Hindi Books
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Sher-E-Garhwal
“यह पुस्तक पराधीन भारत में सन 1919-20 में हिमालय की दून घाटी में एक छोटे से छात्र-आंदोलन से प्रस्फुटित एक ऐसे ऐतिहासिक घटनाक्रम का आत्मकथात्मक स्वरूप है, जिसमें हमारे नायक को स्कूल से निकाल देने से लेकर उसके तत्कालीन ब्रिटिश गढ़वाल में भारत छोड़ो आंदोलन का नायक बनने तक के शानदार सफर के कई रोमांचकारी किस्से शामिल हैं।
कर्नल इबटसन पर जानलेवा हमला करने, तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर मैलकम हेली का बायकॉट करने, आधुनिक उत्तराखंड के ‘बारदोली’ कहे जानेवाले गुजड़ू में एक बड़ा किसान आंदोलन खड़ा करने के साथ-साथ लैंसडौन गढ़वाल को सशस्त्र विद्रोह के माध्यम से स्वतंत्र करवाने के प्रयास और स्वाधीन भारत के पहले चुनाव आदि जैसे तमाम ऐतिहासिक घटनाक्रमों से जुड़े हुए कई सनसनीखेज वृत्तांतों को समेटे यह दस्तावेज, एक गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी की जीवन-यात्रा का ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानवीय जीवन और संवेदनाओं का स्वत:पूर्ण आख्यान है।
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Hindi Books, Lokbharti Prakashan
Shiksha Ka Arth Evam Auchitya
शिक्षा अपने व्यापक अर्थ में नियत समय तक चलने वाली प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि व्यक्ति शैशवावस्था से मरणासन्न तक जो कुछ सीखता और अनुभव प्राप्त करता है। प्राप्त सीख एवं अनुभव का उपयोग खुद और जग कल्याणार्थ करता है। खुद और दूसरों का मूल्य समझता है तथा इन मूल्यों की महत्ता समझते हुए जीवन का औचित्य साकार करता है। वही वास्तविक शिक्षा है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, रामायण/रामकथा
Shiv Ki Mahima
भगवान् शिव की महिमा अपरंपार है। पुराणों में उन्हें सृष्टि का जन्मदाता भी माना जाता है। कहते हैं, जब उन्होंने इस सृष्टि की रचना करने का मन बनाया तो स्वयं ब्रह्मा की उत्पत्ति की तथा उन्हें इस सृष्टि को बढ़ाने का आदेश दिया। भगवान् शिव की अनेक कथाओं का हमारे पुराणों में वर्णन मिलता है। उनकी अनेक चमत्कारी कथाएँ जन-जन में प्रचलित हैं। भगवान् शिव की कुछ चमत्कारी कथाओं को सरल भाषा व चित्रों के माध्यम से हमने इस पुस्तक में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। कथाओं को लिखते समय पूरा ध्यान रखा गया है कि किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुँचे। यदि फिर भी किन्हीं शब्दों से किसी भक्त को ठेस पहुँचती है तो हम उसके लिए क्षमा प्रार्थी हैं। हमें विश्वास है कि यह पुस्तक बाल पाठकों सहित प्रत्येक वर्ग के पाठकों के लिए भी उपयोगी रहेगी।
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Shiv Stotra Ratnakar
भगवान् शिव के चरित्र बड़े ही उदात्त तथा अनुकम्पापूर्ण हैं। ये थोड़ी ही उपासना से प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सब कुछ प्रदान कर देते हैं। इस पुस्तक में भक्तों के लिये उपयोगी भगवान् शिव के विभिन्न स्तोत्रों, स्तुतियों, सहस्रनाम तथा आरती आदि का सुन्दर संकलन किया गया है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Shivaji-Guru Samarth Ramdas
मुगल शासनकाल में समर्थ गुरु रामदास मुगलों के अत्याचार, अनाचार और अराजकता से आहत थे। जब वे चौबीस वर्ष के थे, तब भारत भ्रमण के लिए निकले; उस समय पूरा उत्तर भारत औरंगजेब के अत्याचारों से त्रस्त था। उन्हें यह एहसास हुआ कि ‘धर्म-संघटन और लोक-संघटन’ होगा तब ही राष्ट्र परतंत्रता से मुकाबला कर सकता है। धर्म-संघटन के लिए ईश्वर संकीर्तन और उसपर श्रद्धा अटूट रखनी होगी; और लोकसंघटन करके लोकशक्ति जाग्रत् करनी होगी।
रामदास स्वामी भारत भ्रमण करके महाराष्ट्र पहुँचे तो उन्हें सुखद समाचार मिला। शहाजी राजा तथा जीजाबाई के सुपुत्र शिवाजी ने महाराष्ट्र में दो-चार किले मुसलिमों से जीतकर स्वराज्य का शुभारंभ किया था।
