Vedpati Mishra
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राम के चरित पर आधारित अनेक कृतियों की रचना हुई है, जिसमें अन्य पात्रों की अपेक्षा राम को अधिक महिमामंडित किया गया है। ‘नारी सशक्तिकरण के इस युग में डॉ. वेदपति मिश्र ने अपने खण्डकाव्य वैदेही चरित में सीता के चरित को अपने पति राम की परछाईं न बना कर एक सशक्त नारी के रूप में चित्रित किया है। जो रावण की विशाल स्वर्ण नगरी लंका में कैद, निडरता से रावण को चुनौती देती दृढ़निश्चयी साहसी नारी है। सीता के अलावा लेखक ने रावण की पत्नी मंदोदरी के चरित के प्रति भी एक अलग, सर्वथा अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। सीता के प्रति मंदोदरी के वात्सल्य को देखकर राम इतने अभिभूत हो उठते हैं कि उन्हें रावण को मारने के लिये ग्लानि होती है। यह लेखक की सर्वथा मौलिक परिकल्पना है।
डॉ. वेदपति मिश्र की प्रारंभिक रचनाओं में हास्य, व्यंग्य, वेदना, करुणा और विद्रोह की झलक मिलती है लेकिन अब वे आध्यात्मिक काव्यों की रचना करते हैं। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त उनके अनेक शोधपरक एवं समीक्षात्मक लेख विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। वर्तमान में डॉ. वेदपति मिश्र उत्तर प्रदेश शासन के माध्यमिक शिक्षा विभाग में विशेष सचिव हैं।
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