Mahabharat Books
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Mahabharat-Khilbhag, Shriharivansh Puran
श्रीहरिवंशपुराण वेदार्थ-प्रकाशक महाभारत ग्रन्थ का अन्तिम पर्व है। पुत्र प्राप्ति की कामना से श्रीहरिवंशपुराण के श्रवण की परम्परा भारतवर्ष में चिरकाल से प्रचलित है। अनन्त भावुक धर्मपराण लोग इसके श्रवण से पुत्र-प्राप्ति का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। भगवद्भक्ति तथा प्रेरणादायी कथानकों की दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है। भगवान् श्रीकृष्ण से सम्बन्धित अगणित कथाएँ इसमें ऐसी हैं, जो अत्यन्त दुर्लभ हैं। धार्मिक जन-सामान्य के कल्याणार्थ इसके अन्त में सन्तानगोपाल-मन्त्र, अनुष्ठान-विधि, सन्तान-गोपाल-यन्त्र, सन्तान-गोपालस्तोत्र भी संगृहीत हैं। सचित्र, सजिल्द।
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Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
SANKSHIPT MAHABHARAT (Vol-1)
Mahabharat is considered as Fifth Ved. It has been hailed by critics in literary world as encyclopedia of Indian knowledge. It contains knowledge, reclusion, Bhakti-Yog, values, ethics, ancient history, politics, diplomacy etc. This synopsis of Mahabharat has been published so that everyone gets acquainted with unfathomable knowledge contained in it. Hard bound with illustration (in two volumes).
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Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
SANKSHIPT MAHABHARAT (Vol-2)
इस पुस्तक में सम्पूर्ण महाभारत का सार प्रकाशित किया गया है। इसमें ज्ञान, वैराग्य, भक्तियोग, नीति, सदाचार, प्राचीन इतिहास, राजनीति, कूटनीति आदि, मानव जीवनोपयोगी विविध विषयों का समावेश है। चित्रों सहित। मोटे ज़िल्द में। दो खण्डों में सेट। विश्व के उत्कृष्ट विचारकों, तत्त्वान्वेषकों, समालोचकों द्वारा भारतीय ज्ञान के विश्वकोश के रूप में समादृत महाभारत की महिमा का कोई पार नहीं है। इसमें ज्ञान, वैराग्य, भक्तियोग, नीति, सदाचार, प्राचीन इतिहास, राजनीति, कूटनीति आदि-मानव जीवनोपयोगी विविध विषयों का समावेश है। यह शास्त्रों में पंचम वेद की मान्यता से अलंकृत है। सबको इस अगाध ज्ञान से परिचित कराने के उद्देश्य से ही सम्पूर्ण महाभारत का यह सार गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया है। सचित्र, सजिल्द (दो खण्डों में सेट)।
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Gita Press, Suggested Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
The Complete Mahabharata – (Six Volumes) | महाभारत सटीक (छ: खण्डो में)
Gita Press, Suggested Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीताThe Complete Mahabharata – (Six Volumes) | महाभारत सटीक (छ: खण्डो में)
विश्व के उत्कृष्ट विचारकों, तत्त्वान्वेषकों, समालोचकों द्वारा भारतीय ज्ञान के विश्वकोश के रूप में समादृत महाभारत की महिमा का कोई पार नहीं है। इसमें ज्ञान, वैराग्य, भक्तियोग, नीति, सदाचार, प्राचीन इतिहास, राजनीति, कूटनीति आदि-मानव जीवनोपयोगी विविध विषयों का समावेश है। यह शास्त्रों में पंचम वेद की मान्यता से अलंकृत है।
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Govindram Hasanand Prakashan, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
महाभारतम् – Mahabharatam (HB)
महाभारत धर्म का विष्वकोष है। व्यास जी महाराज की घोषणा है कि ‘जो कुछ यहां है, वही अन्यत्र है, जो यहां नहीं है वह कहीं नहीं है।‘ इसकी महत्ता और गुरुता के कारण इसे पन्चम वेद भी कहा जाता है।
लगभग 16000 श्लोकों में सम्पूर्ण महाभारत पूर्ण हुआ है। श्लोकों का तारतम्य इस प्रकार मिलाया गया है कि कथा का सम्बन्ध निरन्तर बना रहता है। इस पुस्तक में आप अपने प्राचीन गौरवमय इतिहास की, संस्कृति और सभ्यता की, ज्ञान-विज्ञान की, आचार-व्यवहार की झांकी देख सकते हैं।
यदि आप भ्रातृप्रेम, नारी का आदर्ष, सदाचार, धर्म का स्वरुप, गृहस्थ का आदर्ष, मोक्ष का स्वरुप, वर्ण और आश्रमों के धर्म, प्राचीन राज्य का स्वरुप आदि के सम्बन्ध में जानना चाहते हैं तो एक बार इस ग्रन्थ को अवश्य पढ़ें।
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