सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
Showing 73–87 of 87 results
-
Gita Press, Hindi Books, धार्मिक पात्र एवं उपन्यास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
SUNDAR SAMAJ KA NIRMAN
समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिये स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज की एक सर्वजनोपयोगी पुस्तक – जिसका स्वाध्याय व्यक्ति को कर्तव्य-बोध कराकर आत्मपरिष्कार की योग्यता प्रदान करता है। A useful book for all by Swami Ramsukhdas describing the means for the upliftment of all the groups of society, reading of which enables a man to realize his duties.
SKU: n/a -
Chaukhamba Prakashan, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
Surya Siddhant (2 Volumes)
-10%Chaukhamba Prakashan, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शनSurya Siddhant (2 Volumes)
सूर्य सिद्धान्त
(1 व 2 भाग, मूल व रंगनाथ की टीका सहित,
उपयोगी संस्करण)
भाष्यकार – श्री महावीरप्रसाद श्रीवास्तव
विश्व को भारत की अप्रतिम देन है गणित। इसमें भी ग्रह-गणित का कोई सानी नहीं। ज्योतिष के मूख्य अंग के रूप में गणित का जो महत्व रहा है, वह सूर्य सिद्धांत से आत्मसात् किया जा सकता है। वर्तमान में सूर्य सिद्धान्त 6 वीं शताब्दी में बहुत प्रमाणिक रूप से गणित के बहुत से सिद्धान्त और अनेक विषयों को सामने लेकर आया है। हालांकि इसका स्वरूप बाद का है।
मय- सूर्य सम्वाद रूप इस ग्रंथ में मध्यमाधिकार, स्पष्टाधिकार, त्रिप्रश्नाधिकार, चन्द्रग्रहणाधिकार, सूर्यग्रहणाधिकार, छेद्यकाधिकार, ग्रहयुत्यधिकार, भग्रहयुत्यधिकार, उदयास्ताधिकार, चन्द्रश्रृंगोन्नत्यधिकार, पाताधिकार, भूगोलाध्यायाधिकार आदि 14 अधिकार ओर 500 श्लोक हैं। यह ग्रन्थ खगोल की अनेक घटनाओं के अध्ययन और अध्यापन के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ है और इस पर अनेक टीकाएँ प्रकाशित होती रही हैं।
प्रस्तुत् ग्रंथ की टीका सुप्रसिद्ध गणितज्ञ महावीर प्रसाद श्रीवास्तव ने किया है। इसमें भाष्यकार ने आधुनिक गणित के साथ समन्वय करते हुए यह निष्कर्ष निकाला है कि इस सिद्धान्त में जो गणित की गहराइयाँ हैं, वो आधुनिक गणित से अलग नहीं हैं। वेधादि में जो मामूली सा अंतर आता है, वह सूक्ष्मता के कारण है किन्तु मौलिक सिद्धान्त नहीं बदलता है।
इसमें रंगनाथ की गूढ़ प्रकाशटीका को भी सम्मलित किया है। यह ग्रंथ विद्यार्थियों ओर शोधार्थियों के लिए परम उपयोगी है। इसे आर्यावर्त संस्कृति संस्थान ने प्रकाशित किया है और मुझे इसकी भूमिका, समीक्षा का अवसर दिया है।
SKU: n/a -
English Books, Garuda Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
The Great Brahmin Land Robbery
-18%English Books, Garuda Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शनThe Great Brahmin Land Robbery
The Brahmins and the upper castes became the target of attack in Karnataka and Tamil Nadu when political parties with deviant ideologies came to power and rolled out programs and policies aimed at stripping them of their posts, positions and livelihood ….. Caught in a mire of leftist jargon, discriminatory policies, humiliation and rank injustice, the Brahmins felt cowed down but fought back. The present book describes the actual happenings in a fictionalised manner so as to make the narrative more interesting to the readers of the new generation.
SKU: n/a -
Govindram Hasanand Prakashan, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
Upanishada Rahasya – उपनिषद रहस्य
उपनिषद् शब्द का एक अर्थ ‘रहस्य‘ भी है। उपनिषद् अथवा ब्रह्म-विद्या अत्यन्त गूढ़ होने के कारण साधारण विद्याओं की भाँति हस्तगत नहीं हो सकती, इन्हें ‘रहस्य‘ कहा जाता है। इन रहस्यों को उजागर करने वालों में महात्मा नारायण स्वामीजी का नाम उल्लेखनीय है।
उपनिषदों में ब्रह्म और आत्मा की बात इतनी अच्छी प्रकार से समझाई गई है कि सामान्य बुद्धि वाले भी उसका विषय समझ लेते हैं। महात्मा नारायण स्वामीजी ने अनेक स्थानों पर सरल, सुबोध तथा रोचक कथाएँ प्रस्तुत कर इन्हें उपयोगी बना दिया है।
वास्तव में उपनिषदों में विवेचित ब्रह्मविद्या का मूलाधार तो वेद ही हैं। इस सम्बन्ध में महर्षि दयानन्दजी कहते हैं-“वेदों में पराविद्या न होती, तो ‘केन‘ आदि उपनिषदें कहाँ से आतीं ?”
