Nonfiction Books
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Prabhat Prakashan, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Aarakshan Ka Dansh
Prabhat Prakashan, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Aarakshan Ka Dansh
आरक्षण का देश में विभिन्न संदर्भों, साक्ष्यों एवं वक्तव्यों के परिप्रेक्ष्य में प्रसिद्ध पत्रकार एवं चिंतक श्री अरुण शौरी ने यह बताने का प्रयास किया गया है कि आरक्षण को लेकर भारत की राजनीति किस दिशा में जा रही है। चूँकि आज राजनेता और राजनीतिक दल अपने कार्य-प्रदर्शन के आधार पर स्वयं को स्थापित नहीं कर पा रहे हैं; अत: इसके लिए उन सबने एक मानक तकनीक अपनाई है—कोई ऐसा बिंदु ढूँढ़ निकालना, कोई ऐसा दोष ढूँढ़ निकालना, जिससे यह दिखाया जा सके कि अमुक समूह या दल पिछड़ गया है—और फिर उस समूह के एकमात्र शुभचिंतक के रूप में, हिमायती के रूप में स्वयं को प्रस्तुत करना। राजनेता कानून-पर-कानून पारित करते चले जाते हैं, लेकिन आरक्षण का दंश किसी भी रूप में कम होने का नाम नहीं लेता। जातिवादी राजनीति से अपना जीवन चलानेवाले राजनेताओं के लंबे-चौड़े और रटे-रटाए भाषणों से फैली पथभ्रष्टता और उसके लिए देश द्वारा चुकाई जा रही कीमत को बखूबी समझा जा सकता है।
इस पुस्तक का विषय आरक्षण पर चली आ रही सार्वजनिक बहस को सामने लाना है, जो विगत तीस वर्षों में अलग-अलग मोड़ और उतार-चढ़ाव लेती आ रही है। विषय को स्पष्ट करने एवं परिणामों को सामने लाने के लिए विद्वान् लेखक ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों को माध्यम बनाया है। ‘आरक्षण’ का विषय अत्यंत चिंतनीय एवं विचारणीय है। इस बहस में सुधी पाठक भी शामिल हों तो इस पुस्तक का प्रकाशन सार्थक होगा।SKU: n/a -
Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Aas Na Aangane
आस ना आँगणै
अक’ज तारो आसरौ, ओक’ज तारी वात। मात सरसती राखजे, म्हारै माथै हाथ।।
accordingly वागड़ी मंय म्हारी पेहली चोपड़ी “आस ना आँगणै” घणेमान थकी आप सब हुदी पुगाड़ते म्हारा मन मंय घणौ हरख है। घणं वरसं थकी म्हारै मन मों ओक वात हमेस आवती रह्यी के अणा नवा ज़मारा नै नवा ऊसर नं मानवी सप्पा बदलाईग्यं हैं नै जूनी वातै अणी नवी पीड़ी ने कौण वताड़े अर कौण हमझावे? all in all अणां विस्यार हाते म्हें नानूं मोटू लखवूं सरू कर्यु। अटला मों आदरजोग दादा श्री उपेन्द्रजी ‘अणु’, ऋषभदेव, श्री दिनेशजी पंचाल, विकास नगर नै श्री घनश्याम सिंहजी भाटी ‘प्यासा’ नो साथ मल्यौ अर अना लीधै’ज आ चोपड़ी नौ रूप लई आपनै हाथ मों है। Aas Na Aanganealso आणी जातरा मों वागड़ अर वागड़ी नी वात करतै थकै नवा ऊसर नै नवा ज़मारा मों जै वातै जौवा न्हें मलै हैं अर ओम लागे के ई वात अर ई विगत क्य खोवणीं पत्तू ज न्हें है। या’ज विच्यार मन मों उबराताग्या अर म्हूं कौसिस करतौग्यौ। जै वाते विगत म्हारे साथै वीती अर म्हें पण देखी, होंची हमझी या ‘ज वात अर विच्यार आणी चोपड़ी मों लाब्बा नी पूरी कोसिस रह्यी है। औणा हाते जे सबद अवै वागड़ी मों हांबळवा न्हें मलता हैं अर क्यं भी वापरवा मों न्हें आवता हैं औणा सबद नो परिचै करावा नी कोसिस कीदी है। Aas Na Aangane
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, उपन्यास
Aatmanubhooti Ke Khule Rahasya
“गुरदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने एक बार कहा था, “यदि आप भारत को जानना चाहते हैं, तो विवेकानंद को पढ़िए। उनमें आप सबकुछ सकारात्मक ही पाएँगे, नकारात्मक कुछ भी नहीं ।”’
