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Hindu Rashtra Swapnadrashta : Banda Veer Bairagi (PB)


वीर बंदा बैरागी भारतीय इतिहास का वह चमकता हुई नक्षत्र है, जिससे भारत के सोए हुए स्वाभिमान को जगाया जा सकता है। आज के युवाओं को वीर बंदा बैरागी के तप, त्याग व बलिदान से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। भाई परमानंद ने आजादी की क्रांति की लौ को ज्वालामुखी बनाने के लिए बंदा बैरागी का चरित्र इतिहास से निकालकर भारत के सामने रखा। भाई परमानंद वीर बंदा बैरागी को असाधारण पुरुष मानते थे। एक समय जब मुगलों की तलवार भारतीय संस्कृति को चीर रही थी, लोगों के जनेऊ उतारे जा रहे थे, चोटियाँ काटी जा रही थीं, सिरों को काटकर मीनारें बनाई जा रही थीं, बलपूर्वक हजारों-लाखों का धर्मभ्रष्ट किया जा रहा था, अनाथ बच्चे बिलख रहे थे, गौमाता मारी जा रही थी, मंदिर ध्वस्त हो रहे थे, किसान आत्महत्या कर रहे थे, उस समय गुरु गोविंद सिंहजी के आह्वान पर इस वीर महापुरुष ने भक्ति का मार्ग छोड़कर शक्ति का मार्ग अपनाया। योगी योद्धा बन गया, संत सिपाही बन गया; माला को फेंक भाला उठा लिया और सेना खड़ी कर अन्याय-अत्याचार का प्रतिकार करके अपने राज्य की स्थापना कर सिक्के जारी किए। किसान व मजदूरों पर अत्याचार की समाप्ति कर उनको जमीन का मालिक बनाया। ऐसा उज्ज्वल प्रेरक, वीर और शौर्यपूर्ण चरित्र जन-जन के सामने लाया जाना समय की आवश्यकता है। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने इस अभाव को पूर्ण करने का सार्थक और सफल प्रयास किया है।
असाधारण वीर और योद्धा बंदा वीर बैरागी की प्रेरणाप्रद जीवनी।

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Rakesh Kumar Arya

राकेश कुमार आर्य
जन्म : 17 जुलाई, 1967 को ग्राम महावड़, जनपद गौतमबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) में।
शिक्षा : बी.ए., एल-एल.बी. तक की शिक्षा प्राप्त।
प्रकाशन : ‘भारतीय छात्र धर्म और अहिंसा’ व ‘भारतीय संस्कृति में साम्यवाद के मूल तत्त्व’ सहित अब तक 48 पुस्तकें प्रकाशित।
राष्ट्रवादी  समाचार-पत्र  ‘उगता भारत’ का संपादन। अखिल भारत हिंदू महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रेस महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष। राष्ट्रीय इतिहास पुनर्लेखन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष।
सम्मान : राजस्थान के राज्यपाल द्वारा सम्मानित; शोध कृति ‘भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास’ को राष्ट्रीय पुरस्कार, विभिन्न विश्वविद्यालयों व सामाजिक संस्थाओं से भी सम्मानित।

Weight 0.340 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  Rakesh Kumar Arya
  •  9789353229412
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1
  •  2020
  •  176
  •  Soft Cover

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