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Sanatan Jeevan Shaili (PB)


“1967 में मेडिकल कॉलेज में मेरे द्वितीय वर्ष के दौरान सनातन में मेरी रुचि जर्मन
सार्शनिक आर्थर शोपेनहावर की एक पंक्ति से शुरू हुई। मैंने शिवमूर्ति को देखा और जन पाया, इसका जिक्र मेरी इसी किताब में है ।

पश्चिमी विचारों के प्रभाव में मैं भी मूर्तिपूजा को एक रूढ़िवादी मानसिकता मानता था।

मुझे लगा कि हजारों साल से चली आ रही ये मान्यताएँ जिन्हें लोगों ने अंधविश्वास कहकर खारिज कर दिया है, निरर्थक तो नहीं हो सकतीं, जैसे
मंगलवार को बाल न कटवाना, हनुमान की नाराजगी से डरना या शनिदेव के कोप से बचने के लिए शनिवार को लोहा न खरीदना ।

मैं यह सब सोचने लगा । ऐसा लगता है कि ये रीति-रिवाज नाइयों और लोहारों को एक दिन की छुट्टी देने के लिए बनाए गए थे। मार्च महीने में जब घर में शीतला माता की पूजा के लिए बासी भोजन की व्यवस्था देखी तो लगा कि समाज को यह संदेश दिया जा रहा था कि गरमियाँ शुरू होते ही बासी भोजन खाना बंद कर दें।फिर तो मैं सनातन की यात्रा पर निकल पड़ा। मैंने अंधविश्वास कहे ही जाने वाली मान्यताओं पर लोगों से अपने विचार साझा किए और चर्चाओं में शामिल हुआ, लोगों से सकारात्मक

प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुईं। मैं यह दावा नहीं करता कि मेरे विचार सौ प्रतिशत सही हैं, लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि चिकित्सा ज्ञान में मेरी वैज्ञानिक पृष्ठभूमि ने निश्चित रूप से मुझे सनातन प्रथाओं को समझने में सक्षम बनाया है।

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About the Author

जन्म : 28 अगस्त, 1948, रोहतक | शिक्षा : M. B. B.S., FCGP I कृतियाँ : अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी व हरियाणवी में कुल 40, जिनमें छह उपन्यास, छह कहानी-संग्रह, पाँच कविता, एक दोहा सतसई, दो गजल-संग्रह आदि एवं अंग्रेजी उपन्यास Strong Women@wnd heaven.com. संपादन : ‘मसि-कागद’ (साहित्यिक त्रैमासिकी 11 वर्ष), ‘हरिगंधा’ मासिक, हरियाणा साहित्य अकादमी 5 वर्ष; कहानी ‘गंध’ पर फिल्म । सम्मान : पं. लखमीचंद सम्मान (हरियाणा साहित्य अकादमी); विभिन्न अकादमियों द्वारा 5 पुस्तकें तथा हिंदी एवं पंजाबी की 10 कहानियाँ भी पुरस्कृत | इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा ‘चिकित्सा रत्न सम्मान’ । पूर्व निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी; पूर्व अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, हरियाणा ।
Weight 0.350 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  Dr. Shyam Sakha ‘Shyam’
  •  9789355218568
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  First Edition
  •  2023
  •  192
  •  Soft Cover

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