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Hindi Books, Prabhat Prakashan, कहानियां, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Panch Pandav
प्रस्तुत पुस्तक पाँच पांडवों के व्यक्तित्व तथा उनके जीवन पर आधारित है। महाभारत के अनुसार पाँचों पांडव राजा पांडु के पुत्र थे। सबसे बड़े पुत्र धर्मराज युधिष्ठिर, भीमसेन तथा अर्जुन पांडु की पहली पत्नी रानी वुंक्तती से उत्पन्न हुए तथा नकुल और सहदेव राजा पांडु की दूसरी रानी माद्री के पुत्र थे। पाँचों पांडवों का लालन-पान रानी वुंक्तती ने ही किया था। बचपन से ही पाँचों पांडव शूरवीर, बलशाली, नीतिवान, बुद्धिमान तथा विवेकी थे। महाभारत में पाँचों पांडवों के जीवन से जुड़ी अनेक कथाएँ प्रचलित हैं, जिनके माध्यम से इनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, कहानियां, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Raja Bhoj Ki Kathayen
भारतीय इतिहास में सर्वािधक लोकप्रिय राजाओं की अग्रिम पंक्ति में
अपनी पहचान बनानेवाले राजा भोज को भला कौन नहीं जानता! सहनशीलता, दयालुता, न्यायिप्रय, प्रजापालक, वीर, प्रतापी आदि गुणों के स्वामी राजा भोज की वीरता, साहस और न्यायप्रियता की कहानियाँ आज केवल भारतवर्ष में ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में प्रचलित हैं। कहा जाता है कि राजा भोज अपने काल के लोकनायक के रूप में भी विख्यात हो चुके थे। उनके जीवन से जुड़ी कहावत ‘कहाँ राजा भोज-कहाँ गंगू तेली’ बहुत लोकप्रिय है। इस कहावत के पीछे राजा भोज के जीवन से जुड़ी अनेक कथाएँ प्रचलित हैं।SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, कहानियां
Raja Harishchandra Ki Kathayen
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, कहानियांRaja Harishchandra Ki Kathayen
प्रस्तुत पुस्तक में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कुछ ऐसी ही कहानियों को संगृहीत किया गया है, जिनके द्वारा धर्म, सत्यता, संस्कार और प्रेम का ज्ञान प्रकट होता है। सरल भाषा एवं सुंदर चित्रों के साथ पुस्तक को आकर्षक एवं उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है। हमें आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि राजा हरिश्चंद्र के जीवन की प्रेरित ये कहानियाँ बाल पाठकों में अवश्य ही धर्म, संस्कृति एवं सत्यता का संचार करने में सहायक होंगी।
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Rajasthani Granthagar, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books), बाल साहित्य
Suno Vidhyarthi
सुनो विद्यार्थी : यदि आप चाहते हैं कि आपकी संतान परिवार, विद्यालय, शिक्षा व शिक्षक का महत्त्व समझ सके, उचित समय पर अपने लक्ष्य का निर्धारण कर सके, समय की कीमत व मेहनत का महत्त्व जान सके, श्रेष्ठ नित्यकर्म, स्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक उन्नति के पथ को अपना सके, महाविनाशक कुसंगति व सर्वनाशक नशे के दलदल से बच जाए, विद्यार्थी जीवन में ब्रह्मचर्य को अखण्ड रखकर आसनादि से शरीर बलिष्ठ, ऊर्जावान व पुष्ठ बनाए, स्वाध्याय, अनुशासन व आत्म अवलोकन के द्वारा अपनी क्षमताओं का सर्वांगीण विकास करे, भाग्य, कर्म, व्यक्तित्व व अभिप्रेरणा को भली-भाँति समझ जाए, रोजगार संबंधी जानकारी से सम्पन्न होकर बेरोजगारी की विकराल समस्या में न उलझे, श्रेष्ठ मित्रों का साथ करे, भटकाव के हर मार्ग से बचकर आदर्श जीवन तथा सच्चे जीवन-आनन्द की प्राप्ति के साथ घर, परिवार, समाज और राष्ट्र को गौरवान्वित करें, तो आपको चाहिए कि इन सभी विषयों पर अपनी संतान का समय-समय पर उचित मार्गदर्शन करें। इस पुस्तक के माध्यम से इन तमाम विषयों पर स्वतंत्र रूप से अलग-अलग अध्यायों के द्वारा इसी मार्गदर्शन का प्रयास किया गया है…
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