Hindi Sahitya Sadan
Showing 73–92 of 92 results
-
Hindi Sahitya Sadan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Sada Vatsale Matrabhumi
मातृभूमि से अभिप्राय हिमालय पर्वत, गंगा-यमुना इत्यादि नदियाँ, पंजाब, सिंध, गुजरात, बंगाल इत्यादि भू-खंड नहीं, वरन् यहीं की समाज है। अतः देश-भक्ति वस्तुतः समाज की भक्ति को कहते हैं।
भारत भूमि की जो विशेषता है, वह इस देश में सहस्रो-लाखों वर्षों में उत्पन्न हुए महापुरुषों के कारण है; उन महापुरुषों के तप, त्याग, समाज-सेवा तथा बलिदान के कारण है; उनके द्वारा दिए ज्ञान के कारण है।SKU: n/a -
-
Hindi Sahitya Sadan, इतिहास, ऐतिहासिक उपन्यास
स्वाधीनता के पथ पर : SVADHEENATA KE PATH PAR
टन……टन……टन……..टन……..। मन्दिर का घण्टा बज रहा था। देवता की आरती समाप्त हो चुकी थी। लोग चरणामृत पान कर अपने-अपने घर जा रहे थे। श्रद्धा, भक्ति, नमृता और उत्साह में लोग आगे बढ़कर, दोनों हाथ जोड़, मस्तक नवा, देवता को नमस्कार करते और हाथ की अंजुली बना चरणामृत के लिए हाथ पसारते थे। पुजारी रंगे सिर, बड़ी चोटी को गाँठ दिये, केवल रामनामी ओढ़नी ओढे़, देवता के चरणों के निकट चौकी पर बैठा अरघे से चरणामृत बाँट रहा था।
SKU: n/a