Publisher – Rajkamal Prakashan
Author – Yatish Agarwal, Rekha Agarwal
ISBN – 9788126702732
Language – Hindi
Pages – 170
Binding – Paperback
Weight | .250 kg |
---|---|
Dimensions | 7.50 × 5.57 × 1.57 in |
Based on 0 reviews
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Related products
-
Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
You Are Born to Blossom
0 out of 5(0)This book is an account of how Dr. Kalam visualizes Information and Communication Technology mining the rural talent. Here, Dr. Kalam presents his dream of schools in India at 2020 as symbiotic nerve centres connecting teachers, students and community; personifying knowledge that exists in the world. He also makes a clarion call to accelerate the process of societal transformation. This would involve raising the standards of governance and safeguarding the sanctity of public institutions. The book uses the metaphor of a tree to describe the process of knowledge bearing fruits of prosperity in the contemporary globalised world where different phases, formative, adult working life, and post-50 experienced senior citizens, call for different kinds of learning. The book refers to a contextual contribution of a large number of Indian scientists and artists and proves that there is no age bar to blossom. He advocates creation of conditions that favour growth of diverse individual talents akin to a garden and calls for a scientific mind-set guided by conscience, consensus and by actions that take our social and moral values into account in building our own systems.
SKU: n/aRs.200.00 -
Prabhat Prakashan, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Meri Jeevan Yatra
0 out of 5(0)रामेश्वरम में पैदा हुए एक बालक से लेकर भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति बनने तक का डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन असाधारण संकल्प शक्ति, साहस, लगन और श्रेष्ठता की चाह की प्रेरणाप्रद कहानी है। छोटी कहानियों और पार्श्व चित्रों की इस शृंखला में डॉ. कलाम अपने अतीत के छोटे-बड़े महत्त्वपूर्ण पलों को याद करते हैं और पाठकों को बताते हैं कि उन पलों ने उन्हें किस तरह प्रेरित किया। उनके प्रारंभिक जीवन पर गहरी छाप छोड़ने वाले लोगों और तदनंतर संपर्क में आए व्यक्तियों के बारे में वे उत्साह और प्रेम के साथ बताते हैं। वे अपने पिता और ईश्वर के प्रति उनके गहरे प्रेम, माता और उनकी सहृदयता, दयालुता, उनके विचारों और दृष्टिकोणों को आकार देनेवाले अपने गुरुओं समेत सर्वाधिक निकट रहे लोगों के बारे में भी उन्होंने बड़ी आत्मीयता से बताया है। बंगाल की खाड़ी के पास स्थित छोटे से गाँव में बिताए बचपन के बारे में तथा वैज्ञानिक बनने, फिर देश का राष्ट्रपति बनने तक के सफर में आई बाधाओं, संघर्ष, उनपर विजय पाने आदि अनेक तेजस्वी बातें उन्होंने बताई हैं।
‘मेरी जीवन-यात्रा’ अतीत की यादों से भरी, बेहद निजी अनुभवों की ईमानदार कहानी है, जो जितनी असाधारण है, उतनी ही अधिक प्रेरक, आनंददायक और उत्साह से भर देनेवाली है।आभार
मेरी जीवन-यात्रा घटनाओं से भरे जीवन का विवरण है। मेरे मित्र हैरी शेरिडॉन करीब बाईस वर्षों से मेरे साथ रहे हैं और अनेक घटनाओं के भागीदार बने हैं। उन्होंने मेरे साथ सुख और दुःख, दोनों झेले हैं। शेरिडॉन हर तरह के उतार-चढ़ावों में मेरे साथ रहे हैं और जब कभी मुझे जरूरत पड़ी, उन्होंने मेरी पूरी-पूरी सहायता की। ईश्वर उन्हें और उनके परिवार को सदैव सुखी रखे। मैं सुदेषणाशोम घोष को भी धन्यवाद देना चाहूँगा, जो पुस्तक की परिकल्पना से लेकर उसे आकार देने तक मेरे साथ रहीं। पुस्तक प्रकाशित होने तक वे धैर्य के साथ निरंतर मुझसे जुड़ी रहीं। मैं उनके प्रयासों को नमन करता हूँ।SKU: n/aRs.225.00Rs.250.00 -
Prabhat Prakashan, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
BHARAT 2020 AUR USKE BAAD- DR APJ ABDUL KALAM & YS RAJAN
Prabhat Prakashan, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्रBHARAT 2020 AUR USKE BAAD- DR APJ ABDUL KALAM & YS RAJAN
0 out of 5(0)परिवर्तन का समय अभी है। विकल्प स्पष्ट और भयानक है। अगर हम वर्तमान ढर्रे पर ही चलते रहे तो विश्व के अन्य लोग हमसे आगे निकल जाएँगे। गरीबी व बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ जाएगी, जो हमारे समाज को अंतर्विस्फोट की ओर ले जाएगी। और अगर हम बदलाव लाएँगे तो हम वास्तविक प्रगति कर पाएँगे—गरीबी से समृद्धि की ओर, गतिरोध से तीव्र विकास की ओर।’
भारत अभी भी एक दशक के भीतर ही विकसित देशों की सूची में शामिल हो सकता है। ‘भारत 2020 और उसके बाद’ नामक यह पुस्तक इस रूपांतरण के लिए एक पूरी कार्ययोजना प्रदान करती है।SKU: n/aRs.350.00 -
Prabhat Prakashan, Suggested Books, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Shri Guruji : Prerak Vichar (Hindi)
0 out of 5(0)विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के द्वितीय सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य ‘श्रीगुरुजी’ आध्यात्मिक विभूति थे। सन् 1940 से 1973 तक करीब 33 वर्ष संघ प्रमुख होने के नाते उन्होंने न केवल संघ को वैचारिक आधार प्रदान किया, उसके संविधान का निर्माण कराया, उसका देश भर में विस्तार किया, पूरे देश में संघ की शाखाओं को फैलाया।
SKU: n/aRs.150.00
There are no reviews yet.