AUTHOR: Pandit Bhagawadatt
Publisher: Govindram Hasanand
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 978-81-7077-110-8
COVER: HB
Pages:890
Vedic Vangmay ka Itihas Set of 3
वैदिक वाड्मय का इतिहास 3 खण्ड में प्रकाषित किया गया है।
इसके प्रथम खण्ड में मुख्यतः वैदिक शाखाओं पर विचार किया गया है। विद्वान लेखक ने भाषा शास्त्र तथा भारत के प्राचीन इतिहास विषयक अपने मौलिक चिन्तन का सार भी प्रस्तुत किया है। पं. भगवद्दत्त जी की धारणाऐं और उपपत्तियां विद्वत् संसार में हड़कम्प मचा देने वाली थीं।
इसके द्वितीय खण्ड में लेखक ने ब्राहाण और आरण्यक साहित्य का विचार किया। उपलब्ध और अनुपलब्ध ब्राहाणों के विवरण के पष्चात् इन ग्रन्थों पर लिखे गये भाष्यों और भाष्यकारों की पूरी जानकारी दी गई है।
इस ग्रन्थ के तीसरे खण्ड में अनेक ऐसे भाष्यकारों की चर्चा हुई है जिनके अस्तित्व की जानकारी भी लोगों को नहीं थी।
Rs.1,350.00 Rs.1,500.00
Weight | 2.800 kg |
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Dimensions | 9.5 × 6.9 × 3.14 in |
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