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Kapot Prakashan, Sandeep Deo Books, Suggested Books, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Kahani Communisto Ki: Khand 1 (1917-1964)
-10%Kapot Prakashan, Sandeep Deo Books, Suggested Books, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Kahani Communisto Ki: Khand 1 (1917-1964)
THE AUTHOR
संदीप देव
संदीप देव मूलतः समाज शास्त्र और इतिहास के विद्यार्थी हैं | बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक (समाजशास्त्र) करने के दौरान न केवल समाजशास्त्र, बल्कि इतिहास का भी अध्ययन किया है । मानवाधिकार से परास्नातक की पढ़ाई करने के दौरान भी मानव जाति के इतिहास के अध्ययन में इनकी रुचि रही है । वीर अर्जुन, दैनिक जागरण, नईदुनिया, नेशनलदुनिया जैसे अखबारों में 15 साल के पत्रकारिता जीवन में इन्होंने लंबे समय तक क्राइम और कोर्ट की बीट कवर किया है । हिंदी की कथेतर (Non-fiction) श्रेणी में संदीप देव भारत के Best sellers लेखकों में गिने जाते हैं । इनकी अभी तक 9 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । संदीप देव भारत में Bloombury Publishing के पहले मौलिक हिंदी लेखक थे, लेकिन वैचारिक कारणों से इन्होंने Bloombury से अपनी अब तक प्रकाशित सभी पुस्तकें वापस ले ली हैं । ऐसा करने वाले वो देश के एक मात्र लेखक हैं | इसके उपरांत कपोत प्रकाशन को पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में संदीप देव हिंदी के एकमात्र लेखक हैं, जिनकी पुस्तकों ने बिक्री में लाख के आंकड़ों को पार किया है | संदीप देव indiaspeaksdaily.com के संस्थापक संपादक हैं ।
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Kapot Prakashan, Sandeep Deo Books, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Sajish Ki Kahani Tathyo Ki Zubani (Hindi, Sandeep Deo)
-33%Kapot Prakashan, Sandeep Deo Books, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Sajish Ki Kahani Tathyo Ki Zubani (Hindi, Sandeep Deo)
THE AUTHOR
संदीप देव
संदीप देव मूलतः समाज शास्त्र और इतिहास के विद्यार्थी हैं | बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक (समाजशास्त्र) करने के दौरान न केवल समाजशास्त्र, बल्कि इतिहास का भी अध्ययन किया है । मानवाधिकार से परास्नातक की पढ़ाई करने के दौरान भी मानव जाति के इतिहास के अध्ययन में इनकी रुचि रही है । वीर अर्जुन, दैनिक जागरण, नईदुनिया, नेशनलदुनिया जैसे अखबारों में 15 साल के पत्रकारिता जीवन में इन्होंने लंबे समय तक क्राइम और कोर्ट की बीट कवर किया है । हिंदी की कथेतर (Non-fiction) श्रेणी में संदीप देव भारत के Best sellers लेखकों में गिने जाते हैं । इनकी अभी तक 9 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । संदीप देव भारत में Bloombury Publishing के पहले मौलिक हिंदी लेखक थे, लेकिन वैचारिक कारणों से इन्होंने Bloombury से अपनी अब तक प्रकाशित सभी पुस्तकें वापस ले ली हैं । ऐसा करने वाले वो देश के एक मात्र लेखक हैं | इसके उपरांत कपोत प्रकाशन को पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में संदीप देव हिंदी के एकमात्र लेखक हैं, जिनकी पुस्तकों ने बिक्री में लाख के आंकड़ों को पार किया है | संदीप देव indiaspeaksdaily.com के संस्थापक संपादक हैं ।
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Kapot Prakashan, Suggested Books, रामायण/रामकथा
Global Footprints of Ramayan
This book debunks many misconceptions that have been introduced in the minds of billions of people by vested interests who want to weaken their faith in Shri Ram. The researched facts presented in this book will inspire the reader to read Valmiki’s Ramayan with a new vision and inspiration.
