Umesh Prasad Singh
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
Saath Ke Hemant
“पत्रकार-लेखक-समाजधर्मी हेमंत शर्मा शोख, शरारती, संजीदा, हँसमुख, मिलनसार हैं, साथ ही दायित्वपूर्ण लेखन के अप्रतिम उदाहरण भी । उनका लेखन उत्प्रेरक है, उद्देगजनक भी है और अनुरंजक भी। संवेदना और भाषा के इन अलग-अलग गुण-स्वभाव के लेखक हिंदी में हैं, मगर इन सबका एकत्र संयोग हमें हेमंत में ही दिखाई देता है। हेमंत की शरारत में जो गहरी आत्मीयता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। हेमंत का लेखन जादूगर के तमाशे की तरह है, जो लोगों को अपने काम के रास्ते जाते हुए से बिलमाकर रोक लेता है, बाँध लेता है, विस्मय में डाल देता है, अपने कौशल के लिए वाहवाही निकलवा लेता है।
हेमंतजी अपने सक्रिय जीवन के साठ साल पूरे करने जा रहे हैं। बिना किसी सीढ़ी का सहारा लिये, बिना किसी के कंधे पर चढ़े उन्होंने जीवन में स्पृहणीय ऊँचाई प्राप्त की है। इसके पीछे उनकी अथक मेहनत, गहरी सूझ, अटल संकल्प और व्यावहारिक कुशलता का बेजोड़ सम्मिलन है। उन्होंने ख्याति और समृद्धि के ऊँचे शिखर पर आसन जमाया है। हेमंत की उपलब्धियाँ विलक्षण हैं। उनकी प्रतिभा विस्मथघजनक है। उनका व्यवहार विमुग्धकारी है।
मीडिया, कला-जगत्, राजनीति और विभिन्न भावभूमि की प्रमुख विभूतियों से उनके नितांत अनौपचारिक और गहरे संबंध हैं। यह कृति उनके ऐसे ही अपनों और आत्मीयों के उनके विषय में व्यक्त भावों का पठनीय संकलन है।”
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