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Sanatan Par Var


  1.   इस पुस्तक में जातिवाद से संबंधित तमाम भ्रांतियों को स्पष्ट किया गया है। इसमें दर्शाया गया है कि सुनियोजित षड्यंत्र के तहत न केवल भारत में जातिवाद का बीज बोया गयाबल्कि उसे पल्लवित और पोषित करने के लिए विदेशी आक्रांताओं द्वारा हर संभव कदम उठाए गए। इस पुस्तक में स्पष्ट किया गया है कि प्राचीन भारतीय समाज में जातिवाद नहीं बल्कि वर्ण व्यवस्था थी, जिस पर आज के अर्थशास्त्र का सिद्धांत “डिवीजन ऑफ लेबर” आधारित है।

यह पुस्तक भारत के बाहर से आये आक्रमणकारियों द्वारा सनातन धर्म और उसके अनुयायियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों पर भी प्रकाश डालता है।

Rs.315.00 Rs.349.00

ISBN 13 979-8885750486
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 180
Release Year 2022
Publishers Garuda Prakashan
Weight 0.350 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in

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