Taslima Nasrin Books
Showing 25–30 of 30 results
-
Vani Prakashan, उपन्यास, ऐतिहासिक उपन्यास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Ve andhere din
‘अंधेरे वे दिन….’ तसलीमा के उन अँधेरे दिनों की कथा बयान करते हैं जब उन्हें दीर्घ दो महीने, घुप्प अँधियारे में आत्मगोपन करके रहना पड़ा, वह भी अपने देश में। यह उपन्यास मूलतः तथ्यपरक हैं। बांग्लादेश में प्रकाशित ‘आजकेर कागज’ ‘भोरेर कागज’ ‘इत्तफाक’ संवाद’ ‘बांग्ला बाजार’ ‘इन्क़लाब’ ‘दिनकाल’ ‘संग्राम’ वगैरह दैनिक अखबारों से उन दिनों की ख़बरों से ली गई हैं।
SKU: n/a