आइए ग्यारह उपनिषदों के माध्यम से मानवीय भारतीय चिन्तन की एक झाँकी लंें।
SKU: n/a -
Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
Vishnu Sahasranama 0819
प्रार्थना
महाभारतमें भगवान्के अनन्य भक्त पितामह भीष्मद्वारा भगवान्के जिन परम पवित्र सहस्र नामोंका उपदेश किया गया, उसीको श्रीविष्णुसहस्रनाम कहते हैं । भगवान्के नामोंकी महिमा अनन्त है । हीरा, लाल, पन्ना सभी बहुमूल्य रत्न हैं पर यदि वे किसी निपुण जड़ियेके द्वारा सम्राट्के किरीटमें यथास्थान जड़ दिये जायँ तो उनकी शोभा बहुत बढ़ जाती है और अलग अलग एक एक दानेकी अपेक्षा उस जड़े हुए किरीटका मूल्य भी बहुत बढ़ जाता है । यद्यपि भगवान्के नामके साथ किसी उदाहरणकी समता नहीं हो सकती, तथापि समझनेके लिये इस उदाहरणके अनुसार भगवान्के एक सहस्र नामोंको शास्त्रकी रीतिसे यथास्थान आगे पीछे जो जहाँ आना चाहिये था वहीं जड़कर भीष्म सदृश निपुण जड़ियेने यह एक परम सुन्दर, परम आनन्दप्रद अमूल्य वस्तु तैयार कर दी है । एक बात समझ रखनी चाहिये कि जितने भी ऐसे प्राचीन नामसंग्रह, कवच या स्तवन हैं वे कविकी तुकबन्दी नहीं हैं । सुगमता और सुन्दरताके लिये आगे पीछे जहाँ तहाँ शब्द नहीं जोड़ दिये गये हैं । परन्तु इस जगत् और अन्तर्जगत्का रहस्य जाननेवाले, भक्ति, ज्ञान, योग और तन्त्रके साधनमें सिद्ध, अनुभवी पुरुषोंद्वारा बड़ी ही निपुणता और कुशलताके साथ ऐसे जोड़े गये हैं कि जिससे वे विशेष शक्तिशाली यन्त्र बन गये हैं और जिनके यथा रीति पठनसे इहलौकिक और पारलौकिक हु कामना सिद्धिके साथ ही यथाधिकार भगवान्की अनन्यभक्ति या सायुज्य मुक्तितककी प्राप्ति सुगमतासे हो सकती है । इसीलिये इनके पाठका इतना महात्मय है और इसीलिये सर्वशास्त्रनिष्णात परम योगी और परम ज्ञानी सिद्ध महापुरुष प्रात स्मरणीय आचार्यवर श्रीआद्यशङ्कराचार्य महाराजने लोककल्याणार्थ इस श्रीविष्णुसहस्रनामका भाष्य किया है । आचार्यका यह भाष्य ज्ञानियों और भक्तों दोनोंके लिये ही परम आदरकी वस्तु है ।
पूज्यपाद स्वामीजी श्रीभोलेबाबाजीने भाष्यका हिन्दी भाषान्तर कर पाठकोंपर बड़ा उपकार किया है । मेरी प्रार्थना है कि पाठक इसका अध्ययन और मनन करके विशेष लाभ उठावें ।
SKU: n/a -
RAMAKRISHNA MATH, संतों का जीवन चरित व वाणियां, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
श्रीरामकृष्ण वचनामृत
भगवान् श्रीरामकृष्ण परमहंसदेव का जीवन नितान्त आध्यात्मिक था। ईश्वरीय भाव उनके लिए ऐसा ही स्वाभाविक था जैसा किसी प्राणी के लिए श्वास लेना। उनके जीवन का प्रत्येक क्षण मनुष्य-मात्र के लिए आदेशप्रद कहा जा सकता है तथा उनके उपदेश विशेष रूप से अध्यात्म-गर्भित हैं और सार्वलौकिक होते हुए मानव-जीवन पर अपना प्रभाव डालने में अद्वितीय हैं।
SKU: n/a