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Sanskritik Utthan Ka Marg


आज समाज में जीवन-मूल्य, नैतिकता, पारस्परिकता, परोपकार आदि लुप्तप्राय हो रहे हैं। समसामयिक विषयों पर लिखे गए ये लेख-घटनाएँ-प्रसंग ज्ञानवर्धक हैं। यह सामग्री पाठकों को संस्कारित करेगी और उनमें समाज के प्रति कर्तव्यभाव जाग्रत् करेगी, ऐसा विश्वास है। ‘वसुधैव  कुटुम्बकम्’,  ‘सर्वे  सन्तु निरामयाः’, ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ का मूलमंत्र हृदयंगम कर अगर हर भारतीय अपना सकारात्मक योगदान करेगा तो निश्चित रूप से भारत पुनः शीर्ष पर पहुँच सकेगा, यह पुस्तक इसी संदेश को प्रसारित करने का उपक्रम है। समाज-जागृति की दिशा में यह सामग्री अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है और सामाजिक क्षेत्र में यह भावी पीढि़यों के लिए एक दर्पण का काम करेगी।
आज की प्रजातंत्रीय व्यवस्था में व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता परम आवश्यक है। ये लेख इस दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। इस पुस्तक में महापुरुषों के जीवन से जुड़ी जिन घटनाओं का उल्लेख है, वे पाठक के लिए पथ-प्रदर्शक के रूप में अपना विशेष महत्त्व रखती हैं। इसकी विषयवस्तु पाठकों में अध्ययन के प्रति उत्कंठा पैदा करेगी। इन लेखों का प्रकाशन लोगों में पठन के प्रति रुचि जाग्रत् करेगा और उन्हें सुसंस्कृत बनाएगा।

Rs.450.00 Rs.500.00

Ram Sahay

जन्म  :  19 अगस्त, 1934।
शिक्षा  :  एम.ए. (राजनीति विज्ञान), बी.टी.।
कर्तृत्व  :  समाज के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व जिला समाज-अध्यक्ष, स्थानीय समाज के पूर्व अध्यक्ष, समाज के राष्ट्रीय संरक्षक, जिला वैश्य महासम्मेलन-उपाध्यक्ष, समाज पत्रिका प्रभारी, सुंदरदास पुस्तकालय की स्थापना, स्थानीय समाज भवन में संत श्री सुंदरदास एवं बलराम दासजी की प्रतिमाओं की स्थापना, स्थानीय मंडी चौराहा पर संत श्री सुंदर दास की प्रतिमा की स्थापना, स्थानीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य।
प्रकाशन  :  ‘प्रकृति की गोद में’, ‘सांस्कृतिक उत्थान का मार्ग’, ‘कर्म ही पूजा है’, ‘परमार्थ ही जीवन है’ प्रकाशित।
संपर्क  :  वार्ड नं. 16, खेरली जिला अलवर (राज.)।

Weight 0.850 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  Ram Sahay
  •  9789352665815
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  Ist
  •  2018
  •  256
  •  Hard Cover

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