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Govindram Hasanand Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, इतिहास, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति
Bharatvarsh Ka Itihas
-5%Govindram Hasanand Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, इतिहास, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृतिBharatvarsh Ka Itihas
भारत की सर्वप्रथम सभ्यता तो वैदिक सभ्यता ही थी, जिससे भारतवर्ष का इतिहास प्रारम्भ होता है। भारतीय इतिहास के प्रथम स्रोत भी वैदिक ग्रन्थ ही हैं, जैसे वेदों की वे शाखाएँ जिनमें ब्राह्मण-पाठ सम्मिलित हैं, ब्राह्मण ग्रन्थ, कल्प सूत्र, आरण्यक और उपनिषद् ग्रन्थ!
भारत युद्ध-काल के सहस्रों वर्ष पूर्व की अनेक ऐतिहासिक घटनाएँ वर्णित हैं। भारतीय वाङ्मय में स्थान-स्थान पर इतिहास की घटनाओं का वर्णन भरा पड़ा है, लेखक ने उन घटनाओं को क्रमबद्ध करने का संक्षिप्त प्रयास किया है। भारतीय इतिहास को बहुत विकृत कर दिया गया है। सत्य को असत्य प्रदर्शित किया जाता है और असत्य को सत्य बनाने का यत्न किया गया।
इसके भयंकर दुष्परिणाम हुए-भारतीय अपना भूत ही भूल गए वे इन मिथ्या कल्पनाओं को ही सत्य समझने लगे। लेखक ने अपने अध्ययन काल में ही निश्चय कर लिया था कि वह अपना सारा जीवन भारतीय संस्कृति और इतिहास के पाठ तथा स्पष्टीकरण में लगाएंगे। आशा है इतिहास के लेखक और पाठक उनके इस परिश्रम से लाभान्वित होंगे।SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, सही आख्यान (True narrative)
MAHARANA: सहस्र वर्षो का धर्मयुद्ध
-20%Hindi Books, Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, सही आख्यान (True narrative)MAHARANA: सहस्र वर्षो का धर्मयुद्ध
पंचमक्कारों के नरेशन्स को ध्वस्त करने वाली पुस्तक इस्लामी आक्रमणकारियों के गौरवशाली हिंदू प्रतिरोध पर आधारित है। अपनी कॉपी को आज ही बुक करें और अपने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों को भी ऐसा करने के लिए कहें। और इतिहास निर्माण का हिस्सा बने।
इस क्षणभंगुर अस्तित्व में यदि कोई तत्त्व स्थायी हैं तो वे हैं आत्मसम्मान तथा स्वतंत्रता। ये तत्त्व, बहुत मूल्य चुका कर प्राप्त होते हैं। मेवाड़ के महान सिसोदिया राजवंश ने अपने सुख, संपत्ति व जीवन का मूल्य चुकाकर ये तत्त्व हिंदू समाज को सहजता से दे दिए। एक सहसख्र वर्षों तक अरावली में यायावरों का सा जीवन जीने वाले मेवाड़ के इन अवतारी पुरुषों के कारण ही भारत में आज केसरिया लहराता है।
यह पुस्तक उन महापुरुषों के प्रति हिंदू समाज की कृतज्ञता व्यक्त करने का एक प्रयास है। लेखक ने निष्पक्ष प्रामाणिकता से भारत के इतिहास के साथ हुए व्यभिचार को उजागर किया है । यह पुस्तक स्थापित भ्रांतियों को भंग करने के अतिरिक्त नई मान्यताओं को भी स्थापित करती है।
भारतीय उपमहाद्वीप में गत चौदह शताब्दियों से चले आ रहे हिंदू-मुस्लिम संघर्ष को यह पुस्तक उसकी भयानक नग्नता में प्रकट करती है। हत्यारे व बलात्कारी आक्रांताओं के समूह से हिंदू धर्म को बचाकर लानेवाले इन देवपुरुषों के इतिहास को किस निर्लज्जता व निकृष्टता से पोंछ डाला गया है, यह इस पुस्तक का आधार है।
सत्य कोई अवधारणा नहीं, बल्कि जीवन का मूल स्रोत है । जो समाज असत्य में जिएगा, वह बच नहीं सकता। जो समाज सत्य धारण करेगा, वह शाश्वत अमरत्व को प्राप्त होगा। मेवाड़ के महान् पुरखे तो सत्य में जीकर इहलोक व परलोक में परमगति पा गए। क्या आज के हिंदू समाज में इतना आत्मबल हे कि सत्य के लिए लड़ सके”’जी सके ”मर सके !
