रीकृष्ण की लीलाएँ इतनी सरस तथा रोचक हैं कि उन्हें पढ़ कर मन भगवत्कृपा के अगाध सिन्धु में गोते लगाने लगता है। श्रीकृष्ण-चित्रकथा का यह भाग कुवलयापीड के उद्धार से लेकर भगवान् श्रीकृष्ण के परमधाम-गमन तक नौ सुन्दर तथा चुनी हुई लीलाओं से सजाया गया है। प्रत्येक कथा के दायें पृष्ठ पर उससे सम्बन्धित आकर्षक बहुरंगे चित्र भी दिये गये हैं।
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास
Shri Nathdwara Jagir ka Itihas
श्री नाथद्वारा जागीर का इतिहास :
आचार्य वल्लभ द्वारा प्रदत्त शुद्धादैत दर्शन के तहत पुष्टि सेवा को आराध्य प्रभु श्रीनाथजी के माध्यम से जनसामान्य तक पहुंचाने का कार्य मेवाड़ में महाराण राजसिंह के शासन काल में श्रीनाथद्वारा जागीर से आरम्भ हुआ।
मेवाड़ रियासत सहित अन्य रियासतों ने प्रभु श्रीनाथजी की सेवार्थ यहां के तिलकायतों को समय-समय पर जागीर के रूप में अनेक गांव भेंट किये। शनैः शनैः श्रीनाथद्वारा एक समृद्ध जागीर के रूप में विकसित हुआ ही साथ सगुण भक्ति परम्परा के अनुयायी वैष्णवों का प्रमुख तीर्थ स्थल भी बन गया।
पुस्तक में श्रीनाथद्वारा में मेवाड़ व ब्रज की संस्कृति के समन्वय से निर्मित नवीन समावेशी मिश्रित संस्कृति के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए श्रीनाथद्वारा के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व प्रशासनिक आयामों का विस्तार से विवेचन पुस्तक ‘श्रीनाथद्वारा जागीर का इतिहास’ में प्रस्तुत किया गया है।SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, रामायण/रामकथा
SHRI RAM KI ATMAKATHA
श्रीराम लोकमानस में रचे-बसे हैं। इससे बड़ा सत्य यह है कि श्रीराम से पुराना कोई नाम नहीं है। श्रीराम के चरित्र से हजारों वर्षों से मानव ने स्वयं को पुनीत किया है। भगवान् श्रीराम के हृदय में तो मैत्रीभाव, सौहार्द भाव है। वे विरोधी के कल्याण की ही सोचते हैं।
उनके हृदय में तो बस सबके लिए कल्याण-भाव है। भगवान् श्रीराम के मन में शत्रुभाव का नितांत अभाव है। उन्होंने अपना अनर्थ करनेवाले रावण के प्रति भी हमेशा उदारता दिखाई, समझाया और धर्म की रीति का पालन करते हुए धर्मयुद्ध में राक्षसों का संहार किया। ऐसे श्रीराम की राजकुमार से भगवान् के परमपद तक की जीवन-यात्रा साधना के साथ होना इस पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य रहा है। धैर्यशीलता, सत्यशीलता और कृपाशीलता की संयुक्त झलक श्रीराम के चरित्र में स्थान-स्थान पर मिलती है। उनके अवतरण से समाज में समभाव, और सत्यनिष्ठा, अद्वितीय कर्त्तव्य से पीडि़त, शोषित और वंचितों के सम्मान की श्रीवृद्धि हुई और समाज में जीवन-मूल्यों की स्थापना हुई। पुस्तक में श्रीराम के राजकुमार, ब्रह्मचारी, शिष्य, परिव्राजक, पुत्र, पति, वनवासी, जिज्ञासु, ऋषि-सत्ता के प्रति श्रद्धावान्, परम योद्धा, भ्राता, मित्र, शत्रु, राजा, त्यागी, मर्यादा पुरुषोत्तम आदि सभी रूपों में अनुकरणीय आदर्श के रूप में चरित्र को उकेरने का प्रयास किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक श्रीराम का अयोध्या के राजकुमार से भगवद्पद तक प्रेरक एवं पुनीत प्रस्तुतीकरण है।SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, अन्य कथा साहित्य, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, संतों का जीवन चरित व वाणियां
Shri Ramakrishna Paramhansa
Prabhat Prakashan, अन्य कथा साहित्य, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, संतों का जीवन चरित व वाणियांShri Ramakrishna Paramhansa
There was a priest in Kali Maa’s temple at Dakshineshwar, who remained immersed in divine devotion during his entire lifetime. This book presents his life-story and teachings.
