Gita Press
Showing 193–216 of 254 results
-
English Books, Gita Press, रामायण/रामकथा
Shrimad Valmikiya Ramayan- Vol.1 & 2( English Code 0452 & 0453)
English Books, Gita Press, रामायण/रामकथाShrimad Valmikiya Ramayan- Vol.1 & 2( English Code 0452 & 0453)
Valmiki Ramayan is one of the world’s most remarkable classics and excels in its moral appeal. It is full of lessons for all and deserves to be read with interest and profit by all lovers of healthy literature. It is noted for its poetic excellence and is the oldest specimen of epic poetry. It stands equal in rank to the Vedas. Valmiki Ramayan is available in two volumes with Sanskrit text and English translation. Hard-bound with illustration.
SKU: n/a -
Gita Press, रामायण/रामकथा
Shrimad Valmikiya Ramayan- Vol.1 & 2( Gujarati Code 1939 & 1940)
Shrimadvalmikiya Ramayan is one of the world’s most remarkable classics and excels in its moral appeal. It is full of lessons for all and deserves to be read with interest by all lovers of healthy literature. It is noted for its poetic excellence and is the oldest specimen of epic poetry. It stands equal in rank to the Vedas. Shrimadvalmikiya Ramayan is available in two volumes.
SKU: n/a -
Gita Press, रामायण/रामकथा
Shrimad Valmikiya Ramayan, (Code1953)
त्रेतायुग में महर्षि वाल्मीकि के श्रीमुख से साक्षात वेदों का ही श्रीमद्रामायण रूप में प्राकट्य हुआ, ऐसी आस्तिक जगत की मान्यता है। अतः श्रीमद्रामायण को वेदतुल्य प्रतिष्ठा प्राप्त है। धराधाम का आदिकाव्य होने से इस में भगवान के लोकपावन चरित्र की सर्वप्रथम वाङ्मयी परिक्रमा है। इसके एक-एक श्लोक में भगवान के दिव्य गुण, सत्य, सौहार्द्र, दया, क्षमा, मृदुता, धीरता, गम्भीरता, ज्ञान, पराक्रम, प्रज्ञा-रंजकता, गुरुभक्ति, मैत्री, करुणा, शरणागत-वत्सलता जैसे अनन्त पुष्पों की दिव्य सुगन्ध है।
इस पुस्तक में श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण के सुन्दरकाण्ड का प्रकाशन किया गया है। इसमें केवल संस्कृत के मूल श्लोक मोटे अक्षरों में दिये गये हैं।
SKU: n/a -
Gita Press, रामायण/रामकथा
Shrimad Valmikiya Ramayanam (Sanskrit Text)
त्रेतायुग में महर्षि वाल्मीकि के श्रीमुख से साक्षात वेदों का ही श्रीमद्रामायण रूप में प्राकट्य हुआ, ऐसी आस्तिक जगत की मान्यता है। अतः श्रीमद्रामायण को वेदतुल्य प्रतिष्ठा प्राप्त है। धराधाम का आदिकाव्य होने से इस में भगवान के लोकपावन चरित्र की सर्वप्रथम वाङ्मयी परिक्रमा है। इसके एक-एक श्लोक में भगवान के दिव्य गुण, सत्य, सौहार्द्र, दया, क्षमा, मृदुता, धीरता, गम्भीरता, ज्ञान, पराक्रम, प्रज्ञा-रंजकता, गुरुभक्ति, मैत्री, करुणा, शरणागत-वत्सलता जैसे अनन्त पुष्पों की दिव्य सुगन्ध है।
SKU: n/a -
-
Gita Press, Hindi Books, बाल साहित्य, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita Bhasha
श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्रीकृष्ण का मानव जीवनोपयोगी दिव्य उपदेश है। इस संस्करण में गीता-महिमा, प्रधान-विषय, त्याग से भगवत्प्राप्ति निबन्ध सहित दी गयी है। संस्कृत भाषा से अनभिज्ञ लोगों-हेतु विशेष उपयोगी।
SKU: n/a -
Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita Sadhak Sanjeevani Gujarati
This is an excellent commentary on Shrimadbhagvadgita by Swami Ji. Swami Ramsukhdas Ji has searched out many secrets and valuable jewels of spiritual ideas from the unfathomable sea of Shrimadbhagvadgita for the welfare of public at large, studying which they may easily attain highest bliss. Revered Swami ji has written this commentary not to propound any philosophical view-point or to show-off his erudition but he has made this fine endeavour for the spiritual benefit of the practising strivers. This commentary, available in different sizes, languages and attractive forms, has proved itself as a Guru just like a true guide.
