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Sarthi


डॉ यशिका का यह प्रथम काव्य-संग्रह है। उनके दीर्घ अनुभवों ने अल्प समय में उन्हें शब्दों पर सटीक पकड़ बनाना सिखा दिया है।

उनकी अदालतों में भले ही कुछ फैसले साक्ष्यों के आधार पर दिए गए हों, लेकिन उनके मन की अदालत ने सदैव न्याय ही किया है। वादी-प्रतिवादी के सम्मुख उनकी रचनाएँ जैसे एक न्यायाधीश के रूप में सामने खड़ी हो गई हैं। कठोर निर्णय लेते हुए भी उनका कोमल हृदय भीतर से कितना पसीजा है, यह उनकी कविताओं को पढ़कर ही समझा जा सकता है। शब्दों पर गहरी पकड़, उर्दू अल्फाजों का सटीक प्रयोग उन्हें अपने समकालीन रचनाकारों से बहुत अलग, बहुत आगे ले गया है। ईश्वर उनकी लेखनी से सदैव न्याय ही प्रवाहित कराए। इसी प्रार्थना के साथ यह विश्वास भी है कि उनकी कविताएँ लोगों को एक नया उजियारा देने में सहायक सिद्ध होंगी। उनके शब्दों से पाठकों को नया हौसला मिलेगा। उनके शब्द सहारा बनेंगे उन लोगों का, जिन्हें अपनी उम्मीदों के दामन को समय की आँधियों में बचाना मुश्किल हो रहा है।

Rs.299.00 Rs.350.00

  •  Dr. Yashika
  •  9789355219183
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  2023
  •  242
  •  Soft Cover
Weight 0.450 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in

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