जिस प्रकार कछुआ अपने सिर एवं पैरों को खोल के अंदर समेट लेता है और तब उसे हम मार ही क्यों न डालें, उसके टुकड़े-टुकड़े ही क्यों न कर डालें, पर वह बाहर नहीं निकलता, इसी प्रकार जिस मनुष्य ने अपने मन एवं इंद्रियों को वश में कर लिया है, उसका चरित्र भी सदैव स्थिर रहता है। वह अपनी आभ्यंतरिक शक्तियों को वश में रखता है और उसकी इच्छा के विरुद्ध संसार की कोई भी वस्तु उसे बहिर्मुख होने के लिए विवश नहीं कर सकती।
प्रस्तुत पुस्तक ‘आत्मानुभूति के खुले रहस्य’ में स्वामीजी ने सरल शब्दों में ‘अपने आत्म यानी स्व’ को पहचानने की कला सिखाई है। जो व्यक्ति स्वयं को भलीभाँति पहचान लेता है, उसके जीवन में फिर कभी कोई अभाव नहीं रहता। अपने आपको गहराई से जानने-समझने वाले चिंतनशील व्यक्ति के लिए एक प्रेरक, जीवनोपयोगी और संग्रहणीय पुस्तक ।”
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Prabhat Prakashan, अन्य कथेतर साहित्य, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
Acharya Chanakya Ki Kahaniyan
Prabhat Prakashan, अन्य कथेतर साहित्य, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्रAcharya Chanakya Ki Kahaniyan
चाणक्य के काल में पाटलीपुत्र (वर्तमान में पटना) बहुत शक्तिशाली राज्य मगध की राजधानी था। उस समय नंदवंश का साम्राज्य था और राजा था धनानंद। कुछ लोग इस राजा का नाम महानंद भी बताते हैं। एक बार महानंद ने भरी सभा में चाणक्य का अपमान किया था और इसी अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए आचार्य ने चंद्रगुप्त को युद्धकला में पारंपत किया।
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RAMAKRISHNA MATH, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Acharya Shankar (Hindi)
अद्वैत दर्शन के महान प्रतिपादक शंकराचार्य को शायद ही किसी परिचय की आवश्यकता है। उसके बारे में स्वामी विवेकानन्द कहते हैं, ‘शंकराचार्य का उदय हुआ और उन्होंने एक बार फिर वेदांत दर्शन को पुनर्जीवित किया। उन्होंने इसे एक तर्कवादी दर्शन बनाया। उपनिषदों में तर्क अक्सर बहुत अस्पष्ट होते हैं। उन्होंने अद्वैत की अद्भुत सुसंगत प्रणाली पर काम किया, युक्तिसंगत और पुरुषों के सामने रखा। यह इस महान शिक्षक की एक प्रामाणिक जीवनी है।
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Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
ACHCHHA BOLNE KI KALA AUR KAMYABI
प्रखर वक्ता होना, ओजस्वी वाणी का स्वामी होना, प्रभावी शैली में श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर देने की क्षमता जिसमें हो, वह सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक सफल होने की संभावना रखता है। बातचीत करना भाषण की कला सीखने का सबसे पहला सिद्धांत है। शुरुआती दौर में स्वर एवं अंदाज जैसी कलाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है। बातचीत करना कला को सीखने का पहला सिद्धांत है; अर्थात् बोलिए, वाद-विवाद में हिस्सा लीजिए, अपनी प्रतिभा का स्वयं आकलन कीजिए और दर्शकों की आलोचना से सीखने की कोशिश कीजिए।
सवाल है कि खुद की गलतियों को कैसे समझा जाए? इसके लिए कुछ तथ्यों को समझने की आवश्यकता है—महान् वक्ता में कौन से विशेष गुण होते हैं और उन गुणों को कैसे प्राप्त किया जा सकता है? स्वयं के व्यक्तित्व में ऐसी कौन सी कमी है, जो इन गुणों की प्राप्ति में बाधा बन सकती है? इस विषय पर महान् लेखक डेल कारनेगी की सदाबहार एवं सर्वाधिक पसंद की जानेवाली इस पुस्तक के द्वारा कोई भी सामान्य व्यक्ति दर्शकों के समक्ष बोलने के क्षेत्र में कामयाबी के शिखर तक पहुँच सकता है।SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Adamya Utsaha
