अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Sarthi
डॉ यशिका का यह प्रथम काव्य-संग्रह है। उनके दीर्घ अनुभवों ने अल्प समय में उन्हें शब्दों पर सटीक पकड़ बनाना सिखा दिया है।
उनकी अदालतों में भले ही कुछ फैसले साक्ष्यों के आधार पर दिए गए हों, लेकिन उनके मन की अदालत ने सदैव न्याय ही किया है। वादी-प्रतिवादी के सम्मुख उनकी रचनाएँ जैसे एक न्यायाधीश के रूप में सामने खड़ी हो गई हैं। कठोर निर्णय लेते हुए भी उनका कोमल हृदय भीतर से कितना पसीजा है, यह उनकी कविताओं को पढ़कर ही समझा जा सकता है। शब्दों पर गहरी पकड़, उर्दू अल्फाजों का सटीक प्रयोग उन्हें अपने समकालीन रचनाकारों से बहुत अलग, बहुत आगे ले गया है। ईश्वर उनकी लेखनी से सदैव न्याय ही प्रवाहित कराए। इसी प्रार्थना के साथ यह विश्वास भी है कि उनकी कविताएँ लोगों को एक नया उजियारा देने में सहायक सिद्ध होंगी। उनके शब्दों से पाठकों को नया हौसला मिलेगा। उनके शब्द सहारा बनेंगे उन लोगों का, जिन्हें अपनी उम्मीदों के दामन को समय की आँधियों में बचाना मुश्किल हो रहा है।
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Aryan Books International, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Sati: Evangelicals, Baptist Missionaries, and the Changing Colonial Discourse
-10%Aryan Books International, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहासSati: Evangelicals, Baptist Missionaries, and the Changing Colonial Discourse
Meenakshi is a meticulous professional historian, she quotes all the relevant sources, with descriptions of Sati from the ancient through the medieval to the modern period. She adds the full text of the relevant British and Republican laws and of Lord Wiliam Bentinck’s Minute on Sati (1829), that led to the prohibition on Sati. This book makes the whole array of primary sources readily accessible, so from now on, it will be an indispensible reference for all debates on Sati.
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Shiv Stotra Ratnakar
भगवान् शिव के चरित्र बड़े ही उदात्त तथा अनुकम्पापूर्ण हैं। ये थोड़ी ही उपासना से प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सब कुछ प्रदान कर देते हैं। इस पुस्तक में भक्तों के लिये उपयोगी भगवान् शिव के विभिन्न स्तोत्रों, स्तुतियों, सहस्रनाम तथा आरती आदि का सुन्दर संकलन किया गया है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, उपन्यास
Shivgiri
‘शिवगिरि’ कश्मीर की पृष्ठभूमि में रचित उपन्यास है और प्रधानतः आध्यात्मिक अन्वेषण के विषय को परखता है। यह न केवल एक उत्कृष्ट कथा है, अपितु प्रगाढ़ आंतरिक संदेशों से भी गर्भित है, जो विवेकी पाठकों के लिए अत्यंत रुचिकर होंगे। आदिशंकराचार्य की रचनाओं में अभिव्यक्त उनके दर्शन की यत्किंचित् व्याख्या एक गुरु और साधक के बीच संवाद के रूप में इस उपन्यास में प्रस्तुत है। गुरु पूछते हैं—‘‘तुम किसकी खोज कर रहे हो?’’ साधक उत्तर देता है—‘‘मैं उपनिषदों द्वारा व्याख्यायित उस आदर्श अवस्था की खोज में हूँ—वह अवस्था, जिसमें सारे दुःखों व संघर्षों का अंत होता है और जिसमें आनंद एवं निश्चिंतता का प्रकाश है।’’ ‘‘तुम्हारा अन्वेषण उचित है, अशोक! तुम वही खोज रहे हो, जो तुम्हारा जन्मसिद्ध अधिकार है।’’ गुरु कहते हैं।
सभी आयु वर्ग के पाठकों हेतु जानकारीपरक एवं अत्यंत रुचिकर उपन्यास।SKU: n/a -
Hindi Books, MyMirror Publishing House Pvt. Ltd, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Shree Khetra Girnar
लेखकाने वाणिज्य पदवी व कामगार कायदेविषयक पदव्युत्तर शिक्षण घेतले आहे. घरात पहिल्यापासून आध्यात्मिक वातावरण असल्याने शालेय जीवनापासूनच गुरुचरित्र पारायण केले आहे. सर्व कौटुंबिक जबाबदार्या सांभाळून पत्नीच्या परवानगीने गेली अनेक वर्ष गुरू दत्तात्रेयांचे पादुका व योगसिद्धी स्थान असलेल्या श्री क्षेत्र गिरनार, गुजरात येथे गेली 20 वर्षे गुरू दत्तात्रेयांच्या पादुका स्थानी दर्शनाचा योग. जुलै 2018 मध्ये सर्व प्रथम मोबाईलवर गिरनार विषयी लेखन, त्याची एकूण 15 पुष्पे प्रसिद्ध. मोबाईलवरून प्रसिद्ध केल्यानंतर त्याला जगभरातून प्रतिसाद मिळाला आहे. 2011 साली नर्मदा मैयेची परिक्रमा पूर्ण केली आहे. त्याची एकोणचाळीस पुष्पे प्रसिद्ध. नर्मदा परिक्रमेच्या लेखनात धार्मिक व पारंपरिक बाजूंबरोबरच जनजीवन, सामाजिक व आर्थिक परिस्थितीचा अभ्यासपूर्ण आढावा घेतला आहे.
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English Books, Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shri Bhishma Pitamah, English 2187
English Books, Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीताShri Bhishma Pitamah, English 2187
The entire life of Bhishma Pitamah is an excellent example of renunciation and valour. His sense of devotion towards Lord Shri Krishna is worth imitating upon. The remarkable events of Bhishma Pitamaha’s life based on the Mahabharat and the SrimadBhagavat have been picturesquely described in this book
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