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Vayam Raksham | वयं रक्षामः


“इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य, अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्मृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देखकर सारे संसार ने अन्तरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर-रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।… उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है…”

Rs.427.00 Rs.475.00

‘वयं रक्षामः’ में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नयी स्थापनाएँ हैं, मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन है। शिशन देव की उपासना है, वैदिक-अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर मांस की खुले बाज़ार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है। …

Weight 0.475 kg
Dimensions 8.7 × 5.51 × 1.57 in

AUTHOR : Acharya Chatursen
ISBN : 9788170281351
Language : Hindi
Publisher: Rajpal and Sons
Binding : HB
pages : 416

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