From his childhood till the time that he left his mortal body, his life was replete with various incidents that convey the depth of devotion. These incidents have been narrated with their deeper connotation in this book. This book relates the saga of how human life can go through highs and lows to attain its highest potential.
Written in a simple and lucid manner, this book reveals the hidden deep knowledge behind the conversations between the master, Shri Ramakrishna Paramhansa and his disciples that paved the way to the formation of the Ramakrishna Mission.
Shri Ramakrishna’s honest attitude and his pristine wisdom have the power of awakening devotion in people even today. This book unravels the mysteries behind his peculiar ways, bringing forth the profound wisdom hidden behind his idiosyncrasies.
Let us read the life of this epitome of divine devotion and awaken the thirst for the truth and faith in the divine essence.SKU: n/a -
Manoj Publication, रामायण/रामकथा
Shri Ramcharit Manas- Ramayan (Hindi Edition)
Shri Ramcharitmanas Ramayan (Hindi Edition) by Goswami Tulsidas तुलसीकृत ‘रामचरितमानस’ भारतीयों के गले का हार है,आदर्श व अनुकरणीय है। रामचरितमानस में स्थापित आदर्शों का अनुसरण होता है। रामचरितमानस के धीरोदात्त नायक राम का जीवन तो भारतीयों के लिए एक आदर्श जीवन है। वे एक आदर्श मित्र, आदर्श भाई, आदर्श पुत्र, आदर्श शिष्य, आदर्श प्रजापालक एवं आदर्श राजा थे। उनके द्वारा स्थापित रामराज्य आज भी भारत का राष्ट्रीय लक्ष्य है, जिसे हमें प्राप्त करना है। ‘रामचरितमानस’ विश्व का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य ही नहीं है, यह व्यक्ति के लिए एक आचरण-संहिता भी है, जिसके प्रत्येक पृष्ठ पर जीवन-निर्माण के सूत्र सुसज्जित हैं। आजकल के पाठक को सरल रूप से पढ़ने और आसानी से समझने के लिए इसे नाट्य रूप में प्रस्तुत किया गया है। पृष्ठभूमि को यथारूप में रखने के लिए एक नए पात्र ‘रमायणी’ की अवधारणा की गई है, जो रामलीला के मंचन के समय अनिवार्य रूप से उपस्थित रहता है। आशा है, यह कृति दृश्य एवं श्रव्य प्रसार माध्यमों द्वारा जन-जन तक पहुँचेगी तथा असंख्य लोग इस कृति से अनमोल मोती ग्रहण करके अपने जीवन को सफल बनाकर समाज को समुन्नत करने में अपना योगदान देंगे।
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Shri Shiv Mahapuranam (Code2020)
इस पुराण में परात्पर ब्रह्म शिव के कल्याणकारी स्वरूप का तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना का विस्तृत वर्णन है। इसमें इन्हें पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है। शिव-महिमा, लीला-कथाओं के अतिरिक्त इसमें पूजा-पद्धति, अनेक ज्ञानप्रद आख्यान और शिक्षाप्रद कथाओं का सुन्दर संयोजन है।
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Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shri-Krishna-Ank
भगवान् श्री कृष्ण का चरित्र इतना मधुर है कि बड़े-बड़े अमलात्मा परमहंस भी उसमें बार-बार अवगाहन करके अपने-आपको धन्य करते रहते हैं। इस विशेषांक में भगवान् श्री कृष्ण के मधुर एवं ज्ञानपरक चरित्र पर अनेक सन्त-महात्मा, विद्वान् विचारकों के शोधपूर्ण लेखोंका अद्भुत संग्रह है।
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