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Is Sadi Ke Saamne (PB)


“इस सदी के सामने 2000 के बाद की युवा कविता का विशेष संकलन है। विशेष इन अर्थों में कि यह कविताओं का संचयन मात्र नहीं है।इस दौरान समय घड़ी की सुइयों से भी तेज गति से बदल रहा है। इन बदले स्वरूपों और विशेष प्रवृत्तियों को ध्यान में रखते हुए इस संकलन की सीमा रेखा दो हजार के बाद तय की गई है। लेकिन भारतीय परिदृश्य में और वैश्विक भी नब्बे के दशक के बाद से ही जिस तरह से घटनाएं, परिघटनाएं और वातावरण बदले हैं, उस परिपेक्ष्य में नब्बे के बाद ही दूसरी सदी की शुरुआत हो जाती है। इस तरह यहां तीन दशक के हिंदी पट्टी के युवा कवि की कविता का मिजाज देखने को मिलेगा।इस संकलन में चार खंडों में कुल 39 कवि लिए गए हैं। हर खंड के आखिरी में आलोचनात्मक आलेख के माध्यम से पाठक को समझने में आसानी होगी कि अभी की कविता ने कविता की दुनिया में नया क्या हासिल किया है। यह संकलन युवा रचनाधर्मिता की प्रकृति, प्रवृत्ति और नियति को भी सामने लाने का काम करता है।एक बात विशेष यह भी है कि इस संकलन में कविताओं के साथ हर कवि का अपना आत्मकथ्य भी शामिल है, जो उसके बयान की तरह भी है। यह प्रयोग इस संकलन को अन्य संकलनों से अलग बेहतर और ज्यादा मुखर बनाएगा।“समय के साखी” पत्रिका के युवा विशेषांक का किताब रूप में प्रकाशन का हिंदी साहित्य की दुनिया में स्वागत होगा। यह किताब आगे आने वाले समय में कविता के इतिहास क्रम को और खासतौर पर इस दौर की कविता के अध्ययन के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।”

Rs.580.00 Rs.650.00

Publisher : Rajpal and Sons
ISBN13 : 9789389373936
Author : Joshi, Rajesh
Format : PB
Language : Hindi

Weight 0.750 kg
Dimensions 8.7 × 5.51 × 1.57 in

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