-
Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Israel War Diary Book In Hind
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Israel War Diary Book In Hind
इजराइल वॉर डायरी’ पुस्तक में इजराइल और हमास युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। यह पुस्तक युद्ध क्षेत्र से एक रिपोर्टर की आँखों देखी सच्ची कहानी है। 7 अक्तूबर, 2023 को हमास ने इजराइल पर आतंकी हमला किया, जिसके बाद इजराइल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत हो गई। इजराइल और हमास के बीच यह युद्ध आज भी जारी है और इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जब युद्ध की शुरुआत हुई तो विशाल पांडेय भारत से इजराइल पहुँचने वाले पहले भारतीय पत्रकार थे। विशाल ने गाजा बॉर्डर से लगातार 18 दिन तक ग्राउंड रिपोर्टिंग की और अपनी आँखों से युद्धभूमि में जो कुछ देखा और महसूस किया, उसे शब्दों के माध्यम से इस पुस्तक में अंकित किया है। गाजा बॉर्डर से लेकर यरूशलम और फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक तक की एक-एक तसवीर और जानकारी को इस पुस्तक में जगह दी गई है।
इस पुस्तक में आप यह पढ़ेंगे कि कैसे इजराइल और हमास के युद्ध की शुरुआत होती है। हमास आखिरकार इजराइल पर इतना बड़ा हमला कैसे कर पाया ? इजराइल और फिलिस्तीन की लड़ाई कितनी पुरानी है? मध्य पूर्व के देशों पर इस युद्ध का कितना असर पड़ रहा है ? इजराइल और हमास युद्ध के बीच भारत का स्टैंड क्या है ? इजराइल में आतंकी हमलों के पीड़ित लोगों की गवाहियाँ हैं तो फिलिस्तीन के लोगों का भी पक्ष आप यहाँ पढ़ पाएँगे।
इसके अलावा एक रिपोर्टर जब घर से युद्ध के मैदान के लिए रवाना होता है, उसकी क्या चुनौतियाँ होती हैं और किन हालात में वो रिपोर्टिंग करता है, यह सब आपको इस पुस्तक में मिलेगा।
SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Mewar Evam Marathaon Ki Sahasra Varshon Ki Shauryagatha (PB)
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहासMewar Evam Marathaon Ki Sahasra Varshon Ki Shauryagatha (PB)
तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित सरकारों एवं दरबारी इतिहासकारों द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रम में हमें मोहम्मद गोरी से लेकर मुगल शासकों तक का विस्तृत वर्णन तो मिलता है, किंतु हमें यह नहीं बताया जाता कि महाराणा प्रताप के पिता का क्या नाम था, हमें कभी बताया ही नहीं गया कि महाराणा हम्मीर सिंह ने मोहम्मद बिन तुगलक को, महाराणा कुंभा ने मालवा के महमूद खिलजी को, महाराणा साँगा ने तथाकथित दिल्ली सल्तनत के शासक इब्राहिम लोधी को महीनों तक बंदी बनाकर रखा।
यह भी नहीं बताया गया कि मराठा स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज ने एक ही समय में पुर्तगाली, मुगल, अंग्रेज, सिद्दी तथा आदिलशाह आदि विदेशी आक्रांताओं के साथ युद्ध करके उन्हें परास्त किया था। पेशवा बालाजी विश्वनाथ और पेशवा बाजीराव प्रथम के बारे में भी नहीं बताया गया, जिन्होंने न केवल मुगल साम्राज्य को उखाड़ फेंका था, बल्कि दिल्ली के तख्त पर अब कौन सा मुगल बादशाह बैठेगा, यह भी मराठे तय करने लगे थे।
