- AUTHOR :
- Language : HINDI
- Publisher: PRAKASHAN SANSTHAN
- Binding : HB
- Pages : 464
Weight | 0.850 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
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Prabhat Prakashan, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Lauhpurush Sardar Vallabhbhai Patel
0 out of 5(0)लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में हुआ। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की और वापस आकर गुजरात के अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर वे भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से पूरी तरह जुड़ गए। स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बड़ा योगदान खेड़ा आंदोलन में रहा। बारदोली में सशक्त सत्याग्रह करने के लिए ही उन्हें ‘सरदार’ कहा जाने लगा। सरदार पटेल को 1937 तक दो बार कांग्रेस का सभापति बनने का गौरव प्राप्त हुआ। आजादी के बाद भारत के राजनीतिक एकीकरण में उनके महान् योगदान के लिए इतिहास उन्हें सदैव स्मरण रखेगा। अपनी दृढ़ता के कारण वे ‘लौह पुरुष’ कहलाए। सरदार पटेल स्वतंत्र भारत के उप-प्रधानमंत्री होने के साथ प्रथम गृह, सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री भी थे। उनकी महानतम देन है 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलय करना। वे नवीन भारत के निर्माता, राष्ट्रीय एकता के बेजोड़ शिल्पी और भारतीय जनमानस अर्थात् किसान की आत्मा थे। अपने रणनीतिक कौशल, राजनीतिक दक्षता और अदम्य इच्छा-शक्ति के बल पर भारत को एक नई पहचान देनेवाले समर्पित इतिहास-पुरुष की प्रेरणाप्रद जीवनी।.
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Prabhat Prakashan, इतिहास
Operation Blue Star Ka Sach (PB)
0 out of 5(0)ऑपरेशन ब्लू स्टार संसार की अत्यंत विवादग्रस्त एवं चर्चा का ज्वलंत विषय बननेवाली सैन्य काररवाइयों में से एक है, जो निश्चित ही समकालीन भारतीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ समझी जाएगी।
यह पुस्तक उस सैन्यअधिकारी की ओर से प्रस्तुत किया गया विवरण है, जिसने इस काररवाई का नेतृत्व किया था। इसमें दिल को छूनेवाले, मर्मांतक, छोटे-छोटे अनेक सूक्ष्म विवरण पेश किए गए हैं। इस पुस्तक में कुछ भी छिपाया नहीं गया है, न उन नाकामयाबियों के बारे में, जिनका सेना को मुँह देखना पड़ा; न सेना की कमियों को; न उन अतिवादियों की शिद्दत तथा दृढता, जिन्हें बाहर निकालने का काम सेना को सौंपा गया था।
अनेक काल्पनिक कहानियों, आलोचनाओं तथा अर्ध-सच्चाइयों का जोरदार खंडन करते हुए इसमें हिम्मत से बहुत सारे ऐसे सवालों के जवाब दिए गए हैं, जो सिर्फ सिखों को ही नहीं, सारे भारतीयों को परेशान करते हैं।
लेखक—जो काररवाई को योजनाबद्ध करने तथा इसे व्यावहारिक रूप देने के प्रत्येक पड़ाव पर इसमें शामिल रहा—शायद यही एक ऐसा व्यक्ति है, जो सचमुच यह जानता है कि 5 जून, 1984 की अनहोनी भरी रात को ठीक-ठीक क्या घटा। यही इस पुस्तक में वर्णित है। संपूर्ण सच, सच्चाई के अलावा और कुछ भी नहीं।SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Shastriji Ke Prerak Prasang
0 out of 5(0)कथा-कहानियाँ सृष्टि के आरंभ से ही मनुष्य का मार्ग-दर्शन करती रही हैं। पंचतंत्र और हितोपदेश की कहानियाँ प्राचीन काल से हमारा मार्गदर्शन करती चली आ रही हैं।
प्रत्येक कहानी के लिए कथावस्तु का होना अनिवार्य है, क्योंकि इसके अभाव में कहानी की रचना की कल्पना भी नहीं की जा सकती। कहानी में केवल मनोरंजन ही नहीं होता, उसमें कोई उद्देश्य और संदेश भी निहित होता है।
जीवन में सादगी और सरलता का बहुत महत्त्व है। हमारी परंपरा में वर्णित है ‘सादा जीवन, उच्च विचार’। सादगी हमारे व्यक्तित्व को जो आभा प्रदान करती है, वह आडंबर या दिखावा नहीं। यह सादगी हमें आत्मविश्वास, शक्ति और आत्मबल देती है। इन्हीं जीवनमूल्य को समेटे, सादगी की महत्ता बताती प्रेरणाप्रद कहानियों का संकलन।SKU: n/a
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