Publisher – Manoj Publications
ISBN – 9788131013977
Language – Hindi
Pages – 176
Binding – Paperback
Weight | .250 kg |
---|---|
Dimensions | 9.5 × 7.25 × 1 in |
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जीवन वृक्ष — डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम केवल एक योग्य व प्रतिष्ठित वैज्ञानिक ही नहीं बल्कि एक संवेदनशील और विचारशील कवि भी हैं। वैज्ञानिक उत्कृष्टता और काव्यमय प्रतिभा का यह संगम वास्तव में अद्भुत है।
इस काव्य-संग्रह की रचनाओं में भारत और इसकी समृद्ध संस्कृति के प्रति डॉ. कलाम का विशेष प्रेम देखने को मिलता है। ईश्वर और अपनी मातृभूमि के प्रति इनके समर्पण और मानवता के प्रति अनुराग की भी इनकी कविताओं में अद्भुत अभिव्यक्ति है। अपनी क्षमता और उपलब्धियों को ईश्वर की देन मानते हुए उन्होंने उन्हें भारतवासियों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया है। अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होंने नि:स्वार्थ सेवा, समर्पण और सच्चे विश्वास का संदेश दिया है।
भारतीय समाज को गहराई से जाननेवाले डॉ. कलाम अनुकंपा, तटस्थ भाव, धैर्य और सहानुभूति से समस्याओं का समाधान ढूँढ़ने की कोशिश करते हैं।
जीवन के विविध रंगों और माननीय संवेदना से सज्जित डॉ. कलाम की कविताओं का यह वृक्ष एक नया विश्वास, नई छाया, नई आशाओं का संचार करेगा।
काला पानी की भयंकरता का अनुमान इसी एक बात से लगाया जा सकता है कि इसका नाम सुनते ही आदमी सिहर उठता है। काला पानी की विभीषिका, यातना एवं त्रासदी किसी नरक से कम नहीं थी। विनायक दामोदर सावरकर चूँकि वहाँ आजीवन कारावास भोग रहे थे, अत: उनके द्वारा लिखित यह उपन्यास आँखों-देखे वर्णन का-सा पठन-सुख देता है। इस उपन्यास में मुख्य रूप से उन राजबंदियों के जीवन का वर्णन है, जो ब्रिटिश राज में अंडमान अथवा ‘काला पानी’ में सश्रम कारावास का भयानक दंड भुगत रहे थे। काला पानी के कैदियों पर कैसे-कैसे नृशंस अत्याचार एवं क्रूरतापूर्ण व्यवहार किए जाते थे, उनका तथ वहाँ की नारकीय स्थितियों का इसमें त्रासद वर्णन है। इसमें हत्यारों, लुटेरों, डाकुओं तथा क्रूर, स्वार्थी, व्यसनाधीन अपराधियों का जीवन-चित्र भी उकेरा गया है। उपन्यास में काला पानी के ऐसे-ऐसे सत्यों एवं तथ्यों का उद्घाटन हुआ है, जिन्हें पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
This book is about Shri Ashutosh Maharaj Ji, whose disciples have a firm conviction that he is established in the highest state of Samadhi since 28th January, 2014.
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