आइए ! मेवाड़ एवं मराठा स्वराज्य की गौरवपूर्ण ऐतिहासिक यात्रा की ओर अग्रसर होते हैं, ताकि हम अपने महापुरुषों द्वारा किए गए पराक्रम का स्मरण कर अपने अस्तित्व को पहचानें और भारत को पुनः विश्वगुरुबनाएँ ।
SKU: n/a -
Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Aas Na Aangane
आस ना आँगणै
अक’ज तारो आसरौ, ओक’ज तारी वात। मात सरसती राखजे, म्हारै माथै हाथ।।
accordingly वागड़ी मंय म्हारी पेहली चोपड़ी “आस ना आँगणै” घणेमान थकी आप सब हुदी पुगाड़ते म्हारा मन मंय घणौ हरख है। घणं वरसं थकी म्हारै मन मों ओक वात हमेस आवती रह्यी के अणा नवा ज़मारा नै नवा ऊसर नं मानवी सप्पा बदलाईग्यं हैं नै जूनी वातै अणी नवी पीड़ी ने कौण वताड़े अर कौण हमझावे? all in all अणां विस्यार हाते म्हें नानूं मोटू लखवूं सरू कर्यु। अटला मों आदरजोग दादा श्री उपेन्द्रजी ‘अणु’, ऋषभदेव, श्री दिनेशजी पंचाल, विकास नगर नै श्री घनश्याम सिंहजी भाटी ‘प्यासा’ नो साथ मल्यौ अर अना लीधै’ज आ चोपड़ी नौ रूप लई आपनै हाथ मों है। Aas Na Aanganealso आणी जातरा मों वागड़ अर वागड़ी नी वात करतै थकै नवा ऊसर नै नवा ज़मारा मों जै वातै जौवा न्हें मलै हैं अर ओम लागे के ई वात अर ई विगत क्य खोवणीं पत्तू ज न्हें है। या’ज विच्यार मन मों उबराताग्या अर म्हूं कौसिस करतौग्यौ। जै वाते विगत म्हारे साथै वीती अर म्हें पण देखी, होंची हमझी या ‘ज वात अर विच्यार आणी चोपड़ी मों लाब्बा नी पूरी कोसिस रह्यी है। औणा हाते जे सबद अवै वागड़ी मों हांबळवा न्हें मलता हैं अर क्यं भी वापरवा मों न्हें आवता हैं औणा सबद नो परिचै करावा नी कोसिस कीदी है। Aas Na Aangane
SKU: n/a -
Hindi Books, Literature & Fiction, Rajasthani Granthagar
Mayad Re Aangane
मायड़ रै आंगणै
कमल पग धरती कन्या लियो अवतार
लुगाई जूंण री अबखायां रौ सबळौ दस्तावेज – ‘मायड़ रै आंगणै’ साहित्य में कहाणी विधा री ठावी ठौड़ मानीजै। हरेक रचनाकार आपरै आसै-पासै री घटनावां सूं घणौ प्रभावित व्हिया करै, इणरौ प्रभाव उण रै लेखन में आया करै। नवोदित रचनाकार तरनिजा मोहन राठौड़ द्मत ‘मायड़ रै आंगणै’ कहाणी संग्रै समाजू हालातां सूं अरूबरू करावण रौ अंक सबळौ जतन है। Mayad Re Aangane
दरअसल राजस्थानी साहित्य में ‘वात’ रौ घणौ महताऊ स्थान है। अलेखूं बातां आज ई राजस्थानी जन-मन में बस्योड़ी है। रात री टेम बूढा-बडेरा धूंई रै चौगीड़दै बातां सुणावतां जकौ कई-कई दिन अर रात चालती रैवती। in fact कई लोग मानै कै औ ‘वात साहित्य’ इज आधुनिक काल तक आवतै-आवतै कहाणी रूप में सांम्ही आयौ। पण भारतीय साहित्य रै परिपेख में देखां तौ लागै कै आज री राजस्थानी कहाणी अंग्रेजी साहित्य रै स्टोरी जवतलद्ध सूं हदभांत जुड़ियोड़ी है। जकौ अंग्रेजी सूं बांग्ला अर बांग्ला सूं हिंदी रै मारफत अठै तांई पूगै। हिंदी साहित्य री बात करां तौ सन् उगणीस सौ रै पैले-दूजै दसक में कहाणी पैलीपोत सांम्ही आई। जदकै राजस्थानी ‘वात साहित्य’ अपांरी अंजसजोग जूनी परंपरा है। अठै आ बात उल्लेखजोग हैं कै राजस्थानी साहित्य में शिवचंद्र भरतिया ‘विश्रांत प्रवास’ कहाणी लिख र नवौ आगाज करियौ।
SKU: n/a -
Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, भाषा, व्याकरण एवं शब्दकोश
Thakur Ramsingh Tanwar Ro Rajasthani Bhasha Aandolan Men Yogdan
-10%Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, भाषा, व्याकरण एवं शब्दकोशThakur Ramsingh Tanwar Ro Rajasthani Bhasha Aandolan Men Yogdan
