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Purushottam


पुरुषोत्तम

ऐतिहासिक एवं पौराणिक गाथाओं को आधुनिक सन्दर्भ प्रदान करने में सिद्धहस्त, बहुचर्चित लेखक की यह नवीनतम औपन्यासिक कृति अपनी भाषा के माधुर्य एवं शिल्पगत सौष्ठव द्वारा पाठक को मुग्ध किए बिना नहीं रहेगी। ‘पहला सूरज’, एवं ‘पवन पुत्र’ जैसी बहुचर्चित कृतियों के पश्चात् श्रीकृष्ण जीवन के उत्तरार्ध पर आधारित यह बृहत् उपन्यास डॉ. मिश्र की लेखकीय यात्रा का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है जो केवल अपनी आधुनिक दृष्टि ही नहीं अपितु विचारों की नवोन्मेषता और मौलिकता के कारण भी विशिष्ट है।

डॉ. मिश्र शिल्पकार पहले हैं और उपन्यासकार बाद में, यही कारण है कि पुस्तक अथ से इति तक पाठक के मन को बाँधने में सक्षम है और श्रीकृष्ण के बहुआयामी व्यक्तित्व के जटिलतम प्रसंग भी बोधगम्य एवं सहज सरल बन आए हैं।

श्रीकृष्ण को लेखक ने पुरुषोत्तम के रूप में ही देखा है और उसकी यह दृष्टि इस कृति को प्रासंगिक के साथ-साथ उपयोगी भी बना जाती है। विघटनशील मानवीय मूल्यों के इस काल में आदर्शों एवं मूल्यों की पुनर्स्थापना के सफल प्रयास का ही नाम है ‘पुरुषोत्तम’।

Rs.525.00

BHAGWATI SHARAN MISHRA
भगवतीशरण मिश्र

अनेक पुरस्कारों एवं सम्मानों से सम्मानित प्रतिष्ठित उपन्यासकार जो अपने लेखन की विपुलता एवं गुणवत्ता से उपन्यास-लेखकों की अग्रिम पंक्ति में अपना स्थान सुरक्षित कर चुके हैं। उपन्यासों के अलावा अन्य महत्त्वपूर्ण लेखल। अब तक 75 से अधिक कृतियाँ प्रकाशित।

प्रमुख पुस्तकें

पहला सूरज (पुरस्कृत), पवनपुत्र (पुरस्कृत), प्रथम पुरुष (पुरस्कृत), पुरुषोत्तम (पुरस्कृत), पीतांबरा (पुरस्कृत), काके लागूं पांव, गोबिन्द गाथा (पुरस्कृत), मैं भीष्म बोल रहा हूँ, देख कबीरा रोया,पद्मनेत्रा (पुरस्कृत), भारत के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री तथा अन्य पुस्तकें।

देश के प्रायः सभी विश्वविद्यालयों में इनकी कृतियों पर पी-एच. डी., एम.फिल, डी. लिट्‌. के लिए शोध।

अंग्रेज़ी, संस्कृत, बंगला, हिन्दी आदि के विद्वान। कई कृतियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद।

Weight .535 kg
Dimensions 8.7 × 5.51 × 1.57 in

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