इन प्रश्नों के उत्तर ही निश्चित करेंगे कि हिंदू समाज सफलता के शिखर को छुएगा या अब्राह्मिक मतों की दासता भोगता हुआ मिट जाएगा।
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Hindi Sahitya Sadan, इतिहास, ऐतिहासिक उपन्यास
Mopla (Hindi) – Veer Savarkar
मोपला अर्थात मुझे इससे क्या यह पुस्तक केरल में हुए हिन्दू नरसंहार के ऊपर आधारित है एवं इस पुस्तक में हिंदुओं की कमज़ोरी पर ध्यान दिया गया है । हर हिन्दू को यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए और वीर सावरकर ने हिंदुओ की जिस कमज़ोरी को इस पुस्तक में बताया है उस से छुटकारा पाना चाहिए । मालाबार का भीषण रक्त पात व हिंदू वीनाओं का मार्मिक उपन्यास आधुनिक युग के महान क्रांतिकारी Vinayak Damodar Savarkar की लेखनी से लिखा मुसलमानों की मनोवृति का यथार्थ जीवन चित्रण।
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Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, सही आख्यान (True narrative)
Islam Aur Communism (PB)
Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, सही आख्यान (True narrative)Islam Aur Communism (PB)
हिन्दू रक्षा-शिक्षा के लिए एक अनिवार्य पुस्तक। तीन अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों की चेतावनी जैसे विश्लेषण-विवरण की हिन्दी में सारभूत प्रस्तुति।
इस्लाम के अनुसार अच्छा मुसलमान वह है जो प्रोफेट के सुन्ना का पालन करता है। यही एकमात्र निर्धारक है। यदि इस्लाम को जानना है तो सदैव मुहम्मद की ओर देखें, न कि किसी नेता, विद्वान या मौलाना को। तभी आपको सत्य मिलेगा। वरना धोखे खाने की ही पूरी संभावना है।… इस्लाम द्वारा दूसरों के साथ सह-अस्तित्व की सारी बातें सदैव अस्थाई होती हैं।… इसलिए पहले इस्लामी सिद्धांत व इतिहास जान कर ही सच्चाई समझे। यह अब कठिन नहीं रहा। तभी जरूरी है कि इस्लाम के सिद्धांत और व्यवहार के इतिहास को पूरी तरह जानने की व्यवस्था करना अनिवार्य कर्तव्य है। Islam denies coexistence
इस्लाम के साथ सामंजस्य का मतलब है उस की ओर से आती रहने वाली क्रमशः अंतहीन माँगें (डॉ. अंबेदकर ने कहा था, ‘मुसलमानों की माँगे हनुमान जी की पूँछ की तरह बढ़ती जाती हैं’) पूरी करते जाना। प्रोफेट मुहम्मद अपनी माँगों में कभी नहीं रुके,जब तक कि उन की 100% माँगें पूरी नहीं हो गईं। वही मुसलमानों के आदर्श हैं। इसलिए काफिरों के लिए कोई आसानी का रास्ता नहीं।
उन्हें समझ लेना होगा कि इस्लाम उस एक चीज – जिहाद – को कभी नहीं छोड़ेगा, जिस से उसे आज तक सारी सफलता मिली! इस्लाम की सारी सफलता राजनीतिक समर्पण की माँग, दोहरेपन और हिंसा पर आधारित है। बेचारा काफिर जो बदलना चाहता है वह यही चीज है – हिंसा, दबाव, हुज्जत, और राजनीति। जबकि काफिर से समर्पण की माँग करना और हिंसा करना, यही इस्लाम की सफलता का गुर रहा है। अतः हिंसा, दबाव, हुज्जत, और माँगें कभी नहीं रुकने वाली, क्योंकि वह 1400 वर्षों से काम कर रही हैं। आज तो वह पहले किसी भी समय से अधिक काम कर रही हैं! भारत में ही किसी भी हिन्दू नेता का भाषण सुन लीजिए।
यह पुस्तक राजनीतिक इस्लाम और कम्युनिज्म के स्वरूपों पर, भिन्न-भिन्न देशों के तीन बड़े विद्वानों के प्रमाणिक
आकलनों की एक प्रस्तुति है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति को समझने में भी यह सहायक हो सकती है।SKU: n/a -
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Vohra committee Report Some part Published by Outlook, 1996
After the 1993 Bombay blasts, the Home Ministry collected considerable information on the links between Congress politicians and the underworld. The details of this investigation were submitted to the Vohra Committee.
