कहानियां
Showing 121–144 of 200 results
-
Rajpal and Sons, कहानियां
Meri Priya Kahaniyaan
प्रतिभा राय की गिनती भारत के अग्रणी लेखकों में होती है। अभी तक इनके सत्रह उपन्यास, आठ यात्रा-वृत्तांत और तीन सौ से अधिक कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। लिखती यह अपनी मातृभाषा उड़िया में हैं, लेकिन इनकी कृतियाँ कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुई हैं जिन में से प्रमुख है ‘द्रौपदी’। इनके लेखन में उस सामाजिक न्याय और विकास की तलाश रहती है जिस में धर्म, जात, प्रांत, भाषा का कोई भेदभाव नहीं और पुरुष-स्त्री दोनों का समान दर्जा है। इस पुस्तक में उन्होंने उन बारह कहानियों को चुना है जो उन्हें विशेष प्रिय हैं।
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, कहानियां
Meri Shreshtha Kavitayen
कालजयी रचना ‘मधुशाला’ के रचयिता हरिवंशराय बच्चन हिन्दी के सबसे लोकप्रिय कवि हैं जिनकी गिनती बीसवीं सदी के अग्रगण्य कवियों में सबसे ऊपर है। इस संकलन को स्वयं बच्चन जी ने तैयार किया था। इसमें उन्होंने अपनी सभी काव्य रचनाओं में जो उनकी नज़र में श्रेष्ठ थीं-उन्हें इसमें सम्मिलित किया। अलग-अलग समय, परिस्थिति और जीवन के पड़ाव के विभिन्न रंगों को दर्शाती ये कविताएं कवि की सम्पूर्ण काव्य-यात्रा से परिचित कराती हैं।
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, कहानियां
Milan Yamini
‘‘ ‘मिलन यामिनी’ में 99 कविताएँ हैं। इन्हें मैंने 33-33 के तीन भागों में विभक्त कर दिया है। पहले और तीसरे भाग में मैंने एक खास तरह के साँचे में ढली कविताएँ रखी हैं। दूसरे भाग में कोई ऐसा प्रतिबंध स्वीकार नहीं किया गया। धर्मशाला के इस मनोरम स्थान में, जहाँ एक ओर तो हिमाच्छादित धवलीधार पर्वतमाला खड़ी है और दूसरी ओर अनेक पहाड़ों, नालों और झरनों से निनादित और अभिसिंचित काँगड़ा की उर्वरा घाटी फैली है जिसकी दक्षिणी सीमा पर व्यास नदी दूर दूध की रेखा के समान दिखाई देती है, मैं अपनी वाणी पर नियंत्रण न रख सका। यही ‘मिलन यामिनी’ पूर्ण हुई है और यहीं मैंने उसके गीतों का क्रम आदि स्थापित किया एवं प्रेस कापी भी तैयार की।’’
SKU: n/a -
Vani Prakashan, उपन्यास, कहानियां
MIS TEEN WALA
मंटो फ़रिश्ता नहीं, इन्सान है। इसीलिए उसके चरित्र गुनाह करते हैं। दंगे करते हैं। न उसे किसी चरित्र से प्यार है न हमदर्दी। मंटो न पैगंबर है न उपदेशक। उसका जन्म ही कहानी कहने के लिए हुआ था। इसलिए फ़्साद की बेरहम कहानियाँ लिखते हुए भी उस का कलम पर पूरी तरह काबू रहता था। मंटो की खूबी यह भी थी की वो चुटकी बजते लिखी जाने वाली कहानियाँ भी आज उर्दू-हिन्दी अफ़साने का एक महत्व्व्पूर्ण हिस्सा बन चुकी है। यह पुस्तक पाठक को मंटो के विभिन्न रंगो से रू-ब-रु करती है।
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, ऐतिहासिक उपन्यास, कहानियां
Mission Overseas
हमारी सेना के विशेष अभियान जिनके बारे में जानना ज़रूरी है। अब तक अनदेखी खुफिया सैनिक रिपोर्टो और आंखों देखे बयानों को इस्तेमाल करते हुए पूर्व फौजी और पत्रकार सुशांत सिंह ने विदेशी धरती पर भारतीय सैनिक अभियानों का एक जीवंत इतिहास रचा है। ये भुला दिए गए अभियान मालदीव, श्रीलंका और सिएरा लियोन में चलाए गए थे। ये रोमांचक, सच्ची कहानियां भारतीय इतिहास के अब तक अनकहे रह गए एक अध्याय पर तो रोशनी डालती ही हैं, ये हर तरह की मुश्किलों का सामना करने वाले भारतीय सैनिकों की बेमिसाल बहादुरी को भी सामने लाती हैं।
SKU: n/a -
Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, कहानियां
Mumal
