Prof. Rameshwar Mishra ‘Pankaj
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
Adviteey Samaajashastr
विद्वान् लेखक ने भारतीय समाजशास्त्र के एक ऐसे ग्रंथ की रचना की है, जो विगत 77 वर्षों से शासन द्वारा भारतीय बुद्धि को बाधित रखने के कारण निकृष्ट पदावलियों व मुहावरों से आक्रांत चित्त वाले पाठकों की भी समझ में आ सके। ऐसा दुष्कर कार्य वही विद्वान् कर सकता है, जो धर्मशास्त्रों का मर्मज्ञ तो हो ही, पाठकों की सीमाओं से भी भलीभाँति परिचित हो । मिश्रजी इस पुरुषार्थ के लिए साधुवाद के पात्र हैं। मनुष्य के संपूर्ण कल्याण में जिनकी रुचि हो, उनके लिए यह अवश्य पठनीय पुस्तक है।
धर्मशास्त्रों के परम ज्ञाता ऋषि-तुल्य आदरणीय पंकजजी ने संपूर्ण मानवता के उत्थान के लिए प्रस्तुत ग्रंथ की रचना की है। बौद्धिक वर्ग से अनुरोध है कि वह इस दुर्लभ ग्रंथ का अध्ययन व मनन-चिंतन करे। इस श्रेष्ठ ग्रंथ के निर्माण के लिए मनीषी पंकजजी को साधुवाद।
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Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, इतिहास
Quran To Hai Par Musalaman Koi Nahin
-12%Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, इतिहासQuran To Hai Par Musalaman Koi Nahin
जो लोग इस्लाम की आड़ में ‘लॉ लेसनेस’ करते हैं, वे स्वयं इस्लाम के आधारभूत स्तंभों का पालन नहीं करते। अतः कुरान हदीस के अनुसार उन्हें मोमिन नहीं कहा जा सकता। ऐसे लोग तो वस्तुतः बनावटी मुसलमान है। इस्लाम इनके लिए अवैध आपराधिक कार्यों के लिए एक ढाल भर है, इनको इस्लाम में कोई आस्था नहीं है। कुरान के अनुसार, उन्हें इस्लाम के नाम पर मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान, मजार, दरगाह आदि पर और उनके प्रबंध पर कोई भी हक नहीं है।
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