Excerpts: Underworld Operator Political/Bureaucratic Patronage
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Statement in solidarity with Mr. Prashant Bhushan
Of late scores of intellectuals, common man, reporters, so-called social activists, Retd. judges, Ex IASs have joined hands to support the removal of SC proceedings (contempt of court) against Advocate Prashant Bhushan. Download this FREE PDF which contains the statement in solidarity with Mr. Prashant Bhushan endorsing the withdrawal of contempt proceedings.
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Kejriwal Truth or Conspiracy eBook
1- अन्ना – अरविंद आंदोनलन के पीछे खड़ी थी ‘टीम सोनिया’!
2- अन्ना के गिरफ़्तारी से लेकर ‘आआपा’ (AAP) के निर्माण तक सब कुछ था फ़िक्स!
3- भारत में राजनैतिक अस्थिरता के लिए विदेशी फ़ंडिंग का खेलअभी डाउनलोड करें और जाने ऐसे और भे सनसनी ख़ुलासे इस ebook में।
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Harf Media Private Limited, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Jo Bhi Kahoonga Sach Kahoonga (PB)
Harf Media Private Limited, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Jo Bhi Kahoonga Sach Kahoonga (PB)
प्रस्तुत पुस्तक अजीत भारती की चौथी पुस्तक है। व्यंग्य की विधा में ‘बकर पुराण’ से अपनी अलग पहचान बना चुके लेखक ने दोबारा उसी विधा में वापसी की है। ‘जो भी कहूँगा, सच कहूँगा’ राजनैतिक व्यंग्य संग्रह है जिसमें भारत की न्यायिक व्यवस्था, नेताओं और पार्टियों समेत चौथे स्तंभ मीडिया पर चुभते हुए कटाक्ष हैं। जज और न्यायालयों पर उनके द्वारा लिखे कटाक्ष से सरकार इतनी हिल गई कि भारत के अटॉर्नी जनरल ने लेखक पर सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अवमानना (क्रिमिनल कन्टेम्प्ट) का केस चलाने की अनुमति दे दी। उनकी अन्य पुस्तकों में एक लघु उपन्यास ‘घरवापसी’ और एक कथा संग्रह (अंग्रेजी में) ‘There Will Be No Love’ शामिल हैं। अजीत भारती 12 वर्षों से पत्रकारिता और साहित्यिक लेखन करते रहे हैं। वर्तमान में वो ‘DO Politics’ के सह-संस्थापक और संपादक के रूप में पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, Religious & Spiritual Literature, Suggested Books, पाठ्य-पुस्तक
Vastu Vidya
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, Religious & Spiritual Literature, Suggested Books, पाठ्य-पुस्तकVastu Vidya
‘अनंत शयन संस्कृत ग्रंथावली’ के तीसवाँ (३०) अंक का प्रसिद्ध ‘वास्तु विद्या’ का यह द्वितीय संस्करण है। यह ११०६वें वर्ष (कोलंबाब्द) में आरम्मुळ वासुदेव मूस महाशय से प्राप्त वास्तु विद्या का केरल भाषा में लिखित व्याख्या के आधार पर, इसी ग्रंथालय में तात्कालिक अध्यक्ष, श्री महादेव शास्त्री के द्वारा प्रस्तुत लघु विवृत्ति नाम के व्याख्यान को अर्थ स्पष्टीकरण के लिए संयोजित किया है। वास्तु संबंधी ज्ञान इस ग्रंथ से प्राप्त हो, अतः इसका ‘वास्तु विद्या’, संज्ञा करण समुचित लगता है।
