1- अन्ना – अरविंद आंदोनलन के पीछे खड़ी थी टीम सोनिया’!
2- अन्ना के गिरफ़्तारी से लेकर ‘आआपा’ के निर्माण तक सब कुछ था फ़िक्स!
3- भारत में राजनैतिक अस्थिरता के लिए विदेशी फ़ंडिंग का खेल
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1- अन्ना – अरविंद आंदोनलन के पीछे खड़ी थी ‘टीम सोनिया’!
2- अन्ना के गिरफ़्तारी से लेकर ‘आआपा’ (AAP) के निर्माण तक सब कुछ था फ़िक्स!
3- भारत में राजनैतिक अस्थिरता के लिए विदेशी फ़ंडिंग का खेल
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1- अन्ना – अरविंद आंदोनलन के पीछे खड़ी थी टीम सोनिया’!
2- अन्ना के गिरफ़्तारी से लेकर ‘आआपा’ के निर्माण तक सब कुछ था फ़िक्स!
3- भारत में राजनैतिक अस्थिरता के लिए विदेशी फ़ंडिंग का खेल
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Pages – 78
File Size – 5.1 MB
Language – Hindi
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मानव-जाति के भाग-निर्माण में जितनी शक्तियों ने योगदान दिया है और दे रही हैं, उन सब में धर्म के रूप में प्रगट होनेवाली शक्ति से अधिक महत्त्वपूर्ण कोई नहीं है। सभी सामाजिक संगठनों के मूल में कहीं-न-कहीं यही अद्भुत शक्ति काम करती रही है तथा अब तक मानवता की विविध इकाइयों को संगठित करनेवाली सर्वश्रेष्ठ प्रेरणा इसी शक्ति से प्राप्त हुई है। हम सभी जानते हैं कि धार्मिक एकता का संबंध प्रायः जातिगत, जलवायुगत तथा वंशानुगत एकता के संबंधों से भी दृढ़तर सिद्ध होता है। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि एक ईश्वर को पूजनेवाले तथा एक धर्म में विश्वास करनेवाले लोग जिस दृढ़ता और शक्ति से एक-दूसरे का साथ देते हैं, वह एक ही वंश के लोगों की बात ही क्या, भाई-भाई में भी देखने को नहीं मिलता। धर्म के प्रादुर्भाव को समझने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। अब तक हमें जितने प्राचीन धर्मों का ज्ञान है, वे सब एक यह दावा करते हैं कि वे सभी अलौकिक हैं, मानो उनका उद्भव मानव-मस्तिष्क से नहीं बल्कि उस स्रोत से हुआ है, जो उसके बाहर है।
THE AUTHOR
संदीप देव
संदीप देव मूलतः समाज शास्त्र और इतिहास के विद्यार्थी हैं | बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक (समाजशास्त्र) करने के दौरान न केवल समाजशास्त्र, बल्कि इतिहास का भी अध्ययन किया है । मानवाधिकार से परास्नातक की पढ़ाई करने के दौरान भी मानव जाति के इतिहास के अध्ययन में इनकी रुचि रही है । वीर अर्जुन, दैनिक जागरण, नईदुनिया, नेशनलदुनिया जैसे अखबारों में 15 साल के पत्रकारिता जीवन में इन्होंने लंबे समय तक क्राइम और कोर्ट की बीट कवर किया है । हिंदी की कथेतर (Non-fiction) श्रेणी में संदीप देव भारत के Best sellers लेखकों में गिने जाते हैं । इनकी अभी तक 9 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । संदीप देव भारत में Bloombury Publishing के पहले मौलिक हिंदी लेखक थे, लेकिन वैचारिक कारणों से इन्होंने Bloombury से अपनी अब तक प्रकाशित सभी पुस्तकें वापस ले ली हैं । ऐसा करने वाले वो देश के एक मात्र लेखक हैं | इसके उपरांत कपोत प्रकाशन को पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में संदीप देव हिंदी के एकमात्र लेखक हैं, जिनकी पुस्तकों ने बिक्री में लाख के आंकड़ों को पार किया है | संदीप देव indiaspeaksdaily.com के संस्थापक संपादक हैं ।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मेरी पुस्तक ‘हमारे गुरुजी’ को ‘अखिल भारतीय विष्णु प्रभाकर पुरस्कार’ प्रदान किया गया है। इसके लिए साहित्य अकादमी और मध्यप्रदेश सरकार का हृदय से धन्यवाद।
धन्यवाद उन पाठकों और दर्शकों का भी जिनके स्नेह के कारण यह पुस्तक एक लंबी यात्रा तय कर सकी। मैं अपना यह पुरस्कार मेरे सभी सुधी पाठकों को समर्पित करता हूं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सन् 1925 में डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने की थी, लेकिन इसे वैचारिक आधार द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘श्रीगुरुजी’ ने प्रदान किया था।
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