Gita Press
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Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Gopal
भगवान् श्रीकृष्ण की बाल-लीलाएँ परम मंगलमयी तथा अमृतस्वरूप हैं। इस पुस्तक में भगवान् श्रीकृष्ण के द्वारा बलराम की यशोदा के समक्ष शिकायत से लेकर वत्सासुर-उद्धार तक की नौ बाललीलाओं का सरल भाषा में सुन्दर वर्णन किया गया है। पुस्तक में प्रत्येक बाललीला का बहुरंगा आकर्षक चित्र भी दिया गया है।
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Har-Har Mahadev Code: 1343
भगवान् शिव की लीलाएँ अनन्त हैं। इस पुस्तक में विभिन्न पुराणों के आधार पर भगवान् शिव के द्वारा सृष्टि, अर्धनारीश्वर शिव, सती-जन्म, तप तथा विवाह, सती का योगाग्नि में आत्मदाह, दक्षयज्ञ-विध्वंस, पार्वती-जन्म, तप, काम-दहन आदि चुनी हुई सत्रह लीलाओं का सचित्र चित्रण किया गया है।
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Ishadi Nau Upanishad
इस पुस्तक में ईश, केन, कठ, मुण्डक, माण्डूक्य, ऐतरेय, तैत्तिरीय तथा श्वेताश्वतर उपनिषद्के मन्त्र, मन्त्रानुवाद, शाङ्करभाष्य और हिन्दी में भाष्यार्थ एक ही जिल्द में प्रकाशित किया गया है। यह पुस्तक संस्कृत के विद्यार्थियों तथा ब्रह्मज्ञान के जिज्ञासुओं के लिये विशेष उपयोगी है।
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Gita Press, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति
Kalyan Annual Number, Hindu-Sanskriti-Ank
यह विशेषांक भारतीय संस्कृतिके विभिन्न पक्षों – हिन्दू-धर्म, दर्शन, आचार-विचार, संस्कार, रीति-रिवाज पर्व-उत्सव, कला-संस्कृति और आदर्शोंपर प्रकाश डालनेवाला तथ्यपूर्ण बृहद् (सचित्र) दिग्दर्शन है। भारतीय संस्कृतिके उपासकों, अनुसन्धानकर्ताओं और जिज्ञासुओंके लिये यह अवश्य पठनीय तथा उपयोगी दिशा-निर्देशक है।
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Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Kalyan Path
कर्तव्य-कर्म का समुचित रीति से पालन करते हुए अधिकार और फलासक्ति का त्याग कर भगवत्प्राप्ति का उद्देश्य वाला व्यक्ति स्वतः मुक्त है। स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज द्वारा प्रस्तुत यह पुस्तक कल्याण-पथ-पथिकों हेतु योग्य मार्गदर्शक है।
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Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Kanhaiya
श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्ध के आधार पर लिखी गयी चित्रकथा के इस भाग में भगवान् श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर माखन-लीला तक की नौ लीलाओं का सरल भाषा में सजीव चित्रण किया गया है। कथा की भाषा-शैली इतनी सरस और रोचक है कि बाल-बृद्ध सभी लोग श्रीकृष्ण-लीला के मधुर प्रसंगों का सहज ही आनन्द उठा सकते हैं। प्रत्येक कथा के दायें पृष्ठ पर सुन्दर आर्टपेपर पर लीला से सम्बन्धित आकर्षक चित्र भी दिये गये हैं।
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Kenopanishad
सामवेदीय तलवकार ब्राह्मण के अन्तर्गत वर्णित इस उपनिषद में भगवान के स्वरूप और प्रभाव-वर्णन के साथ परमार्थ ज्ञान की अनिर्वचनीयता, अभेदोपासना तथा यक्षोपाख्यान में भगवान का सर्वप्रेरकत्व एवं सर्वकर्तृत्व स्वरूप दर्शनीय है। सानुवाद शांकरभाष्य।
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