- Gopalram Gahmari
- 9789394871076
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1st
- 2023
- 112
- Soft Cover
Kashi Ki Golakdhandhari
गोपाल राम गहमरी हिंदी के पहले जासूसी कथाकार थे। उन्होंने हिंदी कथा को कल्पना, रहस्य-रोमांच, चमत्कार, ऐयारी से हटाकर जमीनी धरातल प्रदान किया। जीवन, घटनाएँ, अपराध, रोजमर्रा की जिंदगी की समस्याओं को वे कथा-जगत में लेकर आए। कथा के माध्यम से जीवन की जीवंत कहानियाँ उन्होंने पेश कीं। वे न केवल उम्दा कथाकार थे, बल्कि संपादक, कविता में खड़ी बोली के हिमायती भी थे। उनके संस्मरणों में हिंदी साहित्य के बनते इतिहास को पढ़ सकते हैं। हिंदी की पहली आलोचना पत्रिका ‘समालोचक’ का संपादन उन्होंने सन 1902 में किया। उनकी कहानियाँ अपने भूगोल और विषय के साथ भाषा का बर्ताव करती हैं। हिंदी, उर्दू, अरबी, फारसी, संस्कृत, बांग्ला भाषा में वे समर्थ थे। बांग्ला से ढेरों उपन्यासों का अनुवाद किया। मंडला नरेश के साथ श्रीलंका की यात्रा की और यात्रा-वृत्तांत भी लिखा। आइए, उनकी इन कहानियों से गुजरें, जो आज से सौ साल पहले लिखी गई थीं।
Rs.225.00 Rs.250.00
Weight | 0.210 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
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