Author – Dale Carnegie
ISBN – 9789352663750
Language – Hindi
Pages – 216
Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo- Dale Carnegie
Dale Carnegie
Rs.175.00
Weight | .213 kg |
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Mere Sapnon Ka Bharat
0 out of 5(0)पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का स्वप्न है कि वर्ष 2020 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बने। प्रस्तुत पुस्तक में लेखकद्वय डॉ. कलाम व डॉ. सिवताणु पिल्लै ने इस स्वप्न को साकार करने की प्रक्रिया का बड़ी ही सूक्ष्मता और गहराई से विश्लेषण किया है। विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में छात्र, युवा, किसान, वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीशियन, चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी, शिक्षाविद्, उद्योगपति, सैन्य कर्मी, राजनेता, प्रशासक, अर्थशास्त्रा्, कलाकार और खिलाड़ियों की क्या-क्या भूमिका हो सकती है, इसके बारे में भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
हाल के वर्षों में, जीवन-स्तर को बेहतर बनाने में प्रौद्योगिकी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रौद्योगिकी एक ऐसा इंजन है, जिसमें देश को विकास तथा संपन्नता की ओर ले जाने और राष्ट्रों के समूह में उसे आवश्यक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ उपलब्ध कराने की क्षमता है। इस प्रकार, भारत को एक विकसित देश में बदलने में प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
आज भारत के पास प्रक्षेपण यानों, मिसाइलों तथा वायुयानों के सिस्टम डिजाइन, सिस्टम इंजीनियरिंग, सिस्टम इंटीग्रेशन तथा सिस्टम मैनेजमेंट की योग्यता और महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास की क्षमता है—इस पुस्तक में इन सभी पहलुओं पर अनुकरणीय प्रकाश डाला गया है।SKU: n/a -
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Azad Bachpan Ki Ore
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0 out of 5(0)अस्सी के दशक के बाद से विगत कुछ वर्षों तक लिखे गए मेरे लेखों ने बाल मजदूरी, बाल दुर्व्यापार, बाल दासता, यौन उत्पीड़न, अशिक्षा आदि विषयों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक आधार दिया। जहाँ तक मेरी जानकारी है, ये बच्चों के अधिकारों से संबंधित विषयों पर लिखे गए सबसे शुरुआती लेख हैं। मैं आपको विनम्रतापूर्वक बताना चाहूँगा कि ये लेख ऐसे ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, जिन्होंने भारत में ही नहीं, दुनिया भर में बाल अधिकारों के आंदोलन को जन्म दिया। साधारण लोगों से लेकर बुद्धिजीवियों, कानून निर्माताओं तथा संयुक्त राष्ट्र संघ तक में हलचल पैदा की। मैंने पैंतीस सालों में इन्हीं विचारों की ताकत को संगठनों व संस्थाओं के निर्माणों, सरकारी महकमों के गहन शोध प्रबंधों, br>
‘कॉरपोरेट जगत् की नीतियों, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सरकारी बजटों में परिवर्तित होते देखा है। —br>—कैलाश सत्यार्थी.SKU: n/a -
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Adamya Utsaha
0 out of 5(0)भारत में मिसाइल के जनक, विश्वविख्यात वैज्ञानिक भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अद्भुत जिजीविषा और विलक्षण दूरदृष्टि के स्वामी थे। उन्होंने अपने प्रेरक विचारों से समाज को दिशा दी, हर भारतीय को प्रेरणा दी।
उनके संबोधनों का यह संग्रह युवाओं का मार्गदर्शन करेगा, जिससे कि वे विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से भारत को विकास के पथ पर ले जा सकें। भारत की कृषि, अर्थव्यवस्था, वातावरण एवं नागरिकों के स्वास्थ्य को सही तकनीक के प्रयोग से लाभ पहुँचाने तथा उनमें सुधार करने के लिए डॉ. कलाम के अत्यधिक शिक्षाप्रद और सूचनात्मक भावों का यह विचार-पुंज अत्यंत प्रभावी और उपयोगी सिद्ध होगा।
डॉ. कलाम ने जहाँ एक ओर बच्चों में सतत विकास और नवाचार के लिए उत्साह के बीज बोए, वहीं दूसरी तरफ वयस्क भी उनके विचारों से अछूते नहीं रहे। यह संकलन उन लोगों के लिए मन को मोह लेनेवाला अध्ययन होगा, जो डॉ. कलाम के मानवीय दृष्टिकोण तथा विचारों को पढ़ने में दिलचस्पी रखते हैं। इन भाषणों से पाठकों को डॉ. कलाम की ज्ञानसंपन्नता, विविध विषयों की सूक्ष्म जानकारियाँ और सर्वस्व राष्ट्र को समर्पित करने के महती भाव का बोध होगा।SKU: n/a
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