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Nar se Narayan (PB)


प्रस्तुत पुस्तक ‘नर से नारायण‘ दीदीमाँ साध्वी ऋतंभराजी के प्रवचनों का अनुकरणीय संग्रह है। अपनी तरुणाई से ही अध्यात्म-पथ पर अग्रसर होने  वाली साध्वी ऋतंभरा अपने गुरुदेव युगपुरुष स्वामी श्रीपरमानंदजी महाराज के आध्यात्मिक सान्निध्य में देखते-ही-देखते श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन गईं। ’90 के दशक में देश भर में कोटि- कोटि हिंदू समाज उन्हें सुनने के लिए उमड़ पड़ता था। उन्होंने अपनी तेजस्विता से सुप्त पड़े हिंदू समाज को झकझोरकर जगाया। अपने धारदार प्रवचनों में उन्होंने बताया कि कैसे एक शक्तिशाली हिंदू समाज जाति- पाँति के भेद में पड़कर इतना कमजोर हो गया कि मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक सभी ने उसकी आस्था और प्रतीकों को रौंदा ।

अयोध्या आंदोलन में अपनी तेजस्वी भूमिका निभानेवाली साध्वी ऋतंभरा ने अपने वात्सल्य स्वभाव में स्थित होकर निराश्रित बच्चों, सेवाभावी बहनों एवं तिरस्कृत वृद्धा माताओं के साथ मिलकर वृंदावन में वात्सल्य सृष्टि की रचना की। समाज- जीवन के विभिन्न विषयों पर उनका चिंतन अद्भुत है। उनके प्रवचन जीवन की विषम परिस्थितियों में समाधान देते हैं। उनके विचार अँधियारे जीवन-पथ में प्रकाश-स्तंभ के समान हैं। उनके अमृत वचन इस बात की सुनिश्चितता होते हैं कि कैसे एक साधारण मनुष्य भी नर से नारायण बन सकता है।

आध्यात्मिक उन्नति करके जीवन को सार्थकता देने के लिए प्रेरित करने वाली अमृतवाणी का अनुपमेय संकलन ।

Rs.255.00 Rs.300.00

  •  Sadhvi Ritambhara
  •  9789355217189
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  2023
  •  192
  •  Soft Cover
Weight 0.250 kg
Dimensions 8 × 5.51 × 1.57 in

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