SKU: n/a -
Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita Tattva Vivechani (Code 0002)
भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यवाणी से निःसृत सर्वशास्त्रमयी श्रीमद्भगवद्गीता की विश्वमान्य महत्ता को दृष्टि में रखकर इस अमर संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से गीता प्रेस के आदि संस्थापक परम श्रद्धेय ब्रम्हलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दका द्वारा प्रणीत श्रीमद्भगवद्गीता की एक दिव्य टीका। इसमे 2515 प्रश्न और उनके उत्तर के रूप में प्रश्नोत्तर शैली में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लेकों की विस्तृत व्याख्या के साथ अनेक गूढ़ रहस्यों का सरल, सुबोध भाषा में सुन्दर प्रतिपादन किया गया है। इसके स्वाध्याय से सामान्य-से-सामान्य व्यक्ति भी श्रीमद्भगवद्गीता के रहस्यों को आसानी से हृदयंगम कर अपने जीवन को धन्य कर सकता है।
SKU: n/a -
English Books, Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita Tattva Vivechani, English 0457
English Books, Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीताShrimadbhagvadgita Tattva Vivechani, English 0457
A magnificent commentary on Shrimadbhagvadgita, the song celestial, by Shri Jaydayal Goyandka, the founder of Gita Press, with a view to propagate the divine preaching of Lord Krishna to each and every person. Shrimadbhagvadgita has emanated from the lotus-like lips of the Lord himself. As a book of scripture, the Shrimadbhagvadgita has assumed a position of universal interest. The commentary consists of 2515 questions and answers thereof. The descriptive explanation of Shlokas of Shrimadbhagvadgita, full of its deepest mystery, has been given in a simple language. By studying it carefully even ordinary persons are able to understand easily the deepest mystery of the Shrimadbhagvadgita. By holding its essence into their heart they can make their lives meaningful.
SKU: n/a -
Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita With Mahatmya, Deluxe Edition(Code1555)
Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीताShrimadbhagvadgita With Mahatmya, Deluxe Edition(Code1555)
श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्रीकृष्ण का मानव जीवनोपयोगी दिव्य उपदेश है। इस संस्करण में प्रत्येक अध्याय के प्रारम्भ में पद्मपुराण से उद्धृत माहात्म्य का सरस वर्णन, मोटे अक्षरों में गीता का मूल-पाठ और सरल भाषा में अर्थ दिये जाने से यह स्त्रियों, बालकों, वृद्धों के लिए विशेष उपयोगी है।
SKU: n/a -
Gita Press, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita With Mahatmya(CODE0016)
श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्रीकृष्ण का मानव जीवनोपयोगी दिव्य उपदेश है। इस संस्करण में प्रत्येक अध्याय के प्रारम्भ में पद्मपुराण से उद्धृत माहात्म्य का सरस वर्णन, मोटे अक्षरों में गीता का मूल-पाठ और सरल भाषा में अर्थ दिये जाने से यह स्त्रियों, बालकों, वृद्धों के लिए विशेष उपयोगी है। मोटे अक्षरों में, पुस्तकाकार, साधारण संस्करण।
SKU: n/a -
Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita, Padachhed, Anvaya
श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्रीकृष्ण का मानव जीवनोपयोगी दिव्य उपदेश है। इस संस्करण में प्रत्येक अध्याय के प्रारम्भ में पद्मपुराण से उद्धृत माहात्म्य का सरस वर्णन, मोटे अक्षरों में गीता का मूल-पाठ और सरल भाषा में अर्थ दिये जाने से यह स्त्रियों, बालकों, वृद्धों के लिए विशेष उपयोगी है। मोटे अक्षरों में, पुस्तकाकार, साधारण संस्करण।
SKU: n/a -
English Books, Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita, Pocket Size, English
English Books, Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीताShrimadbhagvadgita, Pocket Size, English
Shrimadbhagvadgita is the divine discourse of Bhagvan Shri Krishna spreading light for a purposeful human life. The book contains Sanskrit text with Hindi translation, glory of Gita, contents of principal subjects of each chapter of Shrimadbhagvadgita. The book also carries some essays regarding attainment of God through renunciation.
SKU: n/a -
Gita Press, रामायण/रामकथा
Shrimadvalmikiya Ramayan (Only Hindi) 77
त्रेतायुग में महर्षि वाल्मीकि के श्रीमुख से साक्षात वेदों का ही श्रीमद्रामायण रूप में प्राकट्य हुआ, ऐसी आस्तिक जगत की मान्यता है। अतः श्रीमद्रामायण को वेदतुल्य प्रतिष्ठा प्राप्त है। धराधाम का आदिकाव्य का होने से इस में भगवान के लोकपावन चरित्र की सर्वप्रथम वाङ्मयी परिक्रमा है। इसके एक-एक श्लोक में भगवान के दिव्य गुण, सत्य, सौहार्द्र, दया, क्षमा, मृदुता, धीरता, गम्भीरता, ज्ञान, पराक्रम, प्रज्ञा-रंजकता, गुरुभक्ति, मैत्री, करुणा, शरणागत-वत्सलता-जैसे अनन्त पुष्पों की दिव्य सुगन्ध है। हिन्दी , सचित्र, सजिल्द।
SKU: n/a -
Gita Press, रामायण/रामकथा
Shriramcharitmanas 1095
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है। श्रीरामचरितमानस के सभी संस्करणों में पाठ-विधि के साथ नवान्ह और मासपरायण के विश्रामस्थान, गोस्वामी जी की संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अंत में रामायण जी की आरती दी गयी है।
SKU: n/a -
Gita Press, Hindi Books, रामायण/रामकथा
Shriramcharitmanas Ayodhyakand 0095
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है।
SKU: n/a -
Gita Press, Hindi Books, इतिहास, रामायण/रामकथा
Shriramcharitmanas Balkand 0094
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है। श्रीरामचरितमानस के सभी संस्करणों में पाठ-विधि के साथ नवान्ह और मासपरायण के विश्रामस्थान, गोस्वामी जी की संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अंत में रामायण जी की आरती दी गयी है।
SKU: n/a -
Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, रामायण/रामकथा
Shriramcharitmanas Lankakand 0101
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है।
SKU: n/a