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Bhartiya Swatantrta Sangram me Arya Samaj ka 80% Yogdaan


निष्चित रूप से ब्रिटिष शासन से भारतवर्ष की स्वतंत्रता के लिए आर्य समाज ओदोलन के सदस्यों द्वारा प्रमुख (80 प्रतिषत) भूमिका निभाई गई।

यह पुस्तक आर्य समाज के उन वीर सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती की राष्ट्रीय प्रेरणाओं को अनुसरण करते हुए स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया और तत्कालीन आर्य समाज के वीर पुरुषों और महिलाओं के सदस्यों ने अपने जीवन का बलिदान दिया।

इन्होंने अपनी आजीविका और पारिवारिक सुखों को छोड़ कर अंडमान द्वीप में सेलुलर जेल (काला पानी जेल) सहीत विभिन्न जेलों की यातनाएं सहीं जिन्हें अपनों के कल्याण की कोई चिन्ता नहीं थी।

कोई भी देष अपने नागरिकों के व्यापक समर्थन के बिना इतनी बड़ी स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर सकता। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी, अखिल भारतीय मुस्लिम लीग और अन्यों ने शेष 20 प्रतिषत के लिए काम किया लेकिन ऐसा लगता है कि अल्पसंख्यक 20 प्रतिषत ही भारत के स्वतंत्रता का पूरा श्रेय लेते हैं और आर्य समाज आंदोलन के बहुमत (80 प्रतिषत) प्रतिभागियों का कोई उल्लेख नहीं किया जाता। यह क्या उचित है?

हमने आर्य समाज द्वारा निभाई गई बहुमत की भूमिका को साबित करने के लिए अब तक के उपलब्ध महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्र किया है।

हम ईमानदारी से भारत का वर्तमान सरकार से अनुरोध करते हैं कि इस लंबे समय तक अनदेखे सत्य तथ्य को उचित मान्यता दें और आर्य समाज आंदोलन के सदस्यों को उपकृत करें।

Rs.250.00

AUTHOR: Dr. Narendra Kumar (U.K)
Publisher: Govindram Hasanand
LANGUAGE: Englsih
ISBN: 9788170773122
COVER: HB
Pages: 420

Weight 0.710 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in

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