और यह ‘साधन कथन’ से आरंभ होकर, ‘मृल्लोष्ट विधान’ तक सोलह अध्यायों में सगुंफित है। ग्रंथ के सोलहवें अध्याय के अंत में, समाप्ति प्रकटन का कोई दूसरा वाक्य उपलब्ध नहीं है। ‘इति वास्तु विद्या समाप्त’, ऐसा दृश्यमान होने पर भी—
“दारुस्वीकरणं वक्ष्ये निधिगेहस्य लक्षणे।”
(अध्याय १३)
अर्थात् निधि गेह के लक्षण में दारु ग्रहण (लकड़ी का चयन) करना बताऊँगा।
इस प्रकार ग्रंथकर्ता के ‘दारुस्वीकरण’ आदि स्वयं की वचनबद्धता से बोध के अभाव से (अज्ञानता या भ्रम के कारण) लेखक के द्वारा (‘इति वास्तु विद्या समाप्त’ ऐसा) लिखित होना संभावित होता है।
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, Suggested Books, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति, सही आख्यान (True narrative)
Indra Vijay
Hindi Books, Rajasthani Granthagar, Suggested Books, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति, सही आख्यान (True narrative)Indra Vijay
An Old and Rare Book
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला 6 – इन्द्रविजयः – पण्डित मधुसूदन ओझा शोध प्रकोष्ठ | Pandit Madhusudan Ojha Granthamala 6 – Indravijay – Pt. Madhusudan Ojha Research CellSKU: n/a -
English Books, Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, सही आख्यान (True narrative)
MAHARANAS: A Thousand Year War for Dharma
-20%English Books, Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, सही आख्यान (True narrative)MAHARANAS: A Thousand Year War for Dharma
पंचमक्कारों के नरेशन्स को ध्वस्त करने वाली पुस्तक इस्लामी आक्रमणकारियों के गौरवशाली हिंदू प्रतिरोध पर आधारित है। अपनी कॉपी को आज ही बुक करें और अपने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों को भी ऐसा करने के लिए कहें। और इतिहास निर्माण का हिस्सा बने।
The book that is going to become as sacred as scriptures in each Hindu home. The book that will destroy the lies woven around the glorious Hindu resistance for one thousand uninterrupted years to Islamic invaders of various hues.
The book that will reveal the truth of the greatest Dynasty, not just the greatest Hindu Dynasty, not just the greatest Dynasty of Bharat, but the greatest Dynasty in the world: The Sisodiyas of Mewad. The Avataras who fought invaders non-stop for 1000 years, who endured all hardships, who refused to surrender even when their kingdom was encircled by enemies on all sides, who lived like nomads, but refused to give up. The Dynasty because of which Kesaria still flies on the sacred land of Bharat.
The book questions the whitewash of the deeds and lives of the great Maharanas, especially the greatest of them; Maharana Pratap Singh.
Written by a passionate practicing surgeon who brings the same incisiveness, exactness, and accuracy to the study of the history of this great Dynasty, as his profession.
The book that will arouse in you the sleeping kshatriya, and will remind you that honour and pride do not define the man, they are the man.
