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Haivaniyat Ka Senapati


हैवानियत का सेनापति

इस संसार में उपयोग करने हेतु वस्तुओं की कमी नहीं है, अगर वो समानता से सभी को प्राप्त हो। भोजन, पानी, जिंदगी की तमाम आवश्यक लगने वाली वस्तुओं से भी महत्त्वपूर्ण है। जब जन्म होता है तब से मनुष्य आनंद को तरसता है वो संसार में आनंद को खोजता है वो ज्यादा एकत्रित करने की चेष्टा में दूसरों को हानि पहुँचाता है। फिर जन्म होता है लालच, घमंड और जल का, जिन्हें नुकसान होता है वो बदले की प्रतीक्षा करते हैं। शैतान का जन्म यहीं से होता है। इच्छापूर्ति होने पर मानव मन शांत नहीं बैठता, वो नई इच्छाएँ बनाता है और पूरा न होने पर आपा खो बैठता है। Haivaniyat Ka Senapati

Rs.150.00

हैवानियत का सेनापति
Author: Sumit Bhati
Language: Hindi
Edition: 2024
ISBN: 9789391640668
Publisher: Rajasthani Granthagar

Weight 0.450 kg
Dimensions 8.7 × 5.51 × 1.57 in

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