Author – Rudrangshu Mukherjee
ISBN – 9789352660506
Language – Hindi
Pages – 240
सुभाष को यकीन था कि वे और जवाहरलाल साथ मिलकर इतिहास बना सकते हैं, मगर जवाहरलाल अपना भविष्य गांधी के बगैर नहीं देख पा रहे थे।
यही इन दोनों के संबंधों के द्वंद्व का सीमा-बिंदु था।
एक व्यक्ति, जिसके लिए भारत की आजादी से अधिक और कुछ मायने नहीं रखता था और दूसरा, जिसने अपने देश की आजादी को अपने हृदय में सँजोए रखा, मगर इसके लिए अपने पराक्रमपूर्ण प्रयास को अन्य चीजों से भी संबंधित रखा और कभी-कभी तो द्वंद्व-युक्त निष्ठा से भी।
सुभाष और जवाहरलाल की मित्रता में लक्ष्यों की प्रतिद्वंद्विता की इस दरार ने एक तनाव उत्पन्न कर दिया और उनके जीवन का कभी भी मिलन न हो सका।
Rs.400.00
Author – Rudrangshu Mukherjee
ISBN – 9789352660506
Language – Hindi
Pages – 240
Weight | .400 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.51 × 1.57 in |
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