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Janiye Sangh Ko


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा सामाजिकसांस्कृतिक राष्ट्रवादी संगठन है। देश में जब भी आपदा आई है, इस संगठन ने उल्लेखनीय कार्य किया है। जीवन के हर क्षेत्र में इस संगठन की उपस्थिति ध्यानाकर्षण करनेवाली है। इसी कारण सबको ऐसे विलक्षण संगठन को जाननेसमझने की आकांक्षा रहती है।
इस विश्वव्यापी संगठन की शुरुआत सन् 1925 में विजयादशमी के दिन हुई और इसको साकार किया डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने, जिनका बोया बीज आज एक विशाल वटवृक्ष बन गया है। शिक्षा, सेवा, चिकित्सा, विज्ञान, विद्यार्थी, मजदूर, अधिवक्ता, राजनीति आदि समाज के प्रमुख क्षेत्रों में इसकी सार्थक उपस्थिति है।
संघ की ऊर्जा का मूल स्रोत हैं ‘दैनिक शाखा’। प्रस्तुत पुस्तक में बड़े ही संक्षेप में यह बताया गया है कि संघ का सूत्रपात कब हुआ, इसका स्वरूप कैसा है, शाखा क्या है, भगवा ध्वज का क्या महत्त्व है, प्रचारक कौन बनते हैं, इसके विभिन्न शिविरों की संकल्पना क्या है, संघ की प्रार्थना का महत्त्व और उसका अर्थ क्या है आदि। संघ के सरसंघचालकों से संबंधित रोचक व तथ्यात्मक जानकारी भी इस पुस्तक में दी गई है।
दैनंदिन जीवन में राष्ट्रवाद, देशभक्ति, आदर्श जीवनमूल्य और समर्पित भाव से ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ के मूलमंत्र को अभिसिंचित कर राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रतिबद्ध संगठन की व्यावहारिक हैंडबुक है यह पुस्तक जो आमजन में संघ को लेकर प्रचारित भ्रांतियों को दूर करने में सहायक होगी।

Rs.200.00

Arun Anand
अरुण आनंद दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रों, समाचार एजेंसियों व टी.वी. समाचार चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके अरुण भारतीय राजनीति के विविध पक्षों के गहन विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई पक्षों पर उनके शोधपरक लेख प्रकाशित हुए हैं। अंग्रेजी, हिंदी व फ्रेंच पर समान अधिकार रखनेवाले अरुण अंग्रेजी में एक उपन्यास व भारतीय मूल के नोबल पुरस्कार विजेताओं की जीवनियों का संकलन प्रकाशित कर चुके हैं। इसके अलावा तीन पुस्तकों का अनुवाद अंग्रेजी से हिंदी में कर चुके हैं, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पुस्तक ‘ऑडेसिटी ऑफ होप’ का हिंदी अनुवाद ‘आशा का सवेरा’ भी शामिल है। फिलहाल वे समाचार व विचार वेबसाइट के संपादक हैं और दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं।

Weight 0.350 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  Arun Anand
  •  9789386231901
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1
  •  2017
  •  128
  •  Hard Cover

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