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Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
1857 Ka Swatantraya Samar
-10%Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)1857 Ka Swatantraya Samar
Vinayak Damodar Savarkar
वीर सावरकर रचित ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ विश्व की पहली इतिहास पुस्तक है, जिसे प्रकाशन के पूर्व ही प्रतिबंधित होने का गौरव प्राप्त हुआ। इस पुस्तक को ही यह गौरव प्राप्त है कि सन् 1909 में इसके प्रथम गुप्त संस्करण के प्रकाशन से 1947 में इसके प्रथम खुले प्रकाशन तक के अड़तीस वर्ष लंबे कालखंड में इसके कितने ही गुप्त संस्करण अनेक भाषाओं में छपकर देश-विदेश में वितरित होते रहे। इस पुस्तक को छिपाकर भारत में लाना एक साहसपूर्ण क्रांति-कर्म बन गया। यह देशभक्त क्रांतिकारियों की ‘गीता’ बन गई। इसकी अलभ्य प्रति को कहीं से खोज पाना सौभाग्य माना जाता था। इसकी एक-एक प्रति गुप्त रूप से एक हाथ से दूसरे हाथ होती हुई अनेक अंत:करणों में क्रांति की ज्वाला सुलगा जाती थी।
पुस्तक के लेखन से पूर्व सावरकर के मन में अनेक प्रश्न थे—सन् 1857 का यथार्थ क्या है? क्या वह मात्र एक आकस्मिक सिपाही विद्रोह था? क्या उसके नेता अपने तुच्छ स्वार्थों की रक्षा के लिए अलग-अलग इस विद्रोह में कूद पड़े थे, या वे किसी बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक सुनियोजित प्रयास था? यदि हाँ, तो उस योजना में किस-किसका मस्तिष्क कार्य कर रहा था? योजना का स्वरूप क्या था? क्या सन् 1857 एक बीता हुआ बंद अध्याय है या भविष्य के लिए प्रेरणादायी जीवंत यात्रा? भारत की भावी पीढ़ियों के लिए 1857 का संदेश क्या है? आदि-आदि। और उन्हीं ज्वलंत प्रश्नों की परिणति है प्रस्तुत ग्रंथ—‘1857 का स्वातंत्र्य समर’! इसमें तत्कालीन संपूर्ण भारत की सामाजिक व राजनीतिक स्थिति के वर्णन के साथ ही हाहाकार मचा देनेवाले रण-तांडव का भी सिलसिलेवार, हृदय-द्रावक व सप्रमाण वर्णन है। प्रत्येक भारतीय हेतु पठनीय व संग्रहणीय, अलभ्य कृति!SKU: n/a -
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National Education Policy 2020 – Full Paper
This National Education Policy, 2020 is the first education policy of the 21st century and aims to address the many growing developmental imperatives of our country.
The gap between the current state of learning outcomes and what is required must be bridged through undertaking major reforms in the Indian Education system that bring the highest quality, equity, and integrity into the system, from early childhood education through higher education.
Download the FREE PDF document to read the full National Education Policy, 2020.
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Rajpal and Sons, पाठ्य-पुस्तक, भाषा, व्याकरण एवं शब्दकोश
Sanskrit Swayam Shikshak | संस्कृत स्वयं-शिक्षक
-24%Rajpal and Sons, पाठ्य-पुस्तक, भाषा, व्याकरण एवं शब्दकोशSanskrit Swayam Shikshak | संस्कृत स्वयं-शिक्षक
Sanskrit Self Learner An easy guide to learning Sanskrit on your own without attending any classes or going to a teacher. * Written by the renowned Sanskrit scholar, Shripad Damodar Satvalekar, complete with self-testing exercises, the book has proved popular both with students as well as educational institutions. Bi-lingual
संस्कृत स्वयं शिक्षक किसी भी कक्षा में भाग लेने या शिक्षक के पास जाए बिना अपने दम पर संस्कृत सीखने के लिए एक आसान गाइड * प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान, श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा लिखित, आत्म-परीक्षण अभ्यासों के साथ, यह पुस्तक छात्रों और शैक्षिक संस्थानों के साथ लोकप्रिय साबित हुई है। द्वि-बहुभाषी”