भारत में मिसाइल के जनक, विश्वविख्यात वैज्ञानिक भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अद्भुत जिजीविषा और विलक्षण दूरदृष्टि के स्वामी थे। उन्होंने अपने प्रेरक विचारों से समाज को दिशा दी, हर भारतीय को प्रेरणा दी।
उनके संबोधनों का यह संग्रह युवाओं का मार्गदर्शन करेगा, जिससे कि वे विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से भारत को विकास के पथ पर ले जा सकें। भारत की कृषि, अर्थव्यवस्था, वातावरण एवं नागरिकों के स्वास्थ्य को सही तकनीक के प्रयोग से लाभ पहुँचाने तथा उनमें सुधार करने के लिए डॉ. कलाम के अत्यधिक शिक्षाप्रद और सूचनात्मक भावों का यह विचार-पुंज अत्यंत प्रभावी और उपयोगी सिद्ध होगा।
डॉ. कलाम ने जहाँ एक ओर बच्चों में सतत विकास और नवाचार के लिए उत्साह के बीज बोए, वहीं दूसरी तरफ वयस्क भी उनके विचारों से अछूते नहीं रहे। यह संकलन उन लोगों के लिए मन को मोह लेनेवाला अध्ययन होगा, जो डॉ. कलाम के मानवीय दृष्टिकोण तथा विचारों को पढ़ने में दिलचस्पी रखते हैं। इन भाषणों से पाठकों को डॉ. कलाम की ज्ञानसंपन्नता, विविध विषयों की सूक्ष्म जानकारियाँ और सर्वस्व राष्ट्र को समर्पित करने के महती भाव का बोध होगा।SKU: n/a -
Gita Press, Hindi Books, अन्य कथेतर साहित्य
Adarsh Upkaar 0159
यह पुस्तक कल्याण में समय-समय पर प्रकाशित सत्य घटनाओं का प्रेरक प्रसंगों के रूपमें ऐसा मार्मिक चित्रण है कि इसे पढ़ते-पढ़ते आँखों से प्रेमाश्रु छलक पड़ें। आदर्श उपकार, स्वप्न के स्वरूप में सत्य, बहू की बुद्धि, विद्यालय की मित्रता आदि 48 प्रसंगों के रूपमें वर्णित ये प्रेरक-प्रसंग पठनीय तथा अनुकरणीय हैं।
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Vishwavidyalaya Prakashan, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, संतों का जीवन चरित व वाणियां
Adhunik Bharat Ke Yug Pravartak Sant (PB)
Vishwavidyalaya Prakashan, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, संतों का जीवन चरित व वाणियांAdhunik Bharat Ke Yug Pravartak Sant (PB)
योग, साधना, तप, संयम इन भावों को जिन महान संतों ने अपने माध्यम से चरितार्थ ही नहीं किया; बल्कि दर्शन को एक नयी दिशा भी दी उन संन्यासियों में अग्रणी रामकृष्ण परमहंस देव थे। उनके पश्चात् यह शृंखला स्वामी विवेकानन्द, स्वामी रामतीर्थ, महॢष रमण, श्री अरविन्द, स्वामी रामानन्द के माध्यम से निरन्तर भारतीय संस्कृति को सम्मानित करती रही है, साथ ही भारतीय दर्शन को दिव्य अनुभूतिपरक दर्शन का बाना पहनाकर संसार में अग्रणी स्थान प्रदान करती रही है। आज के परिप्रेक्ष्य में देखें तो पुन: हमारा देश विपत्ति के भँवर में फँसा इन्हीं योगियों की ओर देख रहा है। इन्हीं योगियों की जीवन दृष्टि, इनके विचार ही मृतप्राय हो रही भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवन प्रदान कर सकते हैं। हम भूल चुके हैं हमारे देश की मिट्टïी में, जलवायु में अभी भी योग और साधना की शक्ति है। जिसके प्रति जागरूक होकर व्यक्ति अपनी चेतना को जागृत कर सकता है। भ्रमपूर्ण आसक्तियों पर, मन पर, शरीर पर अंकुश लगाकर जीवन के शाश्वत आनन्द की ओर अग्रसर हो सकता है। यह पुस्तक उन सभी दुर्लभ विचारों को प्रस्तुत करने की चेष्टा करती है जो व्यक्ति को दिशा प्रदान कर सकते हैं। इन योगियों की विशिष्टता यही है कि योग साधना एवं संन्यास का रास्ता अपनाकर भी इन्होंने निरन्तर मानव जाति के बीच रहकर बड़ी सरलता से, व्यक्ति की आत्म चेतना को जगाने का प्रयास किया है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