ठाकुर रामसिंह तंवर रौ राजस्थानी भासा आंदोलन में योगदान
accordingly 20वीं सदी रा प्रसिद्ध राजस्थानी भासा, साहित्य, इतिहास अर संस्कृति री नूवी दीठ सूं अलख जगावण वाळा राजस्थानी मायड़ भोम रा लूंठा ठाकुर रामसिंहजी आपरी भणाई बी.एच.यू. सूं पूरी करियां पछै जद बीकानेर राज रा शिक्षा निर्देशक बणिया उणी समै राजस्थानी ग्रंथां अर लोक साहित्य रै सिरजण रौ काम आपरा भायला पंडित सूरजकरणजी पारीक सागै सुरू करियौ अर आगला दस बरसां मांय केई अमोलक पोथियां रौ प्रकासन कर अेक नूवौ राजस्थानी साहित्य रौ अध्याय सरू करियौ। ठाकुर साहब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सूं भणाई करी अर वे पंडित मदन मोहन मालवीयजी रा परम शिष्य ई रैया। Ramsingh Tanwar Rajasthani Bhasha
also ढोला मारू, वेली क्रिसन रुकमणि री, राजस्थानी रा लोक गीत अर ग्राम गीतां री सांवठी पोथियां रौ प्रकासन अर संपादन अेक क्रांति री सरूआत ही। लगोलग ठाकुर साहब आपरा मित्रां रै साथै केई जूनी राजस्थानी पोथियां अर लोक में संग्रहित राजस्थानी रै साहित्य नै आखी दुनिया में चावा करण रौ काज करियौ। उणां रै आं कामां सूं साहित्य जगत में मायड़ भोम खातर अेक नूवी सरूआत हुई।
surely ठाकुर रामसिंहजी 1930 सूं लेय’र 1975 में उणां रै सुरगवास तांई केई मोटा-मोटा कार्यक्रमां में राजस्थानी भासा री मानता री आवाज उठाई अर नूवी पीढी उणां रै भासणां सूं आज ई पे्ररणा लेवै। दीनाजपुर अधिवेशन 1944 रौ भासण आज ई राजस्थानी रौ संविधान कहीजै। औ अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन हौ जिणमें सभापति रौ दायित्व ई आप निभायौ। इण सूं पैला ठामुर साहब चुरू में बीकानेर राज्य साहित्य सम्मेलन में ई सभापति रै रूप में आपरौ महताऊ भासण दियौ हौ। इणां भासणां रा प्रकासन लगोलग होवता रैया है अर राजस्थानी विभाग जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर कांनी सूं ई प्रो. कल्याणसिंहजी शेखावत इणरौ प्रकासन कर नै नूवी पीढी नै उणां रै योगदान सूं परिचय करावण रौ सरावणजोग काज करियौ हौ।
SKU: n/a -
English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Beyond 370 : Jammu and Kashmir Spreads its Wings
-10%English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Beyond 370 : Jammu and Kashmir Spreads its Wings
Beyond 370: Jammu and Kashmir spreads its Wings’ is a comprehensive book that delves into the changes post-abrogation of Article 370 in 2019 and its profound impact on the development and progress of Jammu and Kashmir. The book offers an in-depth exploration of the region’s transformative journey as it navigates a new path towards growth and empowerment.
Through meticulous research and on-the-ground accounts, ‘Beyond 370’ delves into the multi- faceted aspects of development in Jammu and Kashmir. It highlights numerous government initiatives and policies aimed at fostering economic growth, infrastructural development, and job creation. The book also assesses the impact of these measures on the lives of the region’s residents, exploring the socio-economic changes that have unfolded.
