संत सुखरामदास : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
Author : Veena Jajra
Language : Hindi
ISBN : 9789387297692
Edition : 2019
Publisher : RG GROUP
Sant Sukhramdas
संत सुखरामदास : व्यक्तित्व एवं कृतित्व : जिसने सत् रूपी परमतत्त्व को अनुभूति कर ली एवं जो अपने लौकिक स्वरूप तथा व्यक्तित्व से ऊपर उठकर उस परमात्मा से तद्गूप हो गया है, ऐसा आदर्श एवं मर्यादामय व्यक्ति संत कहलाने का अधिकारी है। राजस्थान प्रदेश में ऐसे महापुरुषों एवं संतों की समृद्ध परम्परा है। ऐसे संतों की दृष्टि में परमात्मत्तत्व एवं जीवतत्त्व अविच्छेद्य है। अपनी वृत्ति को बहिर्मुखी से अन्तर्मुखी करने में सक्षम ऐसे राजस्थानी संतों की परम्परा में स्वनामधन्य संत श्री सुखरामदास जी नाम आदर के साथ लिया जाता है। डॉ. वीणा जाजड़ा ने अनथक परिश्रम करके संत श्री की कीर्तिस्तंभ कृति ‘अणभैवाणी’ का इस शोध ग्रंथ में विशद् सर्वांगीण एवं सम्यक् विवेचन किया है। डॉ. जाजड़ा ने इस ग्रंथ में यह सोदाहरण प्रमाणित किया है कि संत शिरोमणि सुखरामदासजी सामाजिक सरोकारों के लब्ध प्रतिष्ठ संत कवि हैं। आपने युगीन एवं समसामयिक सामाजिक धार्मिक विद्रूपताओं एवं विसंगतियों का काव्य के माध्यम से विरोध कर कबीर को भांति अपना समाज सुधारक का दायित्व-निर्वाह किया है। संत सुखरामदास जी ने बाह्याडंबरों को हेय ठहराकर स्वानुभूति एवं सदाचार की श्रेष्ठता पर बल दिया। आपके प्रदेय को राजस्थानी और हिन्दी साहित्य में कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
भविष्य में संत-साहित्य पर शोध-कार्य करने वाले अनुसंधित्सुओं के लिए यह ग्रंथ मार्गदर्शक स्वरूप सिद्ध होगा।
Rs.300.00
Weight | 0.850 kg |
---|---|
Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
Based on 0 reviews
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
There are no reviews yet.