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Parsai Ka Man (PB)


“हरिशंकर परसाई हिन्दी साहित्य में व्यंग्य के सबसे बड़े स्तम्भ हैं। सौ वर्ष पहले जन्मे परसाई का लेखन आज भी बेहद लोकप्रिय और मौजूँ है। उनके लेखन में आखिर ऐसा क्या है कि हर पीढ़ी और वर्ग के पाठक उनकी रचनाओं को हाथोंहाथ लेते हैं। इसका कुछ सुराग ‘परसाई का मन‘ के पन्नों में मिलता है। इस पुस्तक में परसाई के 17 साक्षात्कार प्रस्तुत हैं जो उन्होंने हिन्दी साहित्य के सुपरिचित लेखकों और पत्रकारों को दिये। इनमें हिन्दी साहित्य, लेखन-प्रक्रिया, व्यंग्य के स्रोत, रोज़मर्रा के जीवन-संघर्ष, समाज, राष्ट्र, राजनीति – सभी मुद्दों पर उनके विचार और दुनिया को देखने का दृष्टिकोण मिलता है। इन साक्षात्कारों को पढ़ना परसाई के दिलो-दिमाग में झाँकने जैसा है।
विष्णु नागर प्रतिष्ठित कवि, कथाकार, व्यंग्यकार, जीवनीकार हैं। पेशे से वह पत्रकार हैं। ‘नवभारत टाइम्स‘, ‘हिन्दुस्तान‘, ‘नई दुनिया‘ आदि दैनिकों में विशेष संवाददाता सहित विभिन्न पदों पर रहे। कादम्बिनी मासिक तथा शुक्रवार साप्ताहिक के संपादक रहे और अनेक पुस्तकों का भी संपादन किया। विष्णु नागर मूर्धन्य गद्यकार हरिशंकर परसाई के व्यंग्य पर लगातार काम करते रहे हैं। इसी प्रक्रिया में है यह पुस्तक परसाई का मन । “

Rs.260.00 Rs.295.00

Publisher : Rajpal and Sons
ISBN13 : 9789389373998
Author : Nagar, Vishnu
Format : PB
Language : Hindi

Weight 0.250 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1 in

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