Adviteey Samaajashastr
विद्वान् लेखक ने भारतीय समाजशास्त्र के एक ऐसे ग्रंथ की रचना की है, जो विगत 77 वर्षों से शासन द्वारा भारतीय बुद्धि को बाधित रखने के कारण निकृष्ट पदावलियों व मुहावरों से आक्रांत चित्त वाले पाठकों की भी समझ में आ सके। ऐसा दुष्कर कार्य वही विद्वान् कर सकता है, जो धर्मशास्त्रों का मर्मज्ञ तो हो ही, पाठकों की सीमाओं से भी भलीभाँति परिचित हो । मिश्रजी इस पुरुषार्थ के लिए साधुवाद के पात्र हैं। मनुष्य के संपूर्ण कल्याण में जिनकी रुचि हो, उनके लिए यह अवश्य पठनीय पुस्तक है।
धर्मशास्त्रों के परम ज्ञाता ऋषि-तुल्य आदरणीय पंकजजी ने संपूर्ण मानवता के उत्थान के लिए प्रस्तुत ग्रंथ की रचना की है। बौद्धिक वर्ग से अनुरोध है कि वह इस दुर्लभ ग्रंथ का अध्ययन व मनन-चिंतन करे। इस श्रेष्ठ ग्रंथ के निर्माण के लिए मनीषी पंकजजी को साधुवाद।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Ae Mere Pyase Watan Book in Hindi
पुस्तक ‘ऐ मेरे प्यासे वतन’ नई पीढ़ी के लिए जल संरक्षण का पासवर्ड है। जलगुरु महेंद्र मोदी ने अपने अवकाश के दिनों में लगातार जल संरक्षण की विभिन्न विधाओं और तकनीकों पर व्यावहारिक रिसर्च करके जल अभाव की विकराल समस्या का पूर्ण समाधान दिया है। प्रदूषण रहित, किफायती, सरल तकनीक व रख-रखाव की सुगमता आम आदमी की जरूरतें हैं। कानूनी तौर पर तो जल संरक्षण सबके लिए अनिवार्य है, लेकिन आम आदमी किसके पास जाए ? मितव्ययी तरीके कहाँ से सीखे ? कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए पेरिस समझौता 2015 व बाद के निर्धारित लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करे ? इन सभी समस्याओं का समाधान लेखक की पुस्तकों में है।
लेखक ने पेयजल तथा वर्षाजल के उपयोगी प्रबंधन के लिए मितव्ययी, प्रदूषणमुक्त, कम जमीन व कम समय में सुखद परिणाम देनेवाले व्यावहारिक व कार्यरत मॉडल दिया। इस मॉडल से पूरे देश को वर्तमान प्रणाली की अपेक्षा अत्यंत कम खर्च में पेयजल उपलब्ध कराना तथा अर्थोपार्जन संभव है। इस मॉडल को अपनाने से पूरे देश को लगभग 2.5 से 5 खरब किलोवाट बिजली की बचत प्रतिवर्ष होगी ।
पुस्तकें पढ़ें, जल संरक्षण सिस्टम स्वयं बनाएँ और अपनी प्यारी संतानों को सबसे महत्त्वपूर्ण उपहार दें – ‘जल सुरक्षा कवच’ का।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Afghanistan
अफगानिस्तान : शांति की तलाश, । युद्ध की राह’ एक ऐसे देश का प्रामाणिक विवरण है, जो कभी युद्ध से समृद्ध था और अब युद्ध से तबाह हो गया है । प्रेम राजा जहीर शाह के सौम्य शासन के तहत एक उदार, स्वतंत्र, स्थिर और धर्मनिरपेक्ष अफगानिस्तान की झलक पेश करके पाठकों को समृद्ध करते हैं, जो कई लोगों के लिए अब भी पहेली ही है। लेखक अप्रैल 1978 की क्रांति के बाद अस्थिरता की लंबी अवधि पर चर्चा करते हैं, जिसकी वजह से सोवियत संघ के जरिए कम्युनिस्ट सत्ता में आए।
लेखक सोवियत संघ को हराने के लिए तालिबान बनाने में अमेरिका और पाकिस्तान की भूमिका का आलोचनात्मक विश्लेषण करते हैं । अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना करते हुए तालिबान के खिलाफ अमेरिका द्वारा लड़े गए बीस साल के युद्ध का एक दिलचस्प विवरण प्रदान करते हुए वह अमेरिकी वापसी की दुःखद तसवीर प्रस्तुत करते हैं, जिससे अफगान एक बार फिर तालिबान की दया पर छोड़ दिए गए और गरीबी के साथ-साथ पाषाण युग में वापस धकेल दिए गए। वर्तमान कथा, हालाँकि काफी संक्षेप में है, लेकिन आधिकारिक, मनोरम और कलात्मक रूप से निर्मित है। यह पाठकों की कल्पना एक ऐसे देश को ले आती है, जिसका उथल-पुथल से भरा अतीत अब भी शांति की तलाश में है।
