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Sambhaji Maharaj (Hindi Translation of Life and Death of Sambhaji)


संभाजी महाराज की नजर महादजी की ओर जाती है। यह सही बातें कहने और करने का समय है। अभी वे जो करेंगे, वह उनके देश की नियति बदल देगा। वे मराठी में कहते हैं, ”महादजी, आबा साहिब ने हर सैनिक के जीवन का सम्मान किया। वे चाहते थे कि हम बेवजह शहादत से बचें और जीवित रहें, ताकि हम स्वराज के लिए, मराठा राष्ट्र के लिए एक और लड़ाई लड़ सकें, लेकिन उन्होंने कभी भी मराठा राष्ट्र के बदले में जीवन को गले नहीं लगाया होता।

संभाजी महाराज फर्श पर एक ढेर की तरह गिर जाते हैं। वे जानते हैं कि कुछ ही दिनों में उनकी आँखें निकाल ली जाएँगी। लेकिन औरंगजेब बस इतना ही कर सकता है। संभाजी महाराज मराठों के दिलों में एक आग जला जाएँगे और वे दावानल में बदल जाएँगे, जो औरंगजेब के सपनों को जलाकर राख कर देंगे। युद्ध चलता रहेगा लेकिन वह कभी दक्कन नहीं जीत पाएगा।
—इसी पुस्तक से

छत्रपति शिवाजी महाराज के उतने ही प्रतापी पुत्र संभाजी महाराज के शौर्य और पराक्रम की यशोगाथा बताती अनुपम कृति। आक्रांताओं के दाँत खट्टे कर मराठा स्वाभिमान को जाग्रत करने में संभाजी महाराज के योगदान को रेखांकित करनेवाली कृति। हर भारतीय के राष्ट्रभाव को जाग्रत करनेवाली पठनीय कृति।”

Rs.540.00 Rs.600.00

  •  Medha Deshmukh Bhaskaran
  •  9789355212290
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1st
  •  2022
  •  448
  •  Soft Cover
Weight 0.480 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in

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