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Devon ka uday


“हज़ारो वर्ष पूर्व सुरों की कुछ शाखाएँ अपने मूल निवास हिमालय की तराइयों से निकलकर सुदूर पश्चिम में बस गई । धीरे-धीरे वे आज के भारत से लेकर पश्चिम एशिया तक स्थान-स्थान पर फैल गए। नई सभ्यताओं ने जन्म लिया और आवागमन के नए मार्ग स्थापित हुए। विश्व के बड़े भू-भाग पर शासन करने वाले सुरों ने देव की उपाधि धारण कर ली।

समय के साथ सुर दो समूहों में विभाजित हो गए। वे, जो सुरों की कठिन सिद्धांतों वाली जीवन-पद्धति से सहमत नहीं थे, उन्होंने असुर नाम अपना लिया। सुरों और असुरों के बीच प्राय: झड़पें होती रहती थीं। पर समुद्री मार्गों की खोज के लिए उन्होंने मिलकर समुद्र-मंथन अभियान चलाया, जो उन्हें आश्चर्यों और रहस्यों के लोक में ले गया। इस रहस्य लोक में उन्हें मिला सोम नामक अमृत, जिस पर अधिकार को लेकर एक बार फिर सुरों और असुरों के मध्य विवाद उत्पन्न हो गया। ‘ देवों का उदय’ प्राचीन कथाओं को लेकर लिखा गया एक उपन्यास है, जिसमें लेखकों ने सहस्त्रों वर्ष पूर्व सुरों और देवों की एक नई उभरती हुई विकसित सभ्यता की कल्पना की है।”

Rs.425.00 Rs.500.00

  •  Alok Agrawal::Mayank Agrawal
  •  9789355212306
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1st
  •  2023
  •  296
  •  Soft Cover
Weight 0.650 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in

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