Sudhir Vidyarthi
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अशफ़ाक़उल्ला खां, शचीन्द्रनाथ सान्याल, खुदीराम बोस, रामप्रसाद बिस्मिल, भगतसिंह और इनके जैसे अनेक क्रांतिकारी शहीदों की माँओं के जीवन से पाठकों को परिचित कराती है ‘बिदाय दे मा’। ये वे माँएँ हैं जिन्होंने उन वीर क्रांतिकारियों को न केवल जन्म दिया बल्कि उनकी सोच और चरित्र को ऐसे गढ़ा कि वे देश की आज़ादी के लिए खुशी-खुशी शहीद हो गये। इन माँओं का नाम किसी इतिहास में दर्ज नहीं है इसलिए इन्हें और इनके योगदान को कम ही लोग जानते हैं। इन माँओं को गुमनामी के अँधेरे से निकालकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का प्रयास है यह पुस्तक।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों के योगदान पर अनेक महत्त्वपूर्ण पुस्तकों के रचनाकार सुधीर विद्यार्थी कवि और यायावर भी हैं। उन्होंने लघु पत्रिका ‘संदर्श‘ का संपादन और प्रकाशन भी किया है। लम्बे शोध, अनेक जीवनियों और संस्मरणों को खंगालने के बाद सुधीर विद्यार्थी ने शहीद क्रांतिकारियों की माताओं पर इस अनूठी कृति की रचना की है।
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