राजस्थानी भासा री कहाणियां लिखण मै रानीजी रौ धीजै-पतीजै जैडौ धणियाप। आपरी कहाणियां रै बूतै माथै राजस्थानी भासा रै सबद-संसार, भाव-मीठास ने कैवण वाला बातपोंसा सूं सुणियोड़ी, ख्यातां-बातां में बाचियोड़ी अर नवी उपजी बातां ने रानीजी सरावण जोग नवै अटंग ढंग-ढालै लिखी। लिखण री गजब निकेवली आंट रै पांण आपरी कहाणियां रा पात्र साचलका लखावण लागै। लक्ष्मीकुमारी चूण्डावत री कहाणियां री अेक खास घसक आ क उणां मे राजस्थान रै कण कण री आतमा पलका मारै। Mumal Laxmi Kumari Chundawat
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, कहानियां
Nani Ki Kahani
लेखक आर.के. नारायण की पड़नानी, बाला, के जीवन पर आधारित है यह पुस्तक। सात साल की मासूम बाला का विवाह दस वर्षीय विश्वा से होता है। एक दिन विश्वा कुछ तीर्थयात्रियों के साथ यात्रा पर निकल जाता है और वर्षों तक उसकी कोई खबर नहीं मिलती। रिश्तेदारों, पास-पड़ोस के तानों से परेशान होकर बाला पति को खोजने खुद ही निकल पड़ती है और पूना में उसे ढूँढ लेती है। अपने पति को किसी तरह वापस घर आने के लिए मना लेती है। परदेस में बाला को कैसी-कैसी कठिनाइयों से दो-चार होना पड़ता है, कैसे रोमांचक और खट्टे-मीठे अनुभव होते हैं, पढि़ये इस पुस्तक में…. नानी की कहानी आर.के. नारायण की पड़नानी के जीवन पर लिखी रचना है जो उन्होंने अपनी नानी से सुनी। ज्यों-ज्यों उनकी नानी यह कहानी बताती हैं त्यों-त्यों लेखक की रचना भी विस्तार लेती है। जीवन्त चरित्रों और रोज़मर्रा की जि़न्दगी की छोटी-छोटी बातों पर पैनी नज़र से कलम चलाना आर.के. नारायण की विशेषता थी जिसकी झलक इस पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ पर मिलती है।
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, कहानियां
Neelambara
‘नीलाम्बरा’ में संग्रहीत कविताओं के बारे में महादेवीजी ने यह कहा है, ‘‘काव्य में प्रकृति के सहयोग की कथा कालजयी कथा है, जिसे आज का निर्मम बुद्धिवाद अब तक भुला नहीं पाया। कदाचित् भुलाने का प्रयास मनुष्य को एकांगी बनाकर उससे आनन्द-उल्लास के मूल्यवान क्षण छीन लेगा।’’ महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च, 1907 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मिशन स्कूल इंदौर में हुई। 22 वर्ष की उम्र में महादेवी जी बौद्ध-दीक्षा लेकर भिक्षुणी बनना चाहती थीं लेकिन महात्मा गांधी से संपर्क होने के बाद अपना निर्णय बदलकर वह समाज सेवा में लग गईं। नारी-शिक्षा के प्रसार के उद्देश्य से उन्होंने प्रयाग महिला विद्यापीठ की स्थापना की और प्रधानाचार्य के पद की बागडोर संभाली। महादेवी जी की पहचान एक उच्च कोटि की हिन्दी कवयित्री, स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षा-शास्त्री और महिला ‘एक्टिविस्ट’ की थी। उन्हें 1969 में साहित्य अकादमी फैलोशिप, 1982 में ज्ञानपीठ पुरस्कार और 1988 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। महीयसी महादेवी की संपूर्ण काव्य-यात्रा न सिर्फ आधुनिक हिन्दी कविता का इतिहास बनने की साक्षी है, भारतीय मनीषा की महिमा का भी वह जीवन्त प्रतीक है। उनकी कविताएं हिन्दी साहित्य की एक सार्थक कालजयी उपलब्धि हैं। छायावाद की इस कवयित्री की हिन्दी साहित्य में अपनी एक अनूठी पहचान है।
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, कहानियां, बाल साहित्य
Neeli Chidiya
हरिवंशराय बच्चन अपनी प्रसिद्ध कविता ‘मधुशाला’ के लिए तो जाने ही जाते हैं लेकिन उन्होंने बच्चों के लिए भी कविताएँ लिखीं, यह शायद बहुत कम लोग जानते हैं। इस पुस्तक में उनकी वे बाल-कविताएँ हैं, जो उन्होंने अपनी पौत्री नीलिमा के पाँचवें जन्मदिन पर लिखी थीं।
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, कहानियां
Night Train at Deoli
