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Afghanistan


अफगानिस्तान : शांति की तलाश, । युद्ध की राह’ एक ऐसे देश का प्रामाणिक विवरण है, जो कभी युद्ध से समृद्ध था और अब युद्ध से तबाह हो गया है । प्रेम राजा जहीर शाह के सौम्य शासन के तहत एक उदार, स्वतंत्र, स्थिर और धर्मनिरपेक्ष अफगानिस्तान की झलक पेश करके पाठकों को समृद्ध करते हैं, जो कई लोगों के लिए अब भी पहेली ही है। लेखक अप्रैल 1978 की क्रांति के बाद अस्थिरता की लंबी अवधि पर चर्चा करते हैं, जिसकी वजह से सोवियत संघ के जरिए कम्युनिस्ट सत्ता में आए।

लेखक सोवियत संघ को हराने के लिए तालिबान बनाने में अमेरिका और पाकिस्तान की भूमिका का आलोचनात्मक विश्लेषण करते हैं । अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना करते हुए तालिबान के खिलाफ अमेरिका द्वारा लड़े गए बीस साल के युद्ध का एक दिलचस्प विवरण प्रदान करते हुए वह अमेरिकी वापसी की दुःखद तसवीर प्रस्तुत करते हैं, जिससे अफगान एक बार फिर तालिबान की दया पर छोड़ दिए गए और गरीबी के साथ-साथ पाषाण युग में वापस धकेल दिए गए। वर्तमान कथा, हालाँकि काफी संक्षेप में है, लेकिन आधिकारिक, मनोरम और कलात्मक रूप से निर्मित है। यह पाठकों की कल्पना एक ऐसे देश को ले आती है, जिसका उथल-पुथल से भरा अतीत अब भी शांति की तलाश में है।

Rs.425.00 Rs.500.00

  •  Prem Prakash
  •  9789355621221
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  2024
  •  176
  •  Hard Cover
Weight 0.450 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in

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