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Prabhat Prakashan, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
Hindutva (PB)
‘हिंदुत्व’ एक ऐसा शब्द है, जो संपूर्ण मानवजाति के लिए आज भी अपूर्व स्फूर्ति तथा चैतन्य का स्रोत बना हुआ है। इस शब्द से संबद्ध विचार, महान् ध्येय, रीति-रिवाज तथा भावनाएँ कितनी विविध तथा श्रेष्ठ हैं। ‘हिंदुत्व’ कोई सामान्य शब्द नहीं है। यह एक परंपरा है। एक इतिहास है। यह इतिहास केवल धार्मिक अथवा आध्यात्मिक इतिहास नहीं है। अनेक बार ‘हिंदुत्व’ शब्द को उसी के समान किसी अन्य शब्द के समतुल्य मानकर बड़ी भूल की जाती है। वैसे यह इतिहास मात्र नहीं है, वरन् एक सर्वसंग्रही इतिहास है। ‘हिंदू धर्म’, यह शब्द ‘हिंदुत्व’ से ही उपजा उसी का एक रूप है, उसी का एक अंश है।
‘हिंदुत्व’ शब्द में एक राष्ट्र, हिंदूजाति के अस्तित्व तथा पराक्रम के सम्मिलित होने का बोध होता है। इसीलिए ‘हिंदुत्व’ शब्द का निश्चित आशय ज्ञात करने के लिए पहले हम लोगों को यह समझना आवश्यक है कि ‘हिंदू’ किसे कहते हैं। इस शब्द ने लाखों लोगों के मानस को किस प्रकार प्रभावित किया है तथा समाज के उत्तमोत्तम पुरुषों ने, शूर तथा साहसी वीरों ने इसी नाम के लिए अपनी भक्तिपूर्ण निष्ठा क्यों अर्पित की, इसका रहस्य ज्ञात करना भी आवश्यक है।
प्रखर राष्ट्रचिंतक एवं ध्येयनिष्ठ क्रांतिधर्मा वीर सावरकर की लेखनी से निःसृत ‘हिंदुत्व’ को संपूर्णता में परिभाषित करती अत्यंत चिंतनपरक एवं पठनीय पुस्तक।SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, Suggested Books, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति, धार्मिक पात्र एवं उपन्यास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
Main Aryaputra Hoon (PB)
Prabhat Prakashan, Suggested Books, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति, धार्मिक पात्र एवं उपन्यास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शनMain Aryaputra Hoon (PB)
‘‘हे आर्य! कोई बाहरी आक्रमणकारी जब किसी अन्य देश में प्रवेश करता है तो बाहर से भीतर आता है या भीतर से बाहर जाता है?’’
‘‘यह कैसा प्रश्न हुआ, आर्या! स्वाभाविक रूप से बाहर से भीतर
आता है।’’
‘‘और इसी स्वाभाविक तर्क के आधार पर ही मैं भी एक प्रश्न पूछना चाहूँगी। अगर यह मान लिया जाए कि हम आर्य बाहर से आए थे तो पश्चिम दिशा से प्रवेश करने पर सर्वप्रथम सिंधु के तट पर बसना चाहिए था और फिर पूरब दिशा की ओर बढ़ना चाहिए था। लेकिन वेद और पुरातत्त्व के प्रमाण कहते हैं कि हम आर्य पहले सरस्वती के तट पर बसे थे, फिर सिंधु की ओर बढ़े। यही नहीं, सरस्वती काल से भी पहले हम आर्यों का इतिहास विश्व की प्राचीनतम नगरी शिव की काशी और मनु की अयोध्या से संबंधित रहा है। और ये दोनों नगर भारत भूखंड के भीतर सरस्वती नदी की पूरब दिशा में हैं अर्थात् हम आर्य पूरब से पश्चिम दिशा की ओर बढ़े थे।…तो फिर ये कैसे बाहरी (?) आर्य थे जो भीतर से बाहर (!!) की ओर बढ़े थे।…झूठ के पाँव नहीं होते हैं आर्य, ये झूठे इतिहासकार आपके प्रामाणिक प्रश्नों के उत्तर क्या ही देंगे, जब ये मेरे इस सरल तर्क और सामान्य तथ्य पर बात नहीं कर सकते।’’
‘‘असाधारण तर्क आर्या!’’SKU: n/a -
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National Education Policy 2020 – Hindi
शिक्षा पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने, एक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज के विकास और राष्ट्रीय विकास को बढावा देने के लिए मूलभूत आवश्यकता है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 21वी शाताब्दी की पहली शिक्षा नीति है जिसका लक्ष्य हमारे देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 फ़्री में डाउनलोड करें और जाने ।
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