अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
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English Books, Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shri Bhishma Pitamah, English 2187
English Books, Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीताShri Bhishma Pitamah, English 2187
The entire life of Bhishma Pitamah is an excellent example of renunciation and valour. His sense of devotion towards Lord Shri Krishna is worth imitating upon. The remarkable events of Bhishma Pitamaha’s life based on the Mahabharat and the SrimadBhagavat have been picturesquely described in this book
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Shri Karni Mata Ka Itihas
श्री करणी माता का इतिहास
प्रस्तुत पुस्तक में करणी माता से जुड़ी राजनीतिक एवं धार्मिक घटनाओं से अधिक उनकी मानवतावादी दृष्टिकोण, गौ रक्षा संस्कृति, मातृभूमि प्रेम, सर्वधर्म समभाव, नारी उत्थान एवं पर्यावरण संरक्षण आदि के क्षेत्र में उनका अतुलनीय योगदान, करणी माता से जुड़ी सभी घटनाओं के साथ-साथ इतिहास के पन्नों में छिपी उनकी शिक्षाओं एवं संदेशों आदि को नए रूप में प्रस्तुत किया। जिसके कारण करणी माता लोक देवी के रूप में प्रतिस्थापित हुई। Shri Karni Mata Itihas
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Shri Karni Mata Ke Chamatkar
-15%Hindi Books, Rajasthani Granthagar, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहासShri Karni Mata Ke Chamatkar
श्री करणी माता के चमत्कार
हिन्दू धर्म की यह मान्यता है कि जब-जब धर्म एवं संस्कृति पर संकट आता है तब तब पृथ्वी पर देवी-देवता का अवतरण होता है। मां पार्वती (सती) के वचनानुसार चारण जाति में प्राचीनकाल से वर्तमान तक अनेक देवियों में अवतार लिये है जिसकी एक विस्तृत श्रृंखला है। Karni Mata Ke Chamatkar
चारण जाति ने अवतरित होने वाली देवियों में also श्री बांकल मां, श्री आवड मां, श्री खोडियार मां, श्री गूली मां, श्री होल मां, श्री आशी (आछी) मां, श्री सेसी (छेछी) मां, श्री रूपली मां, श्री बिरवड़ मां, श्री पीठड मां, श्री अम्बाजी, श्री देवल मां सिढ़ायच, श्री लाल बाई मां, श्री फूल बाई मां, श्री देवल मां मीसण, श्री करणी मां, श्री केसर मां, श्री गैदा मां, श्री सिद्धि मां, श्री गुलाल मां, श्री मोगल मां, श्री सैणल मां, श्री कामेही मां, श्री चापल मां, श्री नागबाई मां, श्री राजल मां, श्री गीगाई मां, श्री चन्दू मां, श्री बहुचरा मां, श्री बूट मां, श्री बलाल मां, श्री हरिया मां, श्री देवनगा मां, श्री इन्द्र मां, श्री सायर मां, श्री लूंग मां, श्री सोनल मां, आदि प्रमुख है।
इन सभी देवियों के प्रति आज भी जन-मानस में गहरी श्रद्धा व आस्था हैं। all in all इनके भव्य मन्दिर बने हुए है जहां लक्खी मेले भरे भरे जाते है। श्री करणी माता जन्म से लेकर ज्योर्तिलीन होने तक के इतिहास का वर्णन किया है। मातेश्वरी श्री करणी माता का ज्योर्तिलीन के बाद का भी बहुत चामत्कारिक इतिहास रहा है।
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Shridurga Saptshati
दुर्गासप्तशती हिन्दू-धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ अनेक गूढ़ रहस्य भरे हैं। सकाम भक्त इस ग्रन्थ का श्रद्धापूर्वक पाठ कर के कामनासिद्धि तथा निष्काम भक्त दुर्लभ मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस पुस्तक में पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक, वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्णविधि, मूल पाठ, दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्री दुर्गामानसपूजा, तीनों रहस्य, क्षमा-प्रार्थना, सिद्धिकुञ्जिकास्तोत्र, पाठ के विभिन्न प्रयोग तथा आरती दी गयी है।
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Shridurgasaptshati (0489)
दुर्गासप्तशती हिन्दू-धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ अनेक गूढ़ रहस्य भरे हैं। सकाम भक्त इस ग्रन्थ का श्रद्धापूर्वक पाठ करके कामनासिद्धि तथा निष्काम भक्त दुर्लभ मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस पुस्तक में पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक, वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्णविधि, मूल पाठ, दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्रीदुर्गामानसपूजा, तीनों रहस्य, क्षमा-प्रार्थना, सिद्धिकुञ्जिकास्तोत्र, पाठ के विभिन्न प्रयोग तथा आरती दी गयी है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है।
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English Books, Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita, Pocket Size, English
English Books, Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीताShrimadbhagvadgita, Pocket Size, English
Shrimadbhagvadgita is the divine discourse of Bhagvan Shri Krishna spreading light for a purposeful human life. The book contains Sanskrit text with Hindi translation, glory of Gita, contents of principal subjects of each chapter of Shrimadbhagvadgita. The book also carries some essays regarding attainment of God through renunciation.
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, रामायण/रामकथा
Shriramcharitmanas Lankakand 0101
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है।
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Gita Press, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, रामायण/रामकथा
Shriramcharitmanas Sundarkand, 1919
श्रीरामचरितमानस सुंदरकाण्ड, मूल, श्रीहनुमानचालीसा सहित |
श्रीगोस्वामी तुलसीदासजी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। इस पुस्तक में श्रीरामचरितमानस के सुंदरकाण्ड का हिन्दी टीका के साथ प्रकाशन किया गया है।
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Shriramcharitmanas, Sundarkand, Pocket Size 0858
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है। श्रीरामचरितमानस के सभी संस्करणों में पाठ-विधि के साथ नवान्ह और मासपरायण के विश्रामस्थान, गोस्वामी जी की संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अंत में रामायण जी की आरती दी गयी है।
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