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Murli Manohar Shrivastava
मुरली मनोहर श्रीवास्तव एक संवेदनशील लेखक हैं। लेखन के प्रति उनकी रुचि ने कई अनछुए तथा शोधपरक पहलुओं पर उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित किया। अपनी लेखनी में सपाट विषयों को भी तथ्य-आधारित प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं। अब तक आधा दर्जन पुस्तक लेखन, एक दर्जन डॉक्युमेंट्री, आधा दर्जन नाटक लिखने के अलावा 1500 से ज्यादा पारंपरिक भोजपुरी गीतों का संग्रह भी कर चुके हैं।
उन्होंने बी.एससी. (भौतिकी), पत्रकारिता स्नातकोत्तर डिप्लोमा, चेन्नई, एम.ए. (लोक प्रशासन), एम.ए. (पत्रकारिता) व कैथी लिपि का अध्ययन किया। लेखनी में बेहतर कार्य के लिए अपना नाम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड-2022’ में दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने विभिन्न अखबारों और टीवी चैनलों में काम करते हुए भी अपनी लेखनी को कभी प्रभावित नहीं होने दिया। साथ ही राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक विषयों पर उनके आलेख देश-दुनिया में प्रकाशित होते रहते हैं। अपनी लेखनी के माध्यम से हिंदू-मुसलिम एकता व जातिगत संघर्ष के बीच की खाई को पाटने की पूरी कोशिश करते हैं।
Veer Kunwar Singh Ki PremKatha
इस पुस्तक की रचना का मूल मकसद रणबाँकुरे वीर कुँवर सिंह जी के कृतित्व को आम जनमानस तक पहुँचाना है। जाति-धर्म से परे होकर बाबू साहब ने जिस प्रकार सबके साथ आत्मीयता निभाई, उसको दिग्दर्शित करते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है। उपलब्ध तथ्यों, लोककथाओं, लोकगीतों सहित अनेक माध्यमों को आधार बनाकर यह पुस्तक तैयार की गई है। बाबू साहब की देशभक्ति के साथ-साथ प्रजा के प्रति उनके अगाध स्नेह, प्रेम और दायित्व को केंद्रित कर इसकी रचना की गई है। इस पुस्तक को पढ़ने में पाठकों की रुचि बनी रहे, इसलिए कथानकों को संवाद के रूप में भी प्रस्तुत किया गया है। इसे संगृहीत अंशों का एक संकलन भी कहा जा सकता है। प्रस्तुत पुस्तक इतिहास के साथ-साथ फिक्शन स्टोरी भी कही जा सकती है।
Rs.255.00 Rs.300.00
Weight | 0.350 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.51 × 1.57 in |
- Murli Manohar Shrivastava
- 9789355216205
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1st
- 2023
- 216
- Soft Cover
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