‘Beyond 370’ is a balanced and insightful account that provides readers with a comprehensive understanding of how Jammu and Kashmir has progressed in the wake of Article 370’s abrogation. It acknowledges the complexities and aspirations of the region while offering a glimpse into the transformative changes that have propelled Jammu and Kashmir towards a promising future.
SKU: n/a -
Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास
Marwar Ka Itihas
मारवाड़ का इतिहास
मारवाड़ अपनी प्राचीन समृद्ध परम्परा, अद्भूत शौर्य एवं अनूठे कलात्मक अवदानों के कारण विश्व के परिदृश्य में दैदीप्यमान है। Marwar Ka Itihas
राजस्थान की मध्यकालीन रियासतों में मारवाड़ का विशेष महत्व रहा हैं। पुस्तक में मारवाड़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, जोधपुर के राठौड़ नरेशों के वंशजों का विद्या प्रेम, दानशीलता, धर्म, कला-कौशल प्रेम का विवरण दिया गया है।
राव सीहा, राव चूण्डा, राव जोधा, राव मालदेव, राव चन्द्रसेन, मोटा राजा उदयसिंह, सवाई राजा सूरसिंह, महाराजा जसवंत सिंह, अजीत सिंह, अभय सिंह, विजय सिंह तथा भीमसिंह व राजा मानसिंह कालीन इतिहास के महत्वपूर्ण बिन्दुओं का वर्णन किया हैं। इन शासकों के राजनीतिक इतिहास के साथ-साथ तत्कालीन प्रशासनिक व्यवस्था, जागीरदारी व्यवस्था, राजस्व व्यवस्था व व्यापार वाणिज्य की विस्तृत विवेचना को प्रस्तुत करने के साथ ही मारवाड़ की पारम्परिक जल संरक्षण तकनीक व ओरण परम्परा का विश्लेषण किया गया हैं।
व्यापक परिपेक्ष्य में राजस्थान के वन्य जीव अभ्यारण्य के संरक्षण व संर्वधन की भी विवेचना की गई है। Marwar Ka Itihas
SKU: n/a -
Hindi Books, Surya Bharti Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Mahatma Gandhi Bharat ke liye Abhishap
Hindi Books, Surya Bharti Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Mahatma Gandhi Bharat ke liye Abhishap
इस पुस्तक के संकलनकर्ता, लेखक एवम् संपादक ने यथा उपलब्ध सामग्री के आधार पर अद्यतन और प्रामाणिक सूचना उपलब्ध करवाने के लिए अपनी सर्वोत्तम जानकारी एवम् कुशलता का प्रयोग किया है। तथापि, पाठकों से विनम्र अनुरोध है कि इस पुस्तक के अनुसरण में कोई भी कार्रवाई करने से पहले यथा संबद्ध संस्था से परामर्श अवश्य करें। इस पुस्तक के आधार पर की जाने वाली किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए लेखक अथवा प्रकाशक किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में न्यायिक क्षेत्राधिकार दिल्ली होगा।
SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Nar se Narayan (PB)
प्रस्तुत पुस्तक ‘नर से नारायण‘ दीदीमाँ साध्वी ऋतंभराजी के प्रवचनों का अनुकरणीय संग्रह है। अपनी तरुणाई से ही अध्यात्म-पथ पर अग्रसर होने वाली साध्वी ऋतंभरा अपने गुरुदेव युगपुरुष स्वामी श्रीपरमानंदजी महाराज के आध्यात्मिक सान्निध्य में देखते-ही-देखते श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन गईं। ’90 के दशक में देश भर में कोटि- कोटि हिंदू समाज उन्हें सुनने के लिए उमड़ पड़ता था। उन्होंने अपनी तेजस्विता से सुप्त पड़े हिंदू समाज को झकझोरकर जगाया। अपने धारदार प्रवचनों में उन्होंने बताया कि कैसे एक शक्तिशाली हिंदू समाज जाति- पाँति के भेद में पड़कर इतना कमजोर हो गया कि मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक सभी ने उसकी आस्था और प्रतीकों को रौंदा ।