रामदास स्वामी योद्धा संन्यासी थे। श्री समर्थ रामदास स्वामी प्रभु श्रीराम के परम भक्त थे। उन्होंने राम-राज्य की कल्पना मन में ठान ली थी। शिवाजी महाराज के रूप में वह कल्पना सत्य हो रही थी। लोक जागृति करने का महान् कार्य करते समय उन्होंने राष्ट्रधर्म, हिंदूधर्म और स्वराज्य की भावना लोगों में जाग्रत् की। उन्होंने ग्यारह सौ मठों की स्थापना की। चौदह सौ महंतों को दीक्षा दी। 1632 से 1644 तक वे भारत भ्रमण कर रहे थे। वे हिमालय से कन्याकुमारी तथा लंका तक गए।
समर्थ गुरु रामदास के त्यागमय, प्रेरणाप्रद, तपस्वी जीवन का दिग्दर्शन कराता पठनीय उपन्यास, हमारी सुप्त सामाजिक-राष्ट्रीय चेतना को जाग्रत् करने में समर्थ होगा।SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, उपन्यास
Shivgiri
‘शिवगिरि’ कश्मीर की पृष्ठभूमि में रचित उपन्यास है और प्रधानतः आध्यात्मिक अन्वेषण के विषय को परखता है। यह न केवल एक उत्कृष्ट कथा है, अपितु प्रगाढ़ आंतरिक संदेशों से भी गर्भित है, जो विवेकी पाठकों के लिए अत्यंत रुचिकर होंगे। आदिशंकराचार्य की रचनाओं में अभिव्यक्त उनके दर्शन की यत्किंचित् व्याख्या एक गुरु और साधक के बीच संवाद के रूप में इस उपन्यास में प्रस्तुत है। गुरु पूछते हैं—‘‘तुम किसकी खोज कर रहे हो?’’ साधक उत्तर देता है—‘‘मैं उपनिषदों द्वारा व्याख्यायित उस आदर्श अवस्था की खोज में हूँ—वह अवस्था, जिसमें सारे दुःखों व संघर्षों का अंत होता है और जिसमें आनंद एवं निश्चिंतता का प्रकाश है।’’ ‘‘तुम्हारा अन्वेषण उचित है, अशोक! तुम वही खोज रहे हो, जो तुम्हारा जन्मसिद्ध अधिकार है।’’ गुरु कहते हैं।
सभी आयु वर्ग के पाठकों हेतु जानकारीपरक एवं अत्यंत रुचिकर उपन्यास।SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Shivkamini Mahadevi Ahilyabai(PB)
दिव्य मातृशक्ति, वीर माताओं, आध्यात्मिक नारियों व वीरांगनाओं कीअग्रणी पंक्ति को आलोकित करने वाली देवी अहिल्याबाई होल्कर की सोचकी व्यापकता ही तो थी, जो उन्होंने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भी भारतभर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों, पवित्र नदी घाट, कुओं और बावड़ियों का निर्माणकरवाया, मार्ग बनवाए व उनका पुनर्निर्माण कराया, भूखों के लिए अन्नक्षेत्रखोले, प्यासों के लिए प्याऊ लगाए, मंदिरों में शास्त्रों के मनन-चिंतन औरप्रवचन हेतु विद्वानों की नियुक्ति की तथा आत्म-प्रतिष्ठा के झूठे मोह का त्याणकरके सदा न्याय करने का प्रयास अपने आखिरी क्षणों तक करती रहीं । अपनेजीवनकाल में ही जनता इन्हें देवी मानकर पूजने लगी थी |
धर्मानुराणी व प्रजावत्सल लोकमाता अहिल्याबाई के यशस्वी जीवन कीगौरवणाथा है यह पुस्तक |
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Hindi Books, MyMirror Publishing House Pvt. Ltd, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Shree Khetra Girnar
लेखकाने वाणिज्य पदवी व कामगार कायदेविषयक पदव्युत्तर शिक्षण घेतले आहे. घरात पहिल्यापासून आध्यात्मिक वातावरण असल्याने शालेय जीवनापासूनच गुरुचरित्र पारायण केले आहे. सर्व कौटुंबिक जबाबदार्या सांभाळून पत्नीच्या परवानगीने गेली अनेक वर्ष गुरू दत्तात्रेयांचे पादुका व योगसिद्धी स्थान असलेल्या श्री क्षेत्र गिरनार, गुजरात येथे गेली 20 वर्षे गुरू दत्तात्रेयांच्या पादुका स्थानी दर्शनाचा योग. जुलै 2018 मध्ये सर्व प्रथम मोबाईलवर गिरनार विषयी लेखन, त्याची एकूण 15 पुष्पे प्रसिद्ध. मोबाईलवरून प्रसिद्ध केल्यानंतर त्याला जगभरातून प्रतिसाद मिळाला आहे. 2011 साली नर्मदा मैयेची परिक्रमा पूर्ण केली आहे. त्याची एकोणचाळीस पुष्पे प्रसिद्ध. नर्मदा परिक्रमेच्या लेखनात धार्मिक व पारंपरिक बाजूंबरोबरच जनजीवन, सामाजिक व आर्थिक परिस्थितीचा अभ्यासपूर्ण आढावा घेतला आहे.
