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Rajasthan Ka Samriddh Lok Sahitya


राजस्थान का समृद्ध लोक साहित्य :
गांवों में सहकार की भावना को सतत रूप से जिंदा रखने के लिए भी ‘राम-भणत’ सहायक तत्व है। सहकार भाव को सार्थक करने वाली परंपरा का नाम है ‘ल्हास’। उल्लास से ही ल्हास शब्द बना है। ल्हास ऐसे सामूहिक श्रम का नाम है, जो दूसरे की मदद के लिए निशुल्क किया जाता है। गांवों में किसी के घर में गमी हो जाए, कोई लंबी बीमारी हो जाए, ऐसी स्थिति में गांव के चारपांच मौजीज व्यक्ति अपनी ओर से पहल करके पूरे गांव से उस परिवार की मदद के लिए गुहार लगाते हैं तथा प्रत्येक घर से एक-एक आदमी निशुल्क उस जरूरतमंद के खेत में काम करने नियत दिवस पर आता है। पूरे गांव के सामूहिक श्रम और उसके पीछे सहयोग की पवित्र भावना के कारण लोग खूब मेहनत से काम करते हैं। अपनी ओर से अपने मन से किसी के सहयोगार्थ उल्लास के साथ किया जाने वाला यह सामूहिक श्रम ‘ल्हास’ कहलाता है। ल्हास आदि के समय गांव के सभी भणत गायक एक खेत में होते हैं। उस दिन सबकी कला एवं कंठ की परीक्षा होती है।

Rs.270.00 Rs.300.00

राजस्थान का समृद्ध लोक साहित्य
Author : Dr. Gajadan Charan ‘Shaktisut’
Language : Hindi
Genre : Folk Literature
Edition : 2022
ISBN : 9789391446260
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR

Weight 0.360 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in

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