Author – Sriram Mehrotra
ISBN – 9789350007563
Lang. – Hindi
Pages – 302
Binding – Hardcover
Weight | .500 kg |
---|---|
Dimensions | 7.87 × 5.51 × 1.57 in |
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Author – Sriram Mehrotra
ISBN – 9789350007563
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अवध प्रांत के सीमांकन को लेकर भिन्न विचारधाराएँ हैं,कुछ विद्वान इसके एक भौगोलिक क्षेत्र के रूप में डेकते है तो दूसरी और भाषाविदों के आनुसार यह वह क्षेत्र है जहां अवधि भाषा बोली जाती है। इस प्रांत को ऐतिहासिक सन्दर्भ में देखा जाए तो अलग-अलग कालखंड में इसकी सीमाएं एवं राजधानी परिवर्तित होती रही है। दूसरी ओर इस प्रांत में स्तिथ हरदोई जिले को कुछ लोग अवध में रखते हैं तो कुछ अलग मानते हैं फिलहाल वर्तमान प्रशासनिक ढांचे के अनुसार यह ज़िला अवध का ही भाग है। इस गज़ेटियर में हरदोई से जुड़ी वो सब बाते और मान्यताएं मिलेंगी जो फले से चली आ रही हैं।
“सृष्टि के सारे ग्रह पुल्लिंग हैं किन्तु एकमात्र पृथ्वी ही है जिसे स्त्रीलिंग कहा गया है क्योंकि पृथ्वी पर जीवन है, अर्थात् वह स्त्री ही होती है जो हमारे जन्म-जीवन का कारण होती है। सुश्री अंकिता जैन के द्वारा कृषि और कृषक पर लिखना मुझे आनन्द और आशा से भरता है। अंकिता की दृष्टि व्यापक ही नहीं गहरी भी है। उन्होंने ओह रे! किसान में बहुत गहरे उतरकर भूमिपुत्रों की परिस्थिति और मनःस्थिति का बेहद प्रभावशाली दृश्य प्रस्तुत किया है। नौकरी हो या व्यापार, संसार के सभी कर्म हम अपनी सुविधा से, अपने मन के मुताबिक़ कर सकते हैं, किन्तु कृषि एकमात्र कर्म है जिसे हमें मन के नहीं मौसम के अनुसार करना होता है, वह भी बिना रुके और बिना थके। सुश्री अंकिता को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ, मुझे विश्वास है कि किसानों की कथा और व्यथा को समाज और सरकार के सामने प्रस्तुत करने वाला उनका रचनाश्रम हमारी दृष्टि में ही नहीं हमारे दृष्टिकोण में भी सार्थक, व्यापक, सकारात्मक परिवर्तन का कारण होगा। जय कृषि-जय ऋषि! -आशुतोष राना अभिनेता और साहित्यकार “
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