अयोध्या आंदोलन में अपनी तेजस्वी भूमिका निभानेवाली साध्वी ऋतंभरा ने अपने वात्सल्य स्वभाव में स्थित होकर निराश्रित बच्चों, सेवाभावी बहनों एवं तिरस्कृत वृद्धा माताओं के साथ मिलकर वृंदावन में वात्सल्य सृष्टि की रचना की। समाज- जीवन के विभिन्न विषयों पर उनका चिंतन अद्भुत है। उनके प्रवचन जीवन की विषम परिस्थितियों में समाधान देते हैं। उनके विचार अँधियारे जीवन-पथ में प्रकाश-स्तंभ के समान हैं। उनके अमृत वचन इस बात की सुनिश्चितता होते हैं कि कैसे एक साधारण मनुष्य भी नर से नारायण बन सकता है।
आध्यात्मिक उन्नति करके जीवन को सार्थकता देने के लिए प्रेरित करने वाली अमृतवाणी का अनुपमेय संकलन ।
SKU: n/a -
English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Chhatrapati Shivaji Maharaj: Father Of The Indian Navy (PB)
-15%English Books, Prabhat Prakashan, इतिहासChhatrapati Shivaji Maharaj: Father Of The Indian Navy (PB)
The book highlights Shivaji Maharaj’s exceptional statesman- ship by focusing on his visionary development of the navy. Facing the challenge of protecting territories and ensuring economic prosperity, Shivaji Maharaj strategically built ships and naval bases along the Konkan Coast, showcasing his foresight in coastal defense.
The Maratha navy’s unique characteristics, including cumbrous gun-boats and coastal warfare tactics, are explored. The book narrates the 1679 fortification of Khanderi Island, a pivotal moment where the Marathas, led by Shivaji Maharaj, demonstrated unparalleled resilience against a siege by the English and Siddi forces.
The author emphasizes the Marathas’ unwavering commitment to fight till the end, even in the face of inevitable defeat, showcasing their tenacity and courage against the experienced English naval power. The work concludes by acknowledging that it is a compilation of gathered facts from various sources, expressing gratitude to the credited references listed at the end of the book.
SKU: n/a -
English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
In The Arms Of A Soldier: For A Soldier, The Nation Is Always First (PB)
-15%English Books, Prabhat Prakashan, इतिहासIn The Arms Of A Soldier: For A Soldier, The Nation Is Always First (PB)
The love story of Pranali and Vikrant was an unlikely one. Pranali was an ordinary girl from Mumbai, while Vikrant was a Para Commando Major from the army. Their paths crossed one day at Victoria Garden in Kolkata, and they were drawn to each other immediately. Despite coming from different worlds, they fell deeply in love and decided to get married.
However, fate had other plans. Just two days before their wedding, Vikrant was called away on a mission. He had to leave Pranali behind, with their love story left incomplete. The pain of separation was immense, and Pranali struggled to cope with the loneliness and the uncertainty of not knowing when Vikrant would return.
Despite the challenges, Pranali held onto the hope that one day Vikrant would come back to her. She remained steadfast in her love for him, praying for his safe return and dreaming of the day when they could finally be united and together again. Their love story may have been interrupted, but it was far from over.
