राजनीतिशास्त्र से स्नातक श्री सिन्हा ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की। उन्होंने सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में संवाददाता की भूमिका निभाई। सन् 1974-75 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले छात्र आंदोलन पर ‘जन आंदोलन’ पुस्तक लिखी। उन्होंने 1974 में ‘सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विसेज इंडिया’ की स्थापना की। एक निजी सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में उन्होंने युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, यूरोप और चीन सहित कई देशों का भ्रमण किया और कई अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संस्थानों में महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। 1999-2004 के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठंबधन के शासनकाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विज्ञान व तकनीकी एवं समुद्री विकास मंत्रालय में सुरक्षा सलाहकार रहे। बहुआयामी प्रतिभा के धनी रवीन्द्र किशोर सिन्हा ने देहरादून में ‘द इंडियन पब्लिक स्कूल’ की स्थापना की। वे कई सामाजिक और कल्याणकारी संस्थाओं के अध्यक्ष हैं। फरवरी 2014 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए।
Vishwa Patal Par Apana Desh (HB)
Vishwa Patal Par Apana Desh “”विश्व पटल पर अपना देश”” Book in Hindi- R.K. Sinha
‘विश्व पटल पर अपना देश’ आर.के. सिन्हा के उन आलेखों का संग्रह है, जिसमें भारत की आन-बान और शान की चर्चा की गई है । बेशक भारत का अतीत गौरवशाली रहा है, लेकिन पिछले एक दशक से दुनियाभर में भारत का डंका फिर से बज रहा है और पुरजोर बज रहा है । इसमें भी दो राय नहीं कि ऐसा हमारी मजबूत सरकार और सक्षम नेतृत्व की वजह से ही संभव हो पाया है। सिन्हाजी अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं । प्रस्तुत पुस्तक में उन्होंने न सिर्फ नए भारत का यशोगान किया है, बल्कि अपने ठोस तकों से यह साबित भी किया है कि ऐसा करना क्यों जरूरी है । नया भारत चीन की मार खाकर “हिंदी-चीनी भाई-भाई ‘ का नारा नहीं लगाता; वह पाकिस्तान के हर कुत्सित कार्य को छोटे भाई की नासमझी भी नहीं मानता; न ही अनावश्यक सुरक्षा जाँच के नाम पर अमेरिका में अपमानित होता है। बकौल सिन्हा, नरेंद्र मोदी का नया भारत जरूरत पड़ने पर चीन के गले में अँगूठा डालता है, पाकिस्तान के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राक करता है और अमेरिका के राष्ट्रपति चाहे डोनाल्ड ट्रंप हों अथवा जो बाइडेन, न सिर्फ खुलकर गले लगाते हैं, बल्कि आगे बढ़कर अगवानी करते हैं और शान में रात्रिभोज कराते हैं। आज के भारत को जी-20 के देश अपनी अध्यक्षता का दायित्व सौंपते हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विश्व के लोग शांति की राह दिखाने के लिए आशा भरी निगाह से देखते हैं । उम्मीद की जानी चाहिए कि यह पुस्तक हमारी विदेश नीति को समझने में सहायक होगी और शोधकर्ताओं के काम आएगी ।
Rs.499.00 Rs.600.00
Weight | 0.850 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
- R.K. Sinha
- 9789355625878
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1st
- 2023
- 208
- Hard Cover
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