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Mewar Evam Marathaon Ki Sahasra Varshon Ki Shauryagatha (PB)


तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित सरकारों एवं दरबारी इतिहासकारों द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रम में हमें मोहम्मद गोरी से लेकर मुगल शासकों तक का विस्तृत वर्णन तो मिलता है, किंतु हमें यह नहीं बताया जाता कि महाराणा प्रताप के पिता का क्या नाम था, हमें कभी बताया ही नहीं गया कि महाराणा हम्मीर सिंह ने मोहम्मद बिन तुगलक को, महाराणा कुंभा ने मालवा के महमूद खिलजी को, महाराणा साँगा ने तथाकथित दिल्ली सल्तनत के शासक इब्राहिम लोधी को महीनों तक बंदी बनाकर रखा।

यह भी नहीं बताया गया कि मराठा स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज ने एक ही समय में पुर्तगाली, मुगल, अंग्रेज, सिद्दी तथा आदिलशाह आदि विदेशी आक्रांताओं के साथ युद्ध करके उन्हें परास्त किया था। पेशवा बालाजी विश्वनाथ और पेशवा बाजीराव प्रथम के बारे में भी नहीं बताया गया, जिन्होंने न केवल मुगल साम्राज्य को उखाड़ फेंका था, बल्कि दिल्ली के तख्त पर अब कौन सा मुगल बादशाह बैठेगा, यह भी मराठे तय करने लगे थे।

आइए ! मेवाड़ एवं मराठा स्वराज्य की गौरवपूर्ण ऐतिहासिक यात्रा की ओर अग्रसर होते हैं, ताकि हम अपने महापुरुषों द्वारा किए गए पराक्रम का स्मरण कर अपने अस्तित्व को पहचानें और भारत को पुनः विश्वगुरुबनाएँ ।

Rs.255.00 Rs.300.00

  •  Raghu Hari Dalmia & Vivek Mishra
  •  9789355219725
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  2024
  •  208
  •  Soft Cover
Weight 0.350 kg
Dimensions 8.7 × 5.51 × 1.57 in

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