SKU: n/a -
Hindi Books, Rajasthani Granthagar, Religious & Spiritual Literature, इतिहास, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Gotra Pravartak Rishi Sankshipt Parichay
-15%Hindi Books, Rajasthani Granthagar, Religious & Spiritual Literature, इतिहास, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)Gotra Pravartak Rishi Sankshipt Parichay
गोत्र प्रवर्तक ऋषि संक्षिप्त परिचय : यह विडम्बना ही है कि मानव, जिसे, समाज में उसके कर्मानुसार श्रेष्ठ बौद्धि स्तर का माना जाता है, आज अपनी पौराणिक संस्कृति एवं मान्यताओं को शनैः शनैः भूलता जा रहा है। एक कारण तो अपने पैतृक पारम्परिक कार्य से मुँह मोड़ना तथा दूसरा पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करना। समय के साथ चलना, प्रगति एवं विकास के लिये आवश्यक है किन्तु अपने मूल को विस्मृत करना बुद्धिमानी नहीं कहा जा सकता।
आज व्यक्ति को ये कितने स्मरण हैं, स्वयं विचार करें एवं सर्वे करें, निराशा ही हाथ लगेगी; चाहे वह शहरी व्यक्ति हो या ग्रामीण। मानसिक का तो उस समय अधिक होता है जब अवटंक/शाखा आदि व्यक्ति अपना गोत्र बताता है, जबकि गोत्र तो ऋषि का होता है, जिसकी जानकारी व्यक्ति को शनैः शनैः कम होती जा रही है। इसी क्रम में एक बात और देखी गई है कि कइयों को अपना ऋषि गोत्र तो मालूम है किन्तु उसका अपभ्रंश रूप ही उनको ज्ञात है। उदाहरणार्थ “वत्स का वच्छस या वचिस।”
अनेकानेक गोत्र प्रवर्तक ऋषियों के पौराणिक ग्रंथों में केवल नाम मात्र हैं, इनके नाम के अतिरिक्त इनके जीवन वृत्त पर अन्य कोई जानकारी न होने के कारण उनके जीवन वृत्त पर विशेष प्रकाश डालना भी एक समय है। काल-क्रम से सामग्री का लुप्त हो जाना या विकृत स्वरूप हो जाना संभव है, उस सत्य से इन्कार नहीं किया जा सकता।
फिर भी जितना बन पड़ा, गोत्र प्रवर्तक ऋषियों के जीवन वृत्त पर संक्षिप्त जानकारी कराने का प्रयत्न किया है। विस्तार भय से पौराणिक ग्रंथों में जो संदर्भ आये हैं उन्हें भी सम्बन्धित ऋषि के साथ संदर्भित कर दिया है।
SKU: n/a -
Hindi Books, Literature & Fiction, Rajpal and Sons, इतिहास
Parsai Ka Man (PB)
“हरिशंकर परसाई हिन्दी साहित्य में व्यंग्य के सबसे बड़े स्तम्भ हैं। सौ वर्ष पहले जन्मे परसाई का लेखन आज भी बेहद लोकप्रिय और मौजूँ है। उनके लेखन में आखिर ऐसा क्या है कि हर पीढ़ी और वर्ग के पाठक उनकी रचनाओं को हाथोंहाथ लेते हैं। इसका कुछ सुराग ‘परसाई का मन‘ के पन्नों में मिलता है। इस पुस्तक में परसाई के 17 साक्षात्कार प्रस्तुत हैं जो उन्होंने हिन्दी साहित्य के सुपरिचित लेखकों और पत्रकारों को दिये। इनमें हिन्दी साहित्य, लेखन-प्रक्रिया, व्यंग्य के स्रोत, रोज़मर्रा के जीवन-संघर्ष, समाज, राष्ट्र, राजनीति – सभी मुद्दों पर उनके विचार और दुनिया को देखने का दृष्टिकोण मिलता है। इन साक्षात्कारों को पढ़ना परसाई के दिलो-दिमाग में झाँकने जैसा है।
विष्णु नागर प्रतिष्ठित कवि, कथाकार, व्यंग्यकार, जीवनीकार हैं। पेशे से वह पत्रकार हैं। ‘नवभारत टाइम्स‘, ‘हिन्दुस्तान‘, ‘नई दुनिया‘ आदि दैनिकों में विशेष संवाददाता सहित विभिन्न पदों पर रहे। कादम्बिनी मासिक तथा शुक्रवार साप्ताहिक के संपादक रहे और अनेक पुस्तकों का भी संपादन किया। विष्णु नागर मूर्धन्य गद्यकार हरिशंकर परसाई के व्यंग्य पर लगातार काम करते रहे हैं। इसी प्रक्रिया में है यह पुस्तक परसाई का मन । “SKU: n/a