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Prabhat Prakashan, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Agni Ki Udaan
त्रिशूल ‘ के लिए मैं ऐसे व्यक्ति की सुलाश में था जिसे न सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मिसाइल युद्ध की ठोस जानकारी हो बल्कि जो टीम के सदस्यों में आपसी समझ बढ़ाने के लिए पेचीदगियों को भी समझा सके और टीम का समर्थन प्राप्त कर सके । इसके लिए मुझे कमांडर एस.आर. मोहन उपयुक्त लगे, जिनमें काम को लगन के साथ करने की जादुई शक्ति थी । कमांडर मोहन नौसेना से रक्षा शोध एवं विकास में आए थे ।
‘ अग्नि ‘, जो मेरा सपना थी, के लिए किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो इस परियोजना में कभी-कभी मेरे दखल को बरदाश्त कर सके । यह बात मुझे आर.एन. अग्रवाल में नजर आई । वह मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेकोलॉजी के विलक्षण छात्रों में से थे । वह डी.आर.डी.एल. में वैमानिकी परीक्षण सुविधाओं का प्रबंधन सँभाल रहे थे ।
तकनीकी जटिलताओं के कारण ‘ आकाश ‘ एवं ‘ नाग ‘ को तब भविष्य की मिसाइलों के रूप में तैयार करने पर विचार किया गया । इनकी गतिविधियाँ करीब आधे दशक बाद तेजी पर होने की उम्मीद थी । इसलिए मैंने ‘ आकाश ‘ के लिए प्रह्लाद और ‘ नाग ‘ के लिए एन. आर. अय्यर को चुना । दो और नौजवानो-वी.के. सारस्वत एवं ए.के. कपूर को क्रमश: सुंदरम तथा मोहन का सहायक नियुक्त किया गया ।
-इसी पुस्तक से
प्रस्तुत पुस्तक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन की ही कहानी नहीं है बल्कि यह डॉ. कलाम के स्वयं की ऊपर उठने और उनके व्यक्तिगत एवं पेशेवर संघर्षों की कहानी के साथ ‘ अग्नि ‘, ‘ पृथ्वी ‘, ‘ आकाश ‘, ‘ त्रिशूल ‘ और ‘ नाग ‘ मिसाइलों के विकास की भी कहानी है; जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिसाइल-संपन्न देश के रूप में जगह दिलाई । यह टेकोलॉजी एवं रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की आजाद भारत की भी कहानी है ।SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Agni Raag
‘अग्नि-राग’ समकालीन संदर्भों में नारी-सशक्तीकरण की कहानी है। धधकती अग्नि-ज्वाला में जलती-झुलसती दीपिका की कहानी। विवाह का झाँसा देकर एक डॉक्टर वर्षों उसका यौन-शोषण करता है। जब युवती को डॉक्टर का विवाह अन्यत्र तय हो जाने की सूचना मिलती है, तो वह किस प्रकार प्रतिशोध लेती है—इसका उपन्यास में चित्रण है। बलात्कार-पीडि़ता के प्रति समाज की प्रतिक्रिया, मीडिया की प्रतिक्रिया, कानून की प्रतिक्रिया आदि का यह ऐसा विश्वसनीय आख्यान है, जिसमें अनुरंजन और चिंतन दोनों मौजूद हैं।
बलात्कार के आँकड़े बताते हैं कि औरत दिनोदिन असुरक्षित हुई है। घर, स्कूल, सड़क, खेत-खलिहान—कहाँ पर ‘निर्भयाकांड’ नहीं होते? देह-शोषण की शिकार औरत अमूमन लोक-लाज अथवा ग्लानि के चलते अपना मुँह बंद रखती है या फाँसी के फंदे पर झूल जाती है। किंतु जब किसी रेप-पीडि़ता के भीतर आग धधक उठती है, तो वह अपने अर्धनारीश्वर रूप में एक मिसाल बन जाती है। नारीगत कोमलता और पौरुषेय कठोरता की धूपछाँही द्युति एक विलक्षण आलोक-लोक सिरज देती है। यही अग्नि-राग है।
पंचतत्त्वों से बने हर मानव शरीर में अग्नि का वास है, कहीं कम, कहीं ज्यादा। इसलिए यदि ‘अग्नि-राग’ की दीपिका अपनी नन्ही सी लौ से अन्य रेप-पीडि़ताओं के अँधेरे जीवन को प्रकाशमान करने का उद्यम करती है, तो उसके इस संकल्प और साहस को नमन करने का जी चाहता है। ‘अग्नि-राग’ इसी संवेदना का उपन्यास है।SKU: n/a