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Hamari Gaurav Gathayen


सुविख्यात साहित्यकार श्री मदनगोपाल सिंहल एक सिद्धहस्त एवं कर्मठ व्यक्‍त‌ि हैं। उन्होंने समाज को अपनी अनेकों प्रसिद्ध पुस्तकों के माध्यम से राष्‍ट्रीय प्रेरणा दी है। मुझे श्री सिंहलजी की नवीनतम कृति ‘हमारी गौरव गाथाएँ’ देखने का अवसर मिला। मैं रुग्ण हूँ तथा अस्वस्थ होने के कारण मुझ पर अधिक पढ़ने पर भी प्रतिबंध है, किंतु जब मैंने ‘हमारी गौरव गाथाएँ’ पुस्तक की स्वर्णिम गाथाओं को पढ़ना प्रारंभ किया तो बीच में न छोड़ सका।
भारत के इतिहास की एक-एक पंक्‍त‌ि में हमारा स्वर्णिम अतीत छिपा हुआ है। हमारे इतिहास में समस्त विश्‍व को प्रेरणा देने की महान् सामर्थ्य विद्यमान है। जगद्गुरु भारत से ही समस्त विश्‍व के कोने-कोने में ज्ञान, बलिदान एवं शौर्य की ज्योतिर्मय किरणें पहुँच पाई हैं। श्री सिंहलजी ने भारत के इतिहास के स्वर्णिम पृष्‍ठों की कुछ गाथाओं को इस पुस्तक में सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है।
1857 वीरांगना लक्ष्मीबाई, क्रांतिकारी बालक एवं ‘हिंदू एशिया’ जैसी महान् पुस्तकों के रचयिता श्री सिंहलजी की यह नवीन कृति भी आदर पाने योग्य है। अपनी सभ्यता-संस्कृति की उपेक्षा करके पाश्‍चात्य-संस्कृति पर गर्व करनेवाले तथाकथित भारतीयों को यह गाथाएँ प्रेरणा प्रदान करेंगी, ऐसी मुझे पूर्ण आशा है।

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Madan Gopal Sinhal

मेरठ (उ.प्र.) में 15 फरवरी, 1909 को एक व्यवसायी अग्रवाल परिवार में जन्म हुआ। बचपन में ही धार्मिक संस्कारों से पल्लवित हुए। क्षेत्र के जाने-माने संस्कृत विद्वान् पं. मोहनलाल अग्निहोत्री के चरणों में बैठकर संस्कृत भाषा व धर्मशास्त्रों का अध्ययन किया। दंडी स्वामी श्री कृष्णवोधाश्रमजी महाराज तथा स्वामी करपात्रीजी के धार्मिक विचारों ने प्रभावित किया, वहीं विनायक दामोदर सावरकर की ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ तथा ‘हिंदुत्व’ पुस्तकें पढ़कर राष्‍ट्रीय भावनाओं के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया।
गद्य तथा पद्य में लेखन शुरू किया। 1857, हमारे बलिदान, पुराणों की कथाएँ, धर्म और विज्ञान, बलिदान के पुतले, बालिकाएँ, बड़ों का बचपन, कौन बनोगे, क्रांतिकारी बालक जैसी लगभग साठ पुस्तकों की रचना की। ‘बड़ों का बचपन’ केंद्र सरकार से पुरस्कृत हुई।
‘आदेश’ (मासिक), ‘बालवीर’ पत्रिकाओं का वर्षों तक संपादन किया।

Weight 0.360 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  Madan Gopal Sinhal
  •  9789380839417
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1
  •  2018
  •  160
  •  Hard Cover

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