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Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shri Bhishma Pitamah 0138
श्री भीष्मपितामह का जीवन त्याग और शौर्य का अनुपम उदाहरण है। भगवान् श्री कृष्ण के प्रति इनकी भक्ति अनुकरणीय है। इस पुस्तक में महाभारत एवं श्रीमद्भागवत के आधार पर श्री भीष्मपितामह के सम्पूर्ण जीवन-चरित्र का अत्यन्त रसमय वर्णन किया गया है।
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Shri Karni Mata Ka Itihas
श्री करणी माता का इतिहास
प्रस्तुत पुस्तक में करणी माता से जुड़ी राजनीतिक एवं धार्मिक घटनाओं से अधिक उनकी मानवतावादी दृष्टिकोण, गौ रक्षा संस्कृति, मातृभूमि प्रेम, सर्वधर्म समभाव, नारी उत्थान एवं पर्यावरण संरक्षण आदि के क्षेत्र में उनका अतुलनीय योगदान, करणी माता से जुड़ी सभी घटनाओं के साथ-साथ इतिहास के पन्नों में छिपी उनकी शिक्षाओं एवं संदेशों आदि को नए रूप में प्रस्तुत किया। जिसके कारण करणी माता लोक देवी के रूप में प्रतिस्थापित हुई। Shri Karni Mata Itihas
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Shri Karni Mata Ke Chamatkar
-15%Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहासShri Karni Mata Ke Chamatkar
श्री करणी माता के चमत्कार
हिन्दू धर्म की यह मान्यता है कि जब-जब धर्म एवं संस्कृति पर संकट आता है तब तब पृथ्वी पर देवी-देवता का अवतरण होता है। मां पार्वती (सती) के वचनानुसार चारण जाति में प्राचीनकाल से वर्तमान तक अनेक देवियों में अवतार लिये है जिसकी एक विस्तृत श्रृंखला है। Karni Mata Ke Chamatkar
चारण जाति ने अवतरित होने वाली देवियों में also श्री बांकल मां, श्री आवड मां, श्री खोडियार मां, श्री गूली मां, श्री होल मां, श्री आशी (आछी) मां, श्री सेसी (छेछी) मां, श्री रूपली मां, श्री बिरवड़ मां, श्री पीठड मां, श्री अम्बाजी, श्री देवल मां सिढ़ायच, श्री लाल बाई मां, श्री फूल बाई मां, श्री देवल मां मीसण, श्री करणी मां, श्री केसर मां, श्री गैदा मां, श्री सिद्धि मां, श्री गुलाल मां, श्री मोगल मां, श्री सैणल मां, श्री कामेही मां, श्री चापल मां, श्री नागबाई मां, श्री राजल मां, श्री गीगाई मां, श्री चन्दू मां, श्री बहुचरा मां, श्री बूट मां, श्री बलाल मां, श्री हरिया मां, श्री देवनगा मां, श्री इन्द्र मां, श्री सायर मां, श्री लूंग मां, श्री सोनल मां, आदि प्रमुख है।
इन सभी देवियों के प्रति आज भी जन-मानस में गहरी श्रद्धा व आस्था हैं। all in all इनके भव्य मन्दिर बने हुए है जहां लक्खी मेले भरे भरे जाते है। श्री करणी माता जन्म से लेकर ज्योर्तिलीन होने तक के इतिहास का वर्णन किया है। मातेश्वरी श्री करणी माता का ज्योर्तिलीन के बाद का भी बहुत चामत्कारिक इतिहास रहा है।
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Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shri Krishna Code 872
भगवान् श्रीकृष्ण की लीलाएँ इतनी सरस तथा रोचक हैं कि उन्हें पढ़ कर मन भगवत्कृपा के अगाध सिन्धु में गोते लगाने लगता है। श्रीकृष्ण-चित्रकथा का यह भाग कुवलयापीड के उद्धार से लेकर भगवान् श्रीकृष्ण के परमधाम-गमन तक नौ सुन्दर तथा चुनी हुई लीलाओं से सजाया गया है। प्रत्येक कथा के दायें पृष्ठ पर उससे सम्बन्धित आकर्षक बहुरंगे चित्र भी दिये गये हैं।
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