नाइट ट्रेन ऐट देओली की अधिकतर कहानियों की पृष्ठभूमि उत्तराखंड की घाटियाँ हैं, जहाँ खुद रस्किन बाॅन्ड का घर है। पहाड़ों पर रहने वाले सीधे-साधे, सरल लोगों की ये कहानियाँ कहीं तो पाठक के दिल को छू लेती हैं और कहीं उनके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं। पहाड़ों पर विकास की गति बढ़ने से कैसे वृक्षों की जगह ऊँची इमारतें खड़ी हो रही हैं और स्टील, सीमेंट, प्रदूषण व आधुनिक रहन-सहन के तनाव और चिन्ताएँ इन लोगों की जि़न्दगी पर भारी पड़ रही हैं- इन सबकी पीड़ा की भी झलक इन कहानियों में मिलती है। ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित रस्किन बाॅन्ड की रूम आॅन द रूफ, वे आवारा दिन, उड़ान, दिल्ली अब दूर नहीं और एडवेंचर्स आॅफ़ रस्टी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं। ‘रस्किन बाॅन्ड की कहानियों में एक ताज़गी है। भारत के नज़ारों और जीवन के बारे में शायद ही किसी और लेखक ने इतने सहज और प्रामाणिक रूप् से लिखा होगा…हरेक कहानी जि़न्दगी के एक धड़कन दिल का आईना है।’ –नेशनल हैरल्ड
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, कहानियां
Nisha Nimantran
‘निशा−निमंत्रण’ बच्चन जी का बहुत ही लोकप्रिय काव्य है। इसका पहला संस्करण 1938 में निकला था। “निशा−निमंत्रण को 100 गीतों का संग्रह न समझें। वास्तव में यह सौ पदों में एक ही कविता है जो संध्या से आरम्भ हो, रात के अन्धकार में विकसित होती हुई प्रात: के वातावरण में समाप्त होती है।’’
SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, कहानियां, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Panch Pandav
प्रस्तुत पुस्तक पाँच पांडवों के व्यक्तित्व तथा उनके जीवन पर आधारित है। महाभारत के अनुसार पाँचों पांडव राजा पांडु के पुत्र थे। सबसे बड़े पुत्र धर्मराज युधिष्ठिर, भीमसेन तथा अर्जुन पांडु की पहली पत्नी रानी वुंक्तती से उत्पन्न हुए तथा नकुल और सहदेव राजा पांडु की दूसरी रानी माद्री के पुत्र थे। पाँचों पांडवों का लालन-पान रानी वुंक्तती ने ही किया था। बचपन से ही पाँचों पांडव शूरवीर, बलशाली, नीतिवान, बुद्धिमान तथा विवेकी थे। महाभारत में पाँचों पांडवों के जीवन से जुड़ी अनेक कथाएँ प्रचलित हैं, जिनके माध्यम से इनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया है।
SKU: n/a -
Rajpal and Sons, उपन्यास, कहानियां
Panther’s Moon
एक खूंखार आदमखोर तेंदुआ जिसने पास के गाँव में अपना खौफ बना रखा है, खतरनाक चीता और एक लड़के के बीच कैसे भरोसे का अनोखा-सा रिश्ता बन जाता है, मसखरे बन्दरों की टोली जो फूल उगाने वाली औरत से बदला लेने पर उतारू है, कौवा जो वास्तव में सोचता है कि मनुष्य कितने बेवकूफ होते हैं…. ये मनोरंजक कहानियाँ एक ऐसी दुनिया दर्शाती हैं जिसमें पशु और मानव एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते लेकिन साथ रहकर आपस में टकराते रहते हैं। भारत के अत्यन्त लोकप्रिय कहानीकार रस्किन बान्ड की ये पशु-पक्षी प्रधान कहानियाँ पाठक को अपने रस से मन-मुग्ध कर देंगी।
SKU: n/a -
Vani Prakashan, अन्य कथेतर साहित्य, कहानियां
Parinde
निर्मल वर्मा की कहानियों के प्रभाव के पीछे जीवन की गहरी समझ और कला का कठोर अनुशासन है। बारीकियाँ दिखाई नहीं पड़ती हैं तो प्रभाव की तीव्रता के कारण अथवा कला के सघन रचाव के कारण। एक बार दिशा-संकेत मिल जाने पर निरर्थक प्रतीत होने वाली छोटी-छोटी बातें भी सार्थक हो उठती हैं, चाहे कहानी हो चाहे जीवन। कठिनाई यह है कि दिशा-संकेत निर्मल की कहानी में बड़ी सहजता से आता है और प्रायः ऐसी अप्रत्याशित जगह जहाँ देखने के हम अभ्यस्त नहीं। क्या जीवन में भी सत्य इसी प्रकार अप्रत्याशित रूप से यहीं कहीं साधारण से स्थल में निहित नहीं होता? निर्मल ने स्थूल यथार्थ की सीमा पार करने की कोशिश की है। उन्होंने तात्कालिक वर्तमान का अतिक्रमण करना चाहा है, उन्होंने प्रचलित कहानी-कला के दायरे से बाहर निकलने की कोशिश की है, यहाँ तक कि शब्द की अभेद्य दीवार को लाँघकर शब्द के पहले के ‘मौन जगत्’ में प्रवेश करने का भी प्रयत्न किया है और वहाँ जाकर प्रत्यक्ष इन्द्रिय-बोध के द्वारा वस्तुओं के मूल रूप से पकड़ने का